ओआरओपी के तहत सरकार ने दिए 6,285 हजार करोड़ रुपए

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केंद्र सरकार ने देश के सैनिकों के लिए ओआरओपी स्कीम के तहत अब तक 6,285 करोड़ रुपये दे चुकी है। इस बात की जानकारी रक्षा राज्य मंत्री डॉ. सुभाष भामरे ने दी। डॉ. भामरे ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने एक रैंक एक पेंशन (ओआरओपी) योजना, लागू कर दी, जिसकी मांग कार्यान्वयन के लिए पिछले 40 से अधिक वर्षों से लंबित थी। 27 दिसंबर, 2016 को ओआरओपी बकाया के भुगतान की मौजूदा स्थिति इस प्रकार हैं:- प्रथम किस्त के रूप में 3,994.49 करोड़ रुपये 19,69,385 भूतपूर्व सैनिक को वितरित कर दिये गये हैं, जबकि दूसरी किस्त के तौर पर 2,290.72 करोड़ रुपये की राशि 15,54,849 भूतपूर्व सैनिकों को वितरित कर दी गयी है।
दिल्ली छावनी में 14 जनवरी को सशस्त्र बल सेवानिवृत्त सैनिक दिवस समारोह को संबोधित करते हुए डॉ. भामरे ने कहा कि सेवानिवृत्त सैनिक सशस्त्र बल परिवार का एक अनिवार्य हिस्सा है जो हमारे मूल्यों और संस्कृति के पालक हैं और यह हमारा कर्तव्य है कि हम उन्हें पूर्ण सम्मान दें, क्योंकि वे वर्तमान और अतीत के मध्य की एक अटूट कड़ी हैं। उन्होंने सेवानिवृत्त सैनिकों उनकी विधवाओं को यह आश्वासन दिया कि केंद्र, राज्य सरकारें और सभी सेवा मुख्यालय उनकी देखभाल के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं।
डॉ भामरे ने अपने संबोधन के दौरान सरकार द्वारा सेवानिवृत्त सैनिकों के कल्याण के लिए उठाए गए विभिन्न कदमों की जानकारी दी। पिछले वर्ष दिल्ली छावनी में भारतीय सेना के सेवानिवृत्त सैनिकों के लिए निदेशालय की स्थापना और प्रत्येक क्षेत्र और उप-क्षेत्र स्तर पर उनकी देखभाल के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का उन्होंने उल्लेख किया। मंत्री महोदय ने कहा कि पेंशन अनुदान, सेवानिवृत्त सैनिकों और उनके आश्रितों की स्वास्थ्य आवश्यकताओं की देखभाल के लिए प्रत्येक वर्ष भूतपूर्व सैनिकों के लिए रैलियों का आयोजन किया जाता है और पिछले वर्ष ऐसी 102 रैलियों का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया।
रक्षा राज्य मंत्री डॉ. सुभाष भामरे ने कहा है कि सरकार भूतपूर्व सैनिकों के मुद्दों और चिंताओं के प्रति संवेदनशील है और उनकी शिकायतों का समाधान करने के लिए सभी कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने भूतपूर्व सैनिकों से अपील की कि वे अपनी समस्याओं को व्यक्त करने और उनके निवारण की मांग के लिए आर्मी वेटरन पोर्टल जैसे उपलब्ध अधिकारिक माध्यमों का उपयोग करें।
मंत्री महोदय ने विशेष रूप से सेवानिवृत्त सैनिकों के कौशल विकास पर बल दिया, ताकि वे अपने कैरियर में एक नई पारी की शुरूआत करके राष्ट्र के विकास में प्रभावी ढंग से योगदान कर सकें। उऩ्होंने यह भी कहा कि पूर्व सैनिकों के स्वास्थ्य की देखभाल के लिए संपूर्ण भारत और नेपाल में ईसीएचएच अपने पॉलीक्लिनिकों के माध्यम से प्रभावी ढंग से कार्य कर रहा है।