ओडिशा नवीन पटनायक सरकार के कुशासन से मुक्ति चाहता हैः बसंत पंडा

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पंचायत चुनावों में भाजपा को भारी जीत मिलने के बाद ओडिशा भाजपा  अध्यक्ष श्री बसंत पंडा एक  दूरभाष  साक्षात्कार में कमल संदेश के एसोसिएट संपादक राम प्रसाद त्रिपाठी को कहा कि यदि बीजेडी हिंसा नहीं करती और इसकी सरकार सत्ता का दुरुपयोग नहीं करती तो भाजपा की जीत और बड़ी होती। उन्होने कहा कि बीजेडी सरकार के कुशासन के दिन गिने-चुने रह गए हैं और ओडिशा बदलाव के लिए तैयार है। प्रस्तुत है मुख्य अंशः 

हाल ही में संपन्न हुए ओडिशा पंचायत चुनावों में भाजपा को भारी जीत हासिल हुई है। ऐसी अभूतपूर्व सफलता के पीछे कौन से कारण हैं?

मेरे विचार से भाजपा की जीत के पीछे दो महत्वपूर्ण कारण हैं। पहला, पार्टी की सांगठनिक दक्ष्यता बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष माननीय अमित शाह जी के मार्गदर्शन और नेतृत्व में भाजपा दो साल पहले सदस्यता अभियान की शुरुआत की थी। जो सफलता के साथ ओडिशा में सम्पन्न हुआ। इससे पार्टी को बूथ एबं पंचायत स्तर पर मजबूती मिली। सदस्यता अभियान के बाद भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं ने पंचायत स्तर पर गरीबों के मुद्दों को प्रभावी व जोरदार ढंग से उठाया। साथ ही वे जन-जन के भलाई और विकास के लिए निरंतर काम कर रहे हैं। इस बड़ी जीत से यह स्पष्ट हो गया है कि भाजपा की विकास के प्रति प्रतिबद्धता को न केवल लोगों ने पसंद किया, बल्कि इसमें आस्था भी व्यक्त की है।

दूसरा कारण यह है कि प्रधानमंत्री माननीय नरेन्द्र मोदी केंद्र में सरकार बनाने के बाद लगातार ओडिशा के विकास के लिए विशेष ज़ोर दे रहे हैं। केंद्र सरकार ने आम बजट 2017-18 में ओडिशा की रेलवे, आधारभूत संरचनाओं, कृषि की विकास के लिए और युवाओं को रोजगार मुहैया करने के लिए ऐतिहासिक राशि आवंटित की है, जो पिछले 70 साल में कभी नहीं हुई। मोदी सरकार ने अभी तक जो भी ऐतिहासिक कदम उठाए हैं-जैसे ओआरओपी, सर्जिकल स्ट्राइक और विमुद्रीकरण-उसको ओडिशा की जनता ने खुलेदिल से समर्थन किया है। भ्रष्टाचार मुक्त और विकासोन्मुखी नीतियों के कारण मोदी सरकार को जनता पसंद करती है। मेरा मानना है कि यह भारी जीत प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व के प्रति लोगों की आस्था को व्यक्त करता है।

भाजपा की अगली रणनीति क्या है? क्या आप मानते हैं कि आने वाले चुनावों में भाजपा के प्रति लोगों का समर्थन और बढ़ेगा?

अब भाजपा की नजर 2018 के शहरी चुनाव और 2019 के आम चुनाव पर रहेगी। हमारा ध्यान पार्टी की संगठनात्मक क्षमता को और मजबूत करने पर है। साथ ही कार्यकर्ताओं में नेतृत्व गुणों के विकास पर जोर दिया जा रहा है। शहरी निकायों और 2019 के आम चुनाव में पार्टी की विजय के प्रति हम पूरी तरह से आश्वस्त हैं। लोग बदलाव के साथ ही नवीन पटनायक सरकार के कुशासन से मुक्ति भी चाहते हैं।

ऐसी खबर है कि चुनावों के दौरान बीजेडी के कार्यकर्ताओं ने जमकर हिंसा की। इस तरह की गतिविधियों से वे क्या संदेश देना चाहते हैं?

भारी पराजय के कारण बीजेडी के कार्यकर्ता विक्षिप्त मालूम पड़ते हैं। यही वजह है कि मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के विधान सभा क्षेत्र में प्रमुख भाजपा कार्यकर्ता बिल्लू प्रधान की हत्या कर दी गई। इसके अलावा इन्होंने पिछले दिनों में 6 भाजपा कार्यकर्ताओं की भी हत्या कर दी हे। साथ ही तमाम भाजपा कार्यकर्ता इनकी हिंसक गतिविधियों के कारण चोटग्रस्त हैं और विभिन्न अस्पतालों में उनका इलाज चल रहा है। बीजेडी सरकार हिंसा का सहारा लेकर विपक्ष को डराना चाहता है, लेकिन वे इस मकसद में कामयाब नहीं होंगे। मेरा मानना है कि यदि बीजेडी हिंसा नहीं करती और इसकी सरकार सत्ता का दुरुपयोग नहीं करती तो भाजपा की जीत और बड़ी होती।

पंचायत चुनाव परिणामों से साफ स्पष्ट है कि राज्य से कांग्रेस का पूरा सफाया हो गया है। ओडिशा में कांग्रेस का क्या भविष्य है? क्या आप ऐसी संभावना देखते हैं कि भाजपा को हराने के लिए बीजेडी-कांग्रेस का गठबंधन हो सकता है?

पंचायत चुनावों में लोगों ने बीजेडी को नकार दिया है। वे भाजपा को एक विकल्प के रूप में देख रहे हैं। भाजपा की वैचारिक प्रतिबद्धता और विकासोन्मुखी व प्रगतिगामी नीतियों के प्रति लोगों का समर्थन है। परिणामों से स्पष्ट है कि कांग्रेस का जनाधार निरंतर घट रहा है। राज्य में अब कांग्रेस कोई प्रभावी शक्ति नहीं है। भविष्य में बीजेडी और कांग्रेस का गठबंधन होने की संभावना से मैं इंकार नहीं कर सकता। लेकिन ओडिशा के लोगों का जनादेश बिल्कुल स्पष्ट है। बीजेडी सरकार के कुशासन के दिन गिने-चुने रह गए हैं और ओडिशा बदलाव के लिए तैयार है।

                                                                                                                                  rptripathi@kamalsandesh.org