पंचायत से पार्लियामेंट तक खिलता कमल

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जैसे-जैसे विभिन्न चरणों में उत्तर प्रदेश की जनता मतदान करती जा रही है सपा-कांग्रेस-बसपा के हाथ-पांव फूलते जा रहे हैं। प्रदेश के पिछड़ेपन से संबंधित तीखे प्रश्नों से बचने के लिए ये जाति-संप्रदाय की विभाजक राजनीति का सहारा ले रहे हैं। विकास एवं सुशासन के सवालों को दरकिनार करने के कारण प्रदेश की जनता सपा-कांग्रेस-बसपा को इस बार ऐसा सबक सिखाने जा रही है कि वे लंबे समय तक याद रखेंगे। देश में सबसे अधिक जनसंख्या वाले इस प्रदेश को विकास एवं सुशासन में अग्रणी होना चाहिए था परन्तु यह अति दुर्भाग्यपूर्ण है कि आज उत्तर प्रदेश भ्रष्टाचार, लूट, डकैती, बलात्कार एवं पिछड़ापन में सबसे आगे दिखाई देता है। सपा-बसपा के बारी-बारी के कुशासन से प्रदेश की कमर टूट चुकी है और अब जनता इनके स्वार्थी, भ्रष्ट, परिवारवादी राजनीति से पीछा छुड़ाने के लिए मतदान कर रही है। भाजपा जन-जन के लिए नई आशा बनकर उभरी है और प्रदेश के कोने-कोने में भारी जनसमर्थन प्राप्त कर रही है।

उत्तर प्रदेश में चल रहे चुनावों के बीच महाराष्ट्र एवं ओड़िशा की जनता ने स्पष्ट संदेश दिया है। ओड़िशा जहां अब तक भाजपा एक बड़ी ताकत नहीं मानी जाती थी, सत्तासीन बीजद के लिए एक बड़ी चुनौती बनकर उभरी है। पंचायत एवं जिला परिषद चुनावों में बीजद को भारी झटका देते हुए भाजपा प्रदेश में एक बड़ी पार्टी बन गई है। इसी प्रकार महाराष्ट्र में हुए चुनावों में दस में से आठ महानगरपालिका में भाजपा विजय हुई। बीएमसी में भी भाजपा ने जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए शिवसेना से मात्र दो सीटें ही कम प्राप्त की। इतना ही नहीं जिला परिषद एवं पंचायतों में भी पूरे प्रदेश में भाजपा के प्रदर्शन से सभी लोग अचंभित हैं। किसी ने भी इतने कम समय में इतनी बड़ी जमीनी परिवर्तन की उम्मीद नहीं की थी। हरियाणा, राजस्थान, गुजरात, चण्डीगढ़ में भी हुए स्थानीय निकायों के चुनावों में भी भाजपा ने भारी विजय हासिल की है। यह एक ऐसी बयार है जो पूरे देश में दिखाई दे रही है- भाजपा जिन प्रदेशों में पहले बड़ी ताकत नहीं थी अब वहां के सत्ताधारियों को चुनौती दे रही है और जहां सत्ता में थी वहां उसका जनसमर्थन और भी अधिक बढ़ता जा रहा है। यह वास्तव में देश में एक बड़े परिवर्तन का संकेत है जब भ्रष्टाचार, लूट-खसोट, भाई-भतीजावाद एवं परिवारवाद की राजनीति के स्थान पर विकास, सुशासन एवं परर्फोमेंस की राजनीति मजबूत हो रही है। जो लोग वोट-बैंक और तुष्टीकरण की सांप्रदायिक राजनीति में विश्वास रखते हैं उन्हें जनता अब धूल चटा रही है।

भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह निरंतर पार्टी को पंचायत से लेकर पार्लियामेंट तक में मजबूत करने पर बल देते रहे हैं। साथ ही उन प्रदेशों के लिए उन्होंने विशेष योजना भी लाया जहां पहले भाजपा की राजनैतिक उपस्थिति अधिक मजबूत नहीं मानी जाती थी। पार्टी की कड़ी मेहनत का परिणाम आना अब शुरू हो गया है और अपार जनसमर्थन हर ओर भाजपा को मिल रहा है। गरीब, किसान, पिछड़े, दलित, महिला एवं युवा के लिए बनी एक से बढ़कर एक नीतियों से वंचित-शोषित वर्गों का विश्वास भाजपा पर और अधिक मजबूत हुआ है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ऐसे नेता के रूप में उभरे हैं जिनपर गरीब से गरीब व्यक्ति का भी अटूट विश्वास है। इतना ही नहीं समाज का हर वर्ग उन्हें करिश्माई द्रष्टा के रूप में देखता है जो पूरी व्यवस्था को भ्रष्टाचार, लूट-खसोट एवं सत्ता के बिचैलियों से मुक्त करने को कृतसंकल्प है। श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत अपनी लंबी निद्रा से जागकर एक विकसित, सुदृढ़ एवं वैभवपूर्ण राष्ट्र की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए तत्पर है। जिस प्रकार का जनसमर्थन भाजपा की सभाओं में स्पष्ट दिखाई पड़ रहा है में  भारी मतदान कर रहे हैं।

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