बाल्मीकि रचित ‘रामायण’ हमारे जीवन का प्रेरणास्रोत: अमित शाह

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बाल्मीकि जयंती समारोह

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह ने 15 अक्तूबर को भाजपा के केन्द्रीय कार्यालय नई दिल्ली में आयोजित महर्षि बाल्मीकि जयंती समारोह को संबोधित किया और लोगों से महर्षि बाल्मीकि के जीवन एवं उनके विचारों को आत्मसात करने का आह्वान किया। इस अवसर पर उन्होंने बाल्मीकि समाज के कई गणमान्य मनीषियों को सम्मानित किया। समारोह में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री, श्री रामलाल जी, अनुसूचित जाति एवं जनजाति मोर्चा के अध्यक्ष श्री दुष्यंत गौतम, केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री, श्री थावरचंद गहलोत, श्री सत्यनारायण जटिया, श्री विजय सोनकर शास्त्री एवं बाल्मीकि समाज के कई गणमान्य लोग उपस्थित थे।

श्री शाह ने कहा कि आज शरद पूर्णिमा के दिन पूरा भारत महर्षि बाल्मीकि के प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त करता है। उन्होंने कहा कि रामायण महाकाव्य की रचना के कारण महर्षि बाल्मीकि आज घर-घर में जाने जाते हैं। उन्होंने कहा कि रामायण महाकाव्य भगवान् श्री राम के जीवन का महज गुणगान नहीं है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति की महत्ता एवं इसके संदेश को दुनिया के समक्ष रखने वाला अग्रदूत है। उन्होंने कहा कि एक आदर्श जीवन कैसा हो सकता है, एक आदर्श भक्त कैसा हो सकता है, एक आदर्श राजा कैसा हो सकता है, एक आदर्श पुत्र कैसा हो सकता है, एक आदर्श पिता कैसा हो सकता है, एक आदर्श भाई कैसा हो सकता है, एक आदर्श पति कैसा हो सकता है और एक आदर्श मां व एक आदर्श पत्नी कैसी हो सकती है, इन सारी चीजों को महर्षि बाल्मीकि ने एक ही महाकाव्य के अंदर चरितार्थ कर दिया। उन्होंने कहा कि रामायण महाकाव्य के माध्यम से महर्षि बाल्मीकि ने विश्व को सबसे बड़ा संदेश यह दिया कि अन्ततोगत्त्वा विजय सत्य की ही होती है भले ही असत्य कितना ही पराक्रमी, शक्तिशाली और चतुर क्यों न हो।

भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि यदि सद-इच्छा हो, परिश्रम करने की ललक हो, ज्ञान प्राप्त करने की इच्छा हो, मीमांसा करने की क्षमता हो तो कोई व्यक्ति कहां से कहां पहुंच सकता है, इसका ज्वलंत उदाहरण महर्षि बाल्मीकि हैं। उन्होंने कहा कि एक जीवन में इतना बड़ा परिवर्तन और एक क्षण की एक घटना से इतना बड़ा बोध गृहीत करने वाली पुण्यात्मा का भारतीय युवाओं के सामने सही से वर्णन नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि कितनी संवेदनशीलता एवं कितना ज्ञान बोध उनके मन में रहा होगा कि एक ही वाक्य से, एक ही घटना से बाल्मीकि महर्षि बन गए। उन्होंने कहा कि समाज का हर व्यक्ति भले ही वह किसी भी समुदाय से हो उसमें मैं भी शामिल हूं, अपने जीवन को उंचा उठाने के लिए महर्षि बाल्मीकि के जीवन से प्रेरणा ले सकता है।

श्री शाह ने कहा कि सामाजिक समरसता एवं दलितों के उत्थान व उ(ार के लिए कोई ढिंढोरा पीटे बगैर महर्षि बाल्मीकि ने जो कार्य किया है, वह अप्रतिम है। उन्होंने कहा कि कई संतों एवं मनीषियों को महर्षि बाल्मीकि एवं उनके द्वारा रचित रामायण महाकाव्य को प्रणाम कर भगवान् श्री राम का गुणगान करते देखा है, तब किसी ने महर्षि बाल्मीकि की जाति नहीं पूछी, बल्कि सर्वदा उनके गुणों की, उनके ज्ञान की पूजा की, उनकी पूजा की।

उन्होंने कहा कि यह बताता है कि समरसता भारतीय समाज की आत्मा व उसके मूल विचारों के अंदर ही रची-बसी है। उन्होंने कहा कि सब लोग समान हैं – यह भाव कहने की जरूरत नहीं है, यह भारतीय संस्कृति के रग-रग में बसा हुआ है।

भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि आज अपराध-बोध और अपमानजनक व्यवहार के साथ किसी को जीने की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर ने जो संविधान बनाया है, उस संविधान ने हिन्दुस्तान के सभी लोगों को समान अधिकार दिया और हर व्यक्ति को आगे बढ़ने का समान मौका दिया है। उन्होंने कहा कि आज प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्त्व में देश में जो सरकार है, वह दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों व गरीबों के लिए सबसे ज्यादा काम करने वाली सरकार है। उन्होंने कहा कि किसी मंत्रालय की वेबसाइट को देख लीजिये, हर मंत्रालय की पहली पांच योजनायें देश के गरीब, दलित, शोषित और पिछड़ों के लिए ही समर्पित होगी।
उन्होंने कहा कि पेट्रोलियम मंत्रालय का पहले दलितों, पिछड़ों, गरीबों और आदिवासियों से कोई लेना-देना नहीं था जबकि उज्ज्वला योजना के माध्यम से देश के पांच करोड़ गरीब परिवारों में गैस पहुंचाकर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने पेट्रोलियम मंत्रालय को भी गरीबों से जोड़ दिया। विभिन्न योजनाओं का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्त्व में केंद्र की भारतीय जनता पार्टी सरकार की हर योजनायों में देश के दलित, आदिवासी, पिछड़े, गरीब और युवा ही हैं। श्री शाह ने कहा कि जब लाल किले के प्राचीर से प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी देश के राष्ट्रीय बैंकों से दलित युवाओं को ढूंढकर उन्हें स्वरोजगार के लिए लोन देने का आह्वान करते हैं, तो यह अपने-आप में परिवर्तन का बहुत-बड़ा संकेत है। उन्होंने कहा कि इसी मार्ग पर यदि देश चलता है तो मैं मानता हूं कि महात्मा गांधी और बाबा साहब ने जो कल्पना की थी, वह दिन दूर नहीं जब हम गौरवपूर्ण समृ( समाज का निर्माण करने में सफल होंगें। भाजपा अध्यक्ष ने देश भर के लोगों को बाल्मीकि जयंती और शरद पूर्णिमा की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि महर्षि बाल्मीकि द्वारा रचित रामायण महाकाव्य सदैव हमारे जीवन का प्रेरणा स्रोत बना रहे और हम इसके आधार पर एक अच्छे व गौरवशाली समाज की रचना कर पायें, यही हमारी कामना है।