भारत को जोड़ेगा डिजिटल इंडिया

| Published on:

डिजिटल इंडिया का उद्देश्य 127 करोड़ भारतीयों को एक दूसरे से जोड़ना है। इन सबको कम लागत के डाटा प्लान और स्मार्ट फोन (या अन्य उपकरण) के जरिये इंटरनेट से जोड़ा जाएगा, ताकि एक परोक्ष राष्ट्र का निर्माण हो सके। यह मिशन ई गवर्नेस के बिना किसी मध्यस्थ और निचले स्तर के भ्रष्टाचार के हर भारतीय की सरकारी सेवाओं और योजनाओं तक सीधे पहुंच बनाएगा। हर भारतीय चाहे उसकी हैसियत कुछ भी क्यों न हो, उसे समान स्तर की सेवाएं उपलब्ध होंगी।

मोहनदास पई

प्रधानमंत्री ने सभी भारतीयों को जोड़ने और उनके सशक्तीकरण के लिए डिजिटल इंडिया का दृष्टिकोण रखा है। सही मायने में यह परिवर्तनकारी सपना है, जिससे भारत का कायापलट हो जाएगा और डिजिटल सोसाइटी के निर्माण से बाधाएं और दूरियां खत्म हो जाएंगी। यह हमें एकजुट करेगा और सबके लिए समान अवसर उपलब्ध कराएगा और ऐसी पीढ़ी का निर्माण करेगा, जो, कि हर नजरिये से वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा कर सकेगी। यह इसलिए अहम है, क्योंकि हाल ही में 86 फीसदी करेंसी नोटों का विमुद्रीकरण किया गया है और व्यापक रूप में डिजिटल बैंकिंग का अभियान छेड़ा गया है।

डिजिटल इंडिया का उद्देश्य 127 करोड़ भारतीयों को एक दूसरे से जोड़ना है। इन सबको कम लागत के डाटा प्लान और स्मार्ट फोन (या अन्य उपकरण) के जरिये इंटरनेट से जोड़ा जाएगा, ताकि एक परोक्ष राष्ट्र का निर्माण हो सके। यह मिशन ई गवर्नेस के बिना किसी मध्यस्थ और निचले स्तर के भ्रष्टाचार के हर भारतीय की सरकारी सेवाओं और योजनाओं तक सीधे पहुंच बनाएगा। हर भारतीय चाहे उसकी हैसियत कुछ भी क्यों न हो, उसे समान स्तर की सेवाएं उपलब्ध होंगी। अधिकांश सरकारी सेवाएं और योजनाएं इलेक्ट्रानिक रूप में पूरे भारत में उपलब्ध होंगी, जिनसे जाहिर है पारदर्शिता के साथ डाटा का विशाल संग्रह बन जाएगा। इससे लोगों की मुश्किलें और शिकायतें समयबद्ध तरीके से दूर हो सकेंगी।

‘इंडिया स्टेक’ एक एपीआई (एप्लीकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस), जिसके जरिये हर भारतीय को मोबाइल फोन पर हर तरह की वित्तीय सेवाएं उपलब्ध होंगी, जिनसे वह बैंकिंग संबंधी सेवाएं बहुत ही कम लागत पर हासिल कर सकेगा। इसके जरिये खाते संबंधी जानकारी हासिल की जा सकती है, भुगतान किया जा सकता है और उसके खाते में प्रत्यक्ष नकद हस्तांतरण हो सकता है। अपने घर में बैठकर ही जीवन बीमा, मेडिकल बीमा और अन्य तरह के निवेश किए जा सकते हैं। इलेक्ट्रानिक लेन-देन बढ़ने से कर अपवंचन कम होगा और कर संग्रह बढ़ेगा। साथ ही सरकारी सेवाओं के संबंधित व्यक्ति तक प्रसारण में भ्रष्टाचार और अन्य कारणों से होने वाला नुकसान कम होगा।

हर भारतीय के पास उसके स्वास्थ्य से संबंधित रिकॉर्ड इलेक्ट्रानिक रूप में उपलब्ध होगा और वह देश के किसी भी विशेषज्ञ से संपर्क कर इलाज करवा सकेगा। यहां तक कि दूरस्थ क्षेत्रों के लोग भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बेहतर इलाज हासिल कर सकेंगे और उन तक आपात स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाई जा सकेंगी।

दस वर्ष से अधिक उम्र के बच्चे मल्टीमीडिया एजुकेशन कंटेंट से युक्त टेबलेट के जरिये अपनी पसंद की भाषा में अपना ज्ञान संवर्धित कर सकेंगे। वह फोर-जी और वाई-फाई कनेक्शन के जरिये श्रेष्ठ शिक्षकों के लेक्चर, क्विज, डाक्यूमेंटरी हासिल कर सकेंगे। इससे निश्चय ही स्कूल और कॉलेज के विद्यार्थियों के शिक्षा ग्रहण करने का अनुभव पूरी तरह से बदल जाएगा और वे कहीं अधिक सुगमता और अपनी सुविधा से शिक्षा हासिल कर सकेंगे। इस तरह उनके लिए विश्व की शिक्षा संबंधी सर्वश्रेष्ठ सामग्री उपलब्ध कराई जा सकेगी। पाठ्य पुस्तकें भी ई रूप में उपलब्ध हो सकेंगी, जिससे इन्हें पुस्तक रूप में खरीदने पर होने वाला खर्च खत्म/ कम हो जाएगा।

भारत पारंपरिक दस्तकारों और किसानों की भूमि है। स्वरोजगार से जुड़ा प्रत्येक व्यक्ति, फिर वह दस्तकार हो, किसान हो या फिर सेवा प्रदाता, उसका अपना एक वेब पेज होगा, जिसमें पेमेंट गेट- वे होगा और वह किसी भी उपभोक्ता के साथ सीधे लेन-देन कर सकेगा। इससे उत्पादक और उपभोक्ता सीधे आपस में जुड़ सकेंगे और बिचौलियों के कारण होने वाला नुकसान कम हो जाएगा। इससे स्वरोजगार करने वाला एक नया वर्ग तैयार हो जाएगा, जिसकी बाजार तक सीधे पहुंच होगी। ई-कॉमर्स के जरिये हर भारतीय की वस्तुओं और सेवा तक सीधी पहुंच हो जाएगी। यही नहीं, औपचारिक और अनौपचारिक क्षेत्रों में रोजगार के अवसरों के बारे में आसानी से पता किया जा सकेगा।

डिजिटल इंडिया के असर से मनोरंजन उद्योग और लोगों की मनोरंजन से जुड़ी सेवाओं तक पहुंच भी आसान हो सकेगी। विभिन्न भाषाओं की फिल्में, संगीत और अन्य तरह की सामग्री के उनके पास ढेरों विकल्प मौजूद होंगे। सही मायने में फिल्मों को राष्ट्रीय स्तर के श्रोता या दर्शक मिल सकेंगे। ऑल इंडिया रेडियो और दूरदर्शन की आर्काइव बहुत समृद्ध है, उनकी सामग्री मुफ्त में उपलब्ध होगी। हर तरह की ऐसी किताबें, पांडुलिपियां और अन्य दस्तावेज को कॉपीराइट से मुक्त हो चुके हों, मुफ्त में इलेक्ट्रानिक रूप में उपलब्ध हो सकेंगे। यहां तक कि दुनियाभर की बेहतर सामग्री भी भारतीयों के लिए सहजता से उपलब्ध हो सकेगी।

विभिन्न ऐप के जरिये हर भारतीय देश के किसी भी हिस्से में या विदेश में रह रहे अपने परिजनों और मित्रों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये संपर्क कर सकेगा। खासतौर से ऐसे बुजुर्ग पालकों का एकाकीपन दूर हो सकेगा, जिनके बच्चे उनसे दूर हैं। इसके अलावा प्रधानमंत्री सहित अन्य नेता सीधे लोगों से जुड़ सकेंगे और लोग भी अपने विचार और समस्याएं सीधे उन तक पहुंचा सकेंगे।

पहुंच बढ़ने से गरीबों और वंचितों का सशक्तीकरण होगा। बेहतर संवाद, विचारों के स्वतंत्र आदान प्रदान और सूचनाओं और जानकारियों की उपलब्धता से लोकतंत्र मजबूत होगा। सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि हर तरह के वंचित लोगों की, जिनमें गरीबी रेखा से नीचे गुजर बसर करने वाले और महिलाएं शामिल हैं, प्रधानमंत्री बीपीएल योजना या एलपीजी योजना की तरह स्मार्ट फोन मिल सकें।

डिजिटल इंडिया मिशन के तहत इस कार्य को अगले दो वर्ष में पूरा किए जाने का भरोसा है। प्रतिस्पर्धा बढ़ने से कम लागत के 4-जी डाटा प्लान की उपलब्धता आसान हुई है। हम डिजिटल इंडिया के जरिये एक परोक्ष एकजुट भारत का निर्माण कर सकते हैं।

साभार- अमर उजाला