नयी वेतन संहिता से 50 करोड़ कामगारों को लाभ

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केंद्रीय श्रम मंत्री श्री संतोष कुमार गंगवार के अनुसार नयी वेतन संहिता से देश में करीब 50 करोड़ कामगारों को लाभ मिलेगा। दरअसल, यह वेतन संहिता एक मील का पत्थर है जो देश के प्रत्येक श्रमिक को एक सम्मानजनक जीवन प्रदान करेगा।

उन्होंने 14 अगस्त को पुणे में कहा कि नयी वेतन संहिता श्रमिकों, नियोक्ताओं और राज्य सरकारों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। गौरतलब है कि अति महत्वपूर्ण ‘वेतन संहिता विधेयक, 2019’ राज्यसभा में 2 अगस्त को पास हो गया था। इसके पक्ष में 85 सदस्यों और विरोध में 8 ने मतदान किया। यह विधेयक वेतन, बोनस से जुड़े कानूनों में संशोधन और उनका एकीकरण करता है। लोकसभा में यह विधेयक 30 जुलाई को पास हुआ था।

वेतन के मामले में क्षेत्रीय असंतुलन को समाप्त करने के लिए एक त्रिपक्षीय समिति समान वेतन का निर्धारण करेगी। इस समिति में मजदूर यूनियन, रोजगार प्रदान करने वाले संगठन तथा राज्य सरकार के प्रतिनिधि शामिल होंगे। यदि आवश्यकता हुई तो समिति एक तकनीकि समिति का भी गठन कर सकती है।

दरअसल, चार संहिताओं में यह पहली संहिता है। चार संहिताएं हैं– वेतन संहिता, औद्योगिक संबंध संहिता, सामाजिक सुरक्षा संहिता तथा पेशागत सुरक्षा, स्वास्थ्य व कार्य शर्त संहिता। इन संहिताओं को श्रम और रोजगार मंत्रालय ने तैयार किया है। श्रम पर गठित दूसरे राष्ट्रीय आयोग की अनुशंसाओं के अनुरूप मंत्रालय ने विभिन्न श्रम कानूनों का इन चार श्रम संहिताओं में समावेश किया है।

केंद्रीय मंत्री श्री गंगवार ने कहा, “अटल बिहारी वाजपेयी के शासनकाल में यह फैसला लिया गया था कि श्रम से जुड़े कई कानून हैं, इसलिए इन्हें समाहित कर देना चाहिए। इन कानूनों को चार से पांच संहिताओं में समाहित करने का सुझाव दिया गया था।” श्री गंगवार ने कहा कि दुर्भाग्यवश सरकार बदल गई और 10 साल तक इस दिशा में कोई प्रगति नहीं हुई। हालांकि, 2014 में मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद फिर से यह मुद्दा उठा और इस पूरी प्रक्रिया ने तेजी पकड़ी।

उन्होंने कहा कि सरकार ने फैसला किया कर्मचारियों के लिए न्यूनतम वेतन होना चाहिए। यह निर्णय लिया गया कि केंद्र न्यूनतम मेहनताना तय करेगी और उसके आधार पर राज्य सरकारें न्यूनतम वेतन पर फैसला लेंगी और उसे तय करेंगी। हालांकि, यह केंद्र द्वारा निर्धारित न्यूनतम वेतन से कम नहीं होना चाहिए।

श्री गंगवार ने कहा कि यह कर्मचारियों, नियोक्ताओं और राज्य सरकारों के लिए महत्वपूर्ण कदम है क्योंकि इस विधेयक से 50 करोड़ श्रमिकों को लाभ होगा। इसमें असगंठित क्षेत्र के 40 करोड़ श्रमिक शामिल हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि नई संहिता श्रम मजदूरी में विसंगतियों को ठीक करेगी।