सार्वजनिक वित्त प्रबंधन प्रणाली के जरिए वित्त वर्ष 2019-20 में 19.64 लाख करोड़ रुपए के 64 करोड़ लेनदेन

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केन्द्रीय सरकार ने सार्वजनिक वित्त प्रबंधन प्रणाली (पीएफएमएस) प्रेरित प्रौद्योगिकी में क्रांति ला दी है, जिसने भारत को जवाबदेह, उत्तरदायी और पारदर्शी बनाने के लिए चुपचाप अधिकार संपन्न बना दिया है।

गौरतलब है कि भारतीय सिविल लेखा सेवा संगठन ने प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के जरिए 8.46 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को सीधे अपने बैंक खातों में पीएम-किसान भुगतान को सक्षम करने के द्वारा अपनी आईटी ताकत साबित की है।

भुगतान के डिजिटलीकरण, प्राप्ति लेखांकन, स्कीम निधियों की ट्रैकिंग के लिए एक मंच के रूप में पीएफएमएस की उपलब्धि निम्न हैं :

वित्त वर्ष 2019-20: पीएफएमएस के जरिए 19.64 लाख करोड़ रुपए के बराबर के 64 करोड़ लेनदेन किए गए

डीबीटी के लिए अब तक वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान 1.53 लाख करोड़ रुपये के बराबर की राशि का भुगतान।

एकीकृत बैंकों की संख्या: 362

पीएओ – ऑन बोर्ड: 556/563

सीडीडीओ- ऑनबोर्ड: 1392/1417

भुगतान एवं लेखांकन के लिए एकीकृत सभी केंद्रीय मंत्रालय (रेलवे और रक्षा को छोड़कर); 1800 से अधिक सीएस/सीएसएस योजना ऑन-बोर्डेड

सभी 31 राज्य कोषागार एकीकृत

53 बाहरी डोमेन सिस्टम एकीकृत

27 लाख से अधिक कार्यक्रम कार्यान्वयन एजेंसियां पंजीकृत हैं

पीएफएमएस के लिए और अच्छी बात केंद्रीय क्षेत्र योजना, पीएम-किसान योजना का कार्यान्वयन है, जिसे फरवरी 2019 में संसद में प्रस्तुत अंतरिम बजट में घोषित किया गया था। अभी तक कुल 8.12 करोड़ किसानों से संबंधित 24.63 करोड़ लेनदेन के माध्यम से कुल 49,250.77 करोड़ रुपये के लाभ की कुल राशि का भुगतान किया गया है। प्रधानमंत्री ने 2 जनवरी, 2020 को तुमकुरु में 6 करोड़ कृषक परिवारों से संबंधित 12 हजार करोड़ रुपये की अतिरिक्त किश्त जारी करने की घोषणा की।