दिल्ली में वायु गुणवत्ता पूर्व चेतावनी प्रणाली की शुरुआत

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केन्द्रीय पृथ्वी विज्ञान और पर्यावरण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने 15 अक्टूबर को नई दिल्ली में दिल्ली के लिए वायु गुणवत्ता पूर्व चेतावनी प्रणाली लांच की। यह प्रणाली गंभीर वायु प्रदूषण का पूर्वानुमान लगा सकती है और भारत सरकार के ग्रेडेड रेस्पोंस एक्शन प्लान (जीआरएपी) के अनुसार आवश्यक कदम उठाने के लिए अलर्ट जारी कर सकती है।

वायु गुणवत्ता और प्रदूषण से संबंधित विभिन्न मुद्दों के समाधान के लिए सरकार की प्रतिबद्धता पर जोर देते हुए केन्द्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि सरकार द्वारा की गई पहलों के साथ ही समाज की भागीदारी भी जरूरी है। डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि फसल अवशेषों के प्रबंधन के लिए कृषि यन्त्रीकरण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से केन्द्रीय क्षेत्र की नई योजना के अंतर्गत 1151.80 करोड़ रुपये के व्यय में से केन्द्र, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और दिल्ली के लिए 591.65 करोड़ रुपये जारी कर चुका है।

केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की 41 टीमों को मंत्रालय के ‘आंख और कान’ बताते हुए डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि दिल्ली और एनसीआर के शहरों गाजियाबाद, नोएडा, गुरुग्राम और फरीदाबाद में धूल और अन्य प्रकार के प्रदूषण के कम होने और उसे समाप्त करने के उपायों का प्रभावी पालन सुनिश्चित करने के लिए इन टीमों को निगरानी और निरीक्षण के लिए तैनात किया गया है।

साथ ही, वायु प्रदूषण रोकने के लिए तीन पायलट परियोजनाएं शुरू की गई हैं: दिल्ली के 7 ट्रैफिक चौराहों पर डब्ल्यूएवाईयू; मानव रचना यूनिवर्सिटी की 30 बसों पर वायु फिल्टर पर उच्च निर्माण स्थलों पर धूल बैठाने वाले रसायन; लैंड फिल स्थलों पर सीसीटीवी कैमरा लगाए गए हैं और गार्ड तैनात किए गए हैं, ताकि इन स्थानों पर आग लगने की कोई घटना न हो।