कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए 10 प्रतिशत कोटा लागू

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केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री श्री प्रकाश जावडेकर ने 15 जनवरी को दिल्ली में एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार ने एक ऐतिहासिक फैसला लिया है, जिसके तहत शैक्षणिक वर्ष 2019-20 से ही देश के 40,000 कॉलेजों और 900 विश्वविद्यालयों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए (ईडब्ल्यूएस) 10 प्रतिशत कोटा लागू किया जाएगा। यह 10 प्रतिशत ईडब्ल्यूएस कोटा अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसची) और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) एवं सामान्य सीटों के मौजूदा कोटा से अधिक होगा।

ईडब्ल्यूएस कोटा लागू करने के लिए इन कॉलेजों और विश्वविद्याल एक अन्य प्रमुख घोषणा में श्री जावड़ेकर ने बताया कि सरकार ने राज्य सरकार/सरकारी सहायता प्राप्त डिग्री स्तर के तकनीकी संस्थानों के शिक्षकों और अन्य शैक्षणिक कर्मचारियों को 7वें वेतन आयोग (सीपीसी) की सिफारिशों के अनुसार वेतन बढ़ाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी, जिससे केन्द्र सरकार को 1241.98 रुपये का अतिरिक्त भार वहन करना पड़ेगा।

उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार 7वें सीपीसी के कार्यान्वयन के कारण बकाया राशि के भुगतान के लिए इन संस्थानों पर (1.1.2016 से 31.3.2019 तक) किए जाने वाले कुल अतिरिक्त खर्च का 50 प्रतिशत वहन भी करेगा। इसका सीधा फायदा राज्य सरकार द्वारा वित्तपोषित संस्थाओं के 29,264 शिक्षकों और अन्य शैक्षणिक कर्मचारियों को मिलेगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि इसके अलावा गैर-सरकारी कॉलेजों/एआईसीटीई के दायरे में आने वाले संस्थाओं के करीब 3.5 लाख शिक्षकों एवं शैक्षणिक कर्मचारियों को भी मिलेगा।

श्री जावड़ेकर ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा सहायता प्राप्त/वित्तपोषित और एआईसीटीई द्वारा अनुमोदित तकनीकी संस्थानों में वेतन आयोग की सिफारिश के कार्यान्वयन से उन्हें उच्च शैक्षणिक मानकों के संकायों को अपनी ओर खीचने तथा बनाए रखने में मदद मिलेगी।