‘भाजपा सरकार किसानों को फसल पर लागत मूल्य का डेढ़ गुना समर्थन मूल्य देगी’

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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह ने 15 सितंबर को तेलंगाना के महबूब नगर में आयोजित ऐतिहासिक जनसभा ‘BJP Shankaravam’ को संबोधित किया और राज्य की जनता से भारतीय जनता पार्टी को समर्थन देने की अपील की।

राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी सारे देश में लोक सभा और विधान सभा चुनाव एक साथ कराना चाहते हैं, ताकि खर्च कम हो और सभी राज्य प्रगति के पथ पर एक समान आगे बढ़ें लेकिन तेलंगाना में तो लोक सभा के चुनाव के साथ ही विधान सभा चुनाव होने थे, जिसे हार के डर से टीआरएस 9 महीने पहले कराना चाहती है। टीआरएस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि क्या चंद्रशेखर राव जी को मई में लोक सभा चुनाव के साथ चुनाव होने पर जीतने का विश्वास नहीं था क्या ? यदि मई में टीआरएस को जीत का भरोसा नहीं था तो इस वर्ष नवंबर-दिसंबर में भी चुनाव कराने से भी तेलंगाना में टीआरएस की सरकार नहीं बनने वाली।

श्री शाह ने कहा कि तेलंगाना राज्य और तेलुगु अस्मिता का सवाल लंबे समय से जनता उठाती रही है। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद रजाकारों के भयानक जुल्म के खिलाफ यहां की जनता ने जो बलिदान दिया, उनके सम्मान में 17 सितंबर को प्रति वर्ष ‘हैदराबाद मुक्ति दिवस’ मनाया जाता है, लेकिन एआईएमआईएम और ओवैसी के डर से टीआरएस सरकार ने 17 सितंबर को ‘हैदराबाद मुक्ति दिवस’ मनाना बंद कर दिया। उन्होंने कहा कि जो पार्टी एआईएमआईएम और ओवैसी के डर ‘हैदराबाद मुक्ति दिवस’ मनाना बंद कर दे, वह पार्टी तेलंगाना के अस्मिता की रक्षा नहीं कर सकती। उन्होंने तेलंगाना की जनता को वचन देते हुए कहा कि आप राज्य में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनाइये, हम प्रत्येक वर्ष 17 सितंबर को ‘हैदराबाद मुक्ति दिवस’ का भव्य कार्यक्रम मनाएंगे।

श्री शाह ने कहा कि टीआरएस एक नया झूठा शिगूफा छोड़ रही है कि ओवैसी की पार्टी से उसका कोई गठजोड़ नहीं है, जबकि दोनों आपस में मिले हुए हैं। उन्होंने कहा कि यदि ओवैसी की पार्टी से टीआरएस का कोई लेना-देना नहीं है तो फिर टीआरएस सरकार किसके डर से और किसके कहने पर अल्पसंख्यकों को अलग से 12% आरक्षण देने का प्रस्ताव लाई? उन्होंने कहा कि टीआरएस सरकार ये अल्पसंख्यकों को 12% अलग से आरक्षण देगी कहां से जबकि सुप्रीम कोर्ट के अनुसार 50% से अधिक आरक्षण दिया ही नहीं जा सकता। इस स्थिति में तेलंगाना की टीआरएस सरकार तो एससी/एसटी, ओबीसी और आदिवासियों के आरक्षण को काट कर ही दे सकती है। यदि टीआरएस सरकार अल्पसंख्यकों को अलग से 12% आरक्षण देना चाहती है तो उसे स्पष्ट करना चाहिए कि किसका आरक्षण ख़त्म कर वह ये आरक्षण देना चाहती है ?

श्री शाह ने कहा कि तेलंगाना की केसीआर सरकार 2014 में किये गए अपने वादे पूरा करने में विफल रही है। उन्होंने कहा कि 2014 में केसीआर ने बहुमत मिलने पर तेलंगाना को दलित मुख्यमंत्री देने का वादा किया था लेकिन जब पूर्ण बहुमत मिला तो वे वादे से पलट गए और खुद ही मुख्यमंत्री बन बैठे। यह तेलंगाना के दलित समाज के साथ धोखा है। उन्होंने कहा कि ठीक है, आप 2014 में एक दलित को मुख्यमंत्री नहीं बना पाए, लेकिन आप ये बताइये कि आप 2018 में दलित को मुख्यमंत्री बनायेंगे या नहीं? उन्होंने कहा कि तेलंगाना में जिस तरह से दलित समाज पर अत्याचार हुआ है, उससे दलित समाज में टीआरएस सरकार के खिलाफ काफी गुस्सा है।

राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि मैं तेलंगाना की जनता को आश्वस्त करते हुए कहना चाहता हूं कि भारतीय जनता पार्टी एक ऐसे तेलंगाना का निर्माण करेगी, जहां न तो दलितों और आदिवासियों पर अत्याचार होगा और न ही किसानों पर गोलियां चलाई जायेगी, न ही उन्हें हथकड़ियां पहनाई जायेगी। उन्होंने कहा कि एक आंकड़े के अनुसार पिछले साढ़े चार सालों में तेलंगाना में 4200 से अधिक किसान आत्महत्या करने को विवश हुए हैं, आखिर इसका जिम्मेदार कौन है? उन्होंने कहा कि एक ओर टीआरएस सरकार की गलत नीतियों के कारण तेलंगाना में किसान आत्महत्या को मजबूर हो रहे हैं, तो वहीं दूसरी ओर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र की भाजपा सरकार ने किसानों को उनके फसल पर लागत मूल्य का डेढ़ गुना समर्थन मूल्य देने का निर्णय लिया है।