मणिपुर के विकास के लिए भाजपा सरकार अथक परिश्रम करेगी : प्रकाश जावडेकर

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मणिपुर में पहली बार भाजपा ने शानदार प्रदर्शन करते हुए अप्रत्यािशत सफलता अर्जित की है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह ने केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री श्री प्रकाश जावडेकर को मणिपुर का चुनाव प्रभारी नियुक्त किया। मणिपुर में भाजपा की चुनावी रणनीित और अनेक मुद्दे पर ‘कमल संदेश’ के एसोसिएट एडिटर विकास आनंद ने उनसे विस्तार से चर्चा की। साक्षात्कार के दौरान श्री जावडेकर ने कहा कि मोदी जी की कार्यशैली से मणिपुर के लोगों को ऐसा लगने लगा कि केन्द्र में जैसी मोदी जी की सरकार है वैसी ही मणिपुर में भी चाहिए, तभी मणिपुर का विकास संभव होगा। अपने सुधी पाठकों के लिए हम यहां पर साक्षात्कार के प्रमुख अंश को प्रकािशत कर रहे हैं।

मणिपुर में भाजपा की सरकार बनने के लिए आपको बहुत-बहुत बधाई।

आपके द्वारा मणिपुर की दी हुई बधाई मैं मणिपुर के सभी कार्यकर्ताओं को समर्पित करता हूं, क्योंकि यह जनादेश मणिपुर की जनता ने दी है और कार्यकर्ताओं की मेहनत से मिली है।

पिछले विधानसभा में भाजपा के पास मात्र 2 सीटें थीं, वह भी उपचुनाव में भाजपा जीती थी। जिसमें एक विधायक भाजपा छोड़ कांग्रेस में शामिल हो गए। आज भाजपा ने वहां अपनी सरकार बना ली और मणिपुर में सबसे अधिक वोट शेयर वाली पार्टी है। इतना बड़ा बदलाव कैसे संभव हुआ? चुनाव के क्या मुख्य मुद्दे थे?

भाजपा का 2012 के चुनाव में भी मैं प्रभारी था और इस बार भी प्रभारी था। तो मैंने ये देखा कि एकदम सीन कैसे बदला। सीन बदलने में जो बदलाव हुआ उसका मूल कारण मोदी जी का सुशासन लोगों को भाया। लोकसभा में हमें जितने वोट मिलते थे उतने ही मिले, लेकिन जब हमारी सरकार केन्द्र में बनी और खासकर, तीन-चार चीजें मणिपुर की जनता को भा गयी। वहां हमेशा गैस की किल्लत रहती थी। ब्लैक मार्किट में 1500 रुपए तक गैस मिलती थी। हमारी सरकार आते ही गैस की सप्लाई नियमित हो गयी। केरोसीन और पेट्रोल की सप्लाई नियमित हो गयी। सब अपनी वास्तविक कीमत में गैस मिलने लगी। इससे लोगों को बहुत राहत हुई। दूसरी ओर 5 रुपए 60 पैसे में जो चावल मिलता था, 3 रुपए में देने की योजना लाई गई। अमल में जो दिक्कते थीं वह राज्य सरकार के कारण थीं। लेकिन लोग मोदी जी के इस घोषणा पर खुश थे। तीसरा, मणिपुर के विकास के लिए केन्द्र के सभी मंत्रालयों द्वारा योजना बनाकर जो काम किया गया। उसका भी प्रभाव पड़ा और चौथा कांग्रेस से लोगों का मोह भंग हो गया था। तृणमूल कांग्रेस, सीपीआई जैसे छिट-पुट विरोध करने वाली पार्टियां थी। अब इन पर लोगों पर विश्वास नहीं था। भाजपा के पक्ष में लोग ऐसे लामबंद हुए कि नगरपालिका चुनाव में भी भाजपा को जीत िमली। दो उपचुनाव विधानसभा के हुए उसमें लोगों ने भाजपा को जिताया। इस कारण जनता का पूरा मूड ही बदल गया। मोदी जी के कार्यशैली से ऐसा लगने लगा कि जैसे केन्द्र में मोदी जी की सरकार है, वैसा ही मणिपुर में चाहिए। तभी मणिपुर का विकास होगा। दूसरी चीज जो लोगों को अच्छी लगी वह दो हाइवे हैं। चूंकि मणिपुर लैण्डलाॅक्ड स्टेट है। लैण्डलाॅक्ड होने के कारण वहां दूसरी कोई यातायात का साधन नहीं था। दूसरा विकल्प केवल हवाई है। इसलिए दोनों हाइवे के लिए नितिन जी ने 22000 करोड़ का आवंटन किया, ताकि अच्छी सड़क के निर्माण के साथ-साथ अलग सड़क का भी निर्माण हो सके। इसका उद्घाटन भी किया। साथ ही रेलवे प्रत्यक्ष रूप से 15 किलोमीटर तक मणिपुर में आ गयी। जहां अब माल ढुलाई शुरू हुई है। और 2 साल में इम्फाल तक आएगी। आजादी के 70 साल बाद भी इम्फाल जैसे जगह पर सिर्फ 15 प्रतिशत लोगों को ही पानी मिलता है। वह भी सप्ताह में एक बार। ये सब किल्लतें दूर करने की हमने योजना बनाई।

नागा परिषद द्वारा आर्थिक ब्लाॅकेड किया गया था, जिससे आर्थिक गतिविधियां बिल्कुल बन्द हो गयी। कांग्रेस ने इसे भाजपा की साजिश कहकर मणिपुर की जनता को भ्रमित करने का प्रयास किया। इस अफवाह का भाजपा ने कैसे प्रतिरोध किया?

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि मणिपुर के क्षेत्रीय अखण्डता से कोई समझौता नहीं होगा और शाह जी ने दिल्ली से घोषणा की कि ‘बन्द फ्री, ब्लाॅकैड-फी, करप्शन-फ्री’ मणिपुर। उसके बाद मोदी जी की सभा हुई जिस पर आतंकवादी संगठनों ने पूरा बैन लगाया था, टोटल शट-डाऊन किया था। इसके बावजूद मोदी जी की सभा में लाखों लोग आए। इस तरह से लोगों ने ही आतंकवादियों की धमकी का जवाब दिया। प्रधानमंत्री जी ने रैली में एक बात बताई, पहले सरकार यहां 10 प्रतिशत की कही जाती थी, अब जीरो परसेंट की सरकार होगी। 100 प्रतिशत काम जीरो प्रतिशत कमीशन। इसलिए मोदी जी का नेतृत्व, अमित शाह जी के मार्गदर्शन में कुशल संगठन और सभी को जोड़ने का प्रयास, जिसका परिणाम मणिपुर में आज हमारी सरकार है।

दूसरी अफवाह थी कि NSCN (IM) फ्रेमवर्क एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर हुआ। इसको भी प्रादेशिक अखंडता के खिलाफ बताकर अफवाहें फैलाई गयी?

फ्रेमवर्क एग्रीमेंट के बारे में विस्तृत कोई जानकारी नहीं है। मुख्यमंत्री कांग्रेस के थे। इबोबी सिंह ने फ्रेमवर्क एग्रीमेंट के बारे में अफवाह फैलाने की कोशिश की थी, क्योंकि इबोबी सिंह की राजनीति इसी तरह की होती है। उनका प्रयास रहता है कि चुनाव के पहले नागा-कुकी और मैतियों को लड़ाया। लोग कहते हैं कि आर्थिक ब्लाॅकेड के लिए भी वे जिम्मेवार थे। इसमें उनका हाथ था। उन्हांेने ब्लाॅकेड कराया और उसके खिलाफ मैती लोगों का गुस्सा फूट पड़ा, जिसका नतीजा हिंसा और आगजनी में हुई। तब हमने लोगों को बताया कि टैरिटोरियल इंटीग्रीटी के साथ कोई समझौता नहीं होगा। बाद में मोदी जी ने भी घोषणा की, फिर लोगों को विश्वास हो गया और हमें जनसमर्थन मिला। जिसका परिणाम वहां हमारी सरकार बनी। पूर्वोत्तर में मणिपुर राजग का पांचवा राज्य है। असम, अरुणाचल प्रदेश, नागालैण्ड, सिक्किम और मणिपुर में भाजपा और राजग की सरकारें हैं अगला लक्ष्य मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम है, तब पूरा पूर्वोत्तर भाजपा के पक्ष में आ जाएगा।

क्या AFSPA चुनावी मुद्दा था?

AFSPA का मुद्दा यहां नहीं था। चूंकि हमने कानून-व्यवस्था को बेहतर बनाने तथा रोजगार मुहैया कराने का वादा किया था, इसलिए लोगों ने हमें वोट दिया। मणिपुर छोटा राज्य है, लेकिन मणिपुर की जीत हमारे लिए बहुत अहम है। जिन दलों ने हमारा साथ दिया है उनका भी
मैं शुक्रगुजार हूं।