भाजपा ने राज्य को शांति और विकास की तरफ अग्रसर किया : नरेन्द्र मोदी

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भाजपा की सरकार के कारण झारखंड में सालों से लटकी पानी की योजनाएं फिर से शुरू हुई हैं। अब भाजपा सरकार का संकल्प है कि 2024 तक देश के हर घर तक पीने का पानी पहुंचे। एक तरफ आयुष्मान भारत के माध्यम से गरीब से गरीब परिवार को आज 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज मिल रहा है। वहीं, दूसरी तरफ देशभर के 50 करोड़ से अधिक पशुओं के मुफ्त टीकाकरण का अभियान शुरू हुआ है।”

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने ये बातें झारखंड के बरही में एक विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए कहीं। उन्होंने 9 दिसंबर को बरही और बोकारो में दो विशाल रैलियों को संबोधित किया। श्री मोदी ने कहा कि भाजपा की सरकार ईमानदारी से काम करती है। देश के आदिवासियों और पिछड़ों की जिंदगी को और बेहतर करने के लिए यह सरकार दिन-रात मेहनत कर रही है। उन्होंने कहा, “2014 से पहले 8-9 साल में आदिवासियों को जमीन के सिर्फ 19 हजार पट्टे ही मिल पाए थे, जबकि भाजपा ने बीते 5 वर्ष में 60 हजार से अधिक जनजातीय परिवारों को जमीन के पट्टे दिए हैं।”

श्री मोदी ने कहा कि भाजपा के लिए राष्ट्रहित सबसे ऊपर है और सत्ता सिर्फ सेवा का माध्यम है। यही कारण है कि बीते 5 वर्षों में अभूतपूर्व काम हुए हैं। श्री मोदी ने कहा कि कांग्रेस और उसके साथियों की गलत नीतियों ने झारखंड को नक्सलवाद की तरफ धकेला जबकि भाजपा ने उसे शांति और विकास की तरफ अग्रसर किया है। उन्होंने कहा, “नक्सली हिंसा से झारखंड अब पूरी तरह मुक्त होने की ओर बढ़ चला है। 2014 से पहले जहां गिने-चुने नक्सली आत्मसमर्पण करते थे, वहीं अब बड़ी संख्या में नक्सली मुख्यधारा से जुड़ रहे हैं।”

उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार झारखंड में एयर और वाटर कनेक्टिविटी पर पूरा बल दे रही है। बनारस से हल्दिया के बीच बन रहे देश के पहले इनलैंड वाटरवे का बहुत बड़ा लाभ झारखंड के उद्योग और व्यापार को हो रहा है। श्री मोदी ने कहा, “भाजपा सरकार झारखंड के इंफ्रास्ट्रक्चर को 21वीं सदी का बनाने के लिए काम कर रही है। यहां गैस और सोलर पावर आधारित इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया जा रहा है। भाजपा सरकार के प्रयासों से झारखंड आज प्रधानमंत्री ऊर्जा गंगा योजना का अहम लाभार्थी है।”

उन्होंने कहा कि झारखंड के प्राकृतिक संसाधनों ने देश के विकास में बड़ी भूमिका निभाई है लेकिन पहले यहां स्थानीय लोगों के हितों का कभी ख्याल नहीं रखा गया। उन्होंने कहा, “भाजपा की सरकार ने पहली बार डिस्ट्रिक्ट मिनरल फंड का गठन किया। झारखंड को इसके तहत करीब 5 हजार करोड़ रुपए मिले हैं। भाजपा की सरकार इस राशि से राज्य में पानी की पाइपलाइन बिछाने और स्कूल-अस्पताल बनवाने के साथ दूसरी सुविधाओं का निर्माण कर रही है।”

श्री मोदी ने कहा कि झारखंड में 2014 से पहले ग्राम प्रधान, पंचायत सेवक और बिचौलियों के गठजोड़ से गरीबों के ज्यादातर घर केवल कागजों पर ही बनते थे, लेकिन भाजपा की सरकार ने भ्रष्टाचार के इस नेटवर्क को तोड़ा है। उन्होंने कहा, “हमारी सरकार ने पिछले 5 साल में 10 लाख घर बनाए हैं, जबकि 8 लाख घरों का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है।”

श्री मोदी ने कहा कि 5 साल पहले छोटे व्यापारियों को अपने व्यापार में खासी परेशानियों का सामना करना पड़ता था, लेकिन अब स्थिति में परिवर्तन आया है। बैंक के दरवाजे अब आम जनता के लिए खुल गए हैं। उन्होंने कहा, “सरकार द्वारा मुद्रा योजना के तहत करीब 20 करोड़ ऋण दिए जा चुके हैं। इनमें 10 लाख करोड़ रुपये के करीब स्वरोजगार में लगे हैं। पिछले कुछ समय में ही छोटे उद्योगों को सरकारी बैंकों से 70 हजार करोड़ रुपये से अधिक का ऋण मिल चुका है। इससे इन उद्योगों में नए रोजगार का निर्माण तय है।”

उन्होंने कहा कि देश के 100 से अधिक जिले ऐसे हैं, जहां बिजली, पानी, घर, गैस, टीकाकरण जैसी अनेक चुनौतियां हैं। इन जिलों में गरीब माताओं और बच्चों की मृत्यु सबसे ज्यादा होती है। इन 100 जिलों में झारखंड के 20 जिले शामिल हैं, लेकिन कांग्रेस और उसके साथियों की सरकार ने इन जिलों के लोगों को उनके हाल पर छोड़ दिया था। श्री मोदी ने कहा, “हम इन जिलों में विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रहे हैं। बेहतरीन अफसर तैनात किए गए हैं। छोटी-छोटी दिक्कतों को दूर करने के प्रयास किए जा रहे हैं। झारखंड की भाजपा सरकार की मेहनत के कारण हजारीबाग, चतरा और साहिबगंज जैसे जिले टॉप प्रदर्शन करने वालों में हैं।”

श्री मोदी ने कहा कि कर्नाटक में आए उपचुनाव के नतीजे कोई सामान्य नतीजे नहीं हैं। इसमें यह संदेश छुपा है कि कांग्रेस और उसके साथियों के गठबंधन से झारखंड को भी सावधान रहने की जरूरत है। उन्होंने कहा, “कांग्रेस कभी भी गठबंधन के भरोसे पर खरी नहीं उतरी है। ये अपने मतलब के लिए गठबंधन और जनादेश का उपयोग करती है और फिर अपने हित के लिए अपने सहयोगियों को कठपुतली की तरह उपयोग करती है।”

उन्होंने कहा कि 19-25 साल का कालखंड भविष्य के लिहाज से बहुत महत्वपूर्ण होता है। बेटे-बेटी के 19 वर्ष होने पर जैसे मां-बाप उसके बेहतर भविष्य के लिए विचार विमर्श करते हैं, उसी तरह, 19 साल के झारखंड को लेकर भी सोचने की जरूरत है। उन्होंने कहा, “यह चुनाव आपके लिए फैसला लेने का मौका है कि आप आने वाले समय में कैसा झारखंड चाहते हैं।”