भाजपा ने ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ का एक नया विचार देश की जनता के सामने रखा

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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह ने 15 सितंबर को प्रदेश भाजपा कार्यालय, नामपल्ली (हैदराबाद) में एक प्रेस वार्ता को संबोधित किया और तेलंगाना की टीआरएस सरकार के वादाखिलाफियों और कांग्रेस की यूपीए सरकार द्वारा तेलंगाना की जनता के साथ किये गए अन्याय को लेकर टीआरएस और कांग्रेस पार्टी पर जमकर प्रहार किया।

तेलंगाना की महान जनता को गणेश चतुर्थी की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ का एक नया विचार देश की जनता के सामने रखा था, लेकिन शुरुआत में इसका समर्थन करने के बावजूद के. चंद्रशेखर राव एवं टीआरएस द्वारा अचानक इस पर अपना रुख बदल लेने से काफी आश्चर्य हुआ है। उन्होंने कहा कि अभी 9 महीने में तेलंगाना के विधान सभा चुनाव होने ही थे, लेकिन अचानक इस निर्णय से केसीआर और टीआरएस ने एक छोटे राज्य को दो बड़े चुनावों का खर्च सहने को विवश कर दिया है। मेरा सीधा सवाल केसीआर और टीआरएस से है कि जब 9 महीने बाद यहां चुनाव होने ही थे तो आपने तेलंगाना की जनता पर इतना खर्च क्यों थोपा, इसका क्या कारण है? उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी मानती है कि सिर्फ और सिर्फ राजनीतिक स्वार्थ को साधने के लिए ही केसीआर और टीआरएस ने करोड़ों रुपये का अतिरिक्त खर्च तेलंगाना की जनता पर थोपा है। उन्होंने कहा कि जब तेलंगाना की टीआरएस सरकार ने राज्य पर चुनाव थोप ही दिया है, तो मैं घोषणा करना चाहता हूं कि भारतीय जनता पार्टी हर सीट पर मजबूती से लड़ेगी और हम तेलंगाना में मजबूत एवं निर्णायक शक्ति बनकर उभरेंगे।

तेलुगु अस्मिता और तेलुगु गौरव पर कुठाराघात

राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि तेलंगाना में तेलुगु अस्मिता और तेलुगु गौरव की बात करने वाले लोगों ने प्रतिवर्ष 17 सितंबर को आयोजित होने वाली ‘हैदराबाद मुक्ति दिवस’ का उत्सव बंद कर दिया। क्या हम पूछ सकते हैं कि इस उत्सव को क्यों बंद किया गया? उन्होंने कहा कि सिर्फ और सिर्फ एआईएमआईएम के दवाब में ओवैसी के कहने पर और वोटबैंक की पॉलिटिक्स के कारण तेलुगु संस्कृति पर कुठाराघात करने का कार्य किया गया है। उन्होंने कहा कि तेलुगु अस्मिता पर इससे बड़ा आघात कुछ और हो नहीं सकता। क्या हम आज तेलंगाना को आज के रजाकारों के हाथ में सौंपना चाहते हैं? उन्होंने कहा कि तेलंगाना की जनता को तय करना है कि क्या उन्हें ऐसी सरकार चाहिए जो तेलुगु अस्मिता और तेलुगु संस्कृति पर कुठाराघात कर रही है।

कांग्रेस और टीआरएस वोट बैंक और तुष्टीकरण की राजनीति के परिचायक

टीआरएस पर हमला जारी रखते हुए श्री शाह ने कहा कि गैर-संवैधानिक रूप से अल्पसंख्यकों को अलग से 12% आरक्षण का प्रस्ताव क्या तुष्टीकरण की राजनीति नहीं है, जबकि हमारा संविधान कहीं भी धर्म आधारित आरक्षण को मान्यता नहीं देता? यह उनको भी मालूम है कि धर्म आधारित आरक्षण दी नहीं जा सकती लेकिन केवल वोट बैंक की राजनीति के लिए टीआरएस सरकार ने ऐसा किया है। उन्होंने आशंका जताते हुए कहा कि यदि फिर से यही सरकार तेलंगाना में चुनकर आती है तो वोट बैंक और तुष्टीकरण की राजनीति और आगे बढ़ेगी।

अपने ही नेताओं का अपमान किया कांग्रेस पार्टी ने

राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि तेलंगाना में कांग्रेस पार्टी, कुछ वामपंथी पार्टियां और कुछ अन्य दलों ने भी मिल कर एक गठबंधन बनाया है, लेकिन कांग्रेस कैसे तेलुगु जनता के वोट पर अपना अधिकार जता सकती है, यह समझ के परे है। उन्होंने कहा कि आज भी तेलुगु जनता को याद है कि कांग्रेस पार्टी ने किस तरह मुख्यमंत्री तन्गुतुरी अंजैया जी का अपमान किया था ? तेलुगु जनता आज भी यह नहीं भूली है कि किस तरह से कांग्रेस पार्टी ने अपने ही नेता प्रधानमंत्री श्री पीवीएल नरसिम्हा राव जी के साथ दुर्व्यवहार किया था।

टीआरएस वादों को पूरा करने में विफल

श्री शाह ने कहा कि टीआरएस सरकार पिछले विधान सभा चुनाव के समय तेलंगाना की जनता से किये गए वादों को पूरा करने में असफल रही है। उन्होंने कहा कि टीआरएस ने 2014 में तेलंगाना में एक दलित मुख्यमंत्री का वादा किया था। भले ही टीआरएस इस वादे को भूल गई है, लेकिन राज्य के दलित इसे नहीं भूले हैं। उन्होंने टीआरएस से स्पष्टीकरण मांगते हुए कहा कि भले ही आप 2014 में दलित मुख्यमंत्री के वादे को पूरा करने में आप चूक गए हों लेकिन क्या आप 2018 में इस वादे को पूरा करेंगे?

राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि अंधविश्वास के कारण साढ़े चार सालों तक सचिवालय न जाने का निर्णय काफी हास्यास्पद हैं। उन्होंने कहा कि तेलंगाना आंदोलन के शहीदों के शोकग्रस्त परिवारों को रोजगार देने का वादा भी आधा-अधूरा पड़ा है। शिक्षकों एवं प्रोफेसरों की नियुक्ति भी अटकी पड़ी है। सरकारी स्कूलों के लिए किये गए वादे भी पूरे नहीं हुए। सिंचाई की एक भी परियोजना की शुरुआत नहीं की गई, विरासत की योजनाओं से ही अब तक काम चलाया जा रहा है। जिला मुख्यालयों पर 100 बेड और मंडल मुख्यालयों पर 30 बेड के अस्पताल का निर्माण करने का वादा किया गया था, लेकिन इस पर कोई भी काम नहीं हुआ है। गरीबों के लिए दो लाख डबल बेड रूम वाले घरों का निर्माण कराने की घोषणा की गई थी, लेकिन इसमें इसे कितने डबल बेड रूम बने, किसी को इसका पता नहीं है। उस्मानिया जनरल हॉस्पिटल और गांधी अस्पताल को विश्व स्तरीय अस्पताल बनाने का वादा किया गया था। उन्होंने टीआरएस सरकार से सवाल पूछते हुए कहा कि नए घोषणापत्र में ये वादे फिर से शामिल किये जायेंगे या नहीं, इस पर टीआरएस को स्पष्टीकरण देना चाहिए। उन्होंने कहा कि टीआरएस ने पिछले चुनाव के समय जो भी वादे तेलंगाना की जनता से किये थे, उसमें से एक को भी पूरा नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि जिलों का पुनर्गठन कर कई नए छोटे-छोटे जिले बनाए तो गए, लेकिन जिलों की प्रशासनिक व्यवस्था को संचालित करने के बुनियादी ढांचों तक का निर्माण नहीं कराया गया।

टीआरएस ने किसानों एवं जनता की समस्याओं की अनदेखी की

श्री शाह ने कहा कि एक आंकड़े के अनुसार पिछले साढ़े चार सालों में तेलंगाना में लगभग 4,200 किसान आत्महत्या करने को विवश हुए हैं, राज्य की जनता इसका हिसाब मांग रही है। उन्होंने कहा कि खम्मम में फसल के उचित मूल्य की मांग करते किसानों को हथकड़ी पहना कर परेड करवाई गई, ऐसा स्थिति मैंने पहले कभी नहीं देखी। खैर, अब कुछ करने की जरूरत नहीं है क्योंकि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र की भारतीय जनता पार्टी सरकार ने देश भर के किसानों को उनकी फसल पर लागत मूल्य का डेढ़ गुना या इससे भी ज्यादा समर्थन मूल्य देने का निर्णय ले लिया है, जिसे परसों की कैबिनेट मीटिंग में पास भी कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि सिरसिला जिले में रेत माफियाओं के खिलाफ लड़ते हुए दलितों पर जिस प्रकार से अत्याचार हुआ, उसे आज भी तेलंगाना के दलित भूले नहीं हैं। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने कल्लेश्वरम परियोजना को पूर्ण मंजूरी दी है।

कांग्रेस पार्टी जवाब दे

कांग्रेस पर प्रहार करते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी को इसका स्पष्टीकरण देना चाहिए कि वह अल्पसंख्यकों को तेलंगाना सरकार के 12% अतिरिक्त आरक्षण के प्रस्ताव का समर्थन करती है या नहीं? क्या कांग्रेस पार्टी ‘हैदराबाद मुक्ति दिवस’ मनायेगी? उन्होंने कहा कि टीआरएस और कांग्रेस पार्टी वोट बैंक और तुष्टीकरण की राजनीति कर रही है, वह तेलंगाना का विकास नहीं कर सकती।

मोदी सरकार और भारतीय जनता पार्टी तेलंगाना के विकास के लिए प्रतिबद्ध

राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि केंद्र में जब सोनिया-मनमोहन की कांग्रेस-नीत यूपीए सरकार थी, तब 13वें वित्त आयोग में तेलंगाना को शेयर इन सेन्ट्रल टैक्स, केन्द्रीय अनुदान सहायता, रेवेन्यू डेफिसिट ग्रांट, आपदा राहत फंड और लोकल बॉडीज ग्रांट के तौर पर केवल 16,597 करोड़ रुपये की राशि दी गई थी, जबकि मोदी सरकार ने 14वें वित्त आयोग में राज्य के लिए इन पांच सेक्टरों में 1,15,605 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की है।

श्री शाह ने कहा कि तेलंगाना में केंद्र सरकार की ओर से एम्स, ट्राइबल यूनिवर्सिटी, सेंट्रल यूनिवर्सिटी, श्रीकोंडा लक्ष्मण तेलंगाना बागवानी विश्वविद्यालय प्रो जयशंकर एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी और पी वी नरसिम्हा राव वेटरनिटी यूनिवर्सिटी दी गई है। इसके अलावे कॉटन रिसर्च सेंटर और स्पाइस रिसर्च सेंटर को सैद्धांतिक मंजूरी दी गई है। नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल इन हैदराबाद और सेंटर फॉर इनोवेशन फॉर डिफेन्स एक्सिलेंस, हैदराबाद को मान्यता दी गई है।

राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि तेलंगाना में मुद्रा बैंक के 18 लाख लाभार्थियों को 15 हजार करोड़ का ऋण उपलब्ध कराया गया है। स्मार्ट सिटी के लिए 124 करोड़, वारंगल हृदय योजना के लिए 40 करोड़, अमृत मिशन के लिए 833 करोड़, अर्बन ट्रांसपोर्टेशन हैदराबाद के लिए 158 करोड़, मेट्रो के लिए 661 करोड़, अलग-अलग रेलवे परियोजनाओं के लिए 19,902 करोड़, श्यामा प्रसाद मुखर्जी रर्बन मिशन के लिए 1150 करोड़, प्रधानमंत्री आवास योजना के 145 प्रोजेक्ट के लिए 1221 करोड़, 9 पिछड़े जिले के विकास के लिए 900 करोड़, सड़क इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए 40800 करोड़, महिला एवं बाल विकास के लिए 1055 करोड़, कृषि सिंचाई एवं पशुधन विकास के लिए 915 करोड़, उर्वरक प्लांट के लिए 5200 करोड़, मेडक NIMZ के लिए 17300 करोड़, एम्स तेलंगाना के लिए 1200 करोड़, सर्व शिक्षा अभियान के लिए 1353 करोड़ और नक्सल प्रभावित जिलों के लिए 400 करोड़ रुपये अलग से दिए गए हैं।

उन्होंने कहा कि इन योजनाओं में तेलंगाना को 115000 करोड़ रुपये अतिरिक्त दिए गए हैं। इस तरह से तेलंगाना को केंद्र की मोदी सरकार की ओर से कुल 230000 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है जो कांग्रेस सरकार के दौरान 13वें वित्त आयोग में दी गई राशि से लगभग 20 गुना अधिक है।
श्री शाह ने कहा कि आखिर कांग्रेस पार्टी किस अधिकार से तेलंगाना की जनता के पास वोट मांगने जायेगी, जबकि तेलंगाना और तेलंगाना की जनता के साथ अन्याय करने में कांग्रेस पार्टी ने कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने बिना किसी भेदभाव के संघीय ढांचे की भावना को मजबूत करते हुए तेलंगाना को विकास के लिए पर्याप्त धनराशि मुहैया कराई जबकि राज्य में हमारी सरकार नहीं है।