तृणमूल कांग्रेस प्रायोजित हिंसा के बीच भाजपा दूसरी सबसे बड़ी पार्टी उभर कर आई

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पश्चिम बंगाल में हालिया सम्पन्न पंचायत चुनावों में भाजपा दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। यह पहली बार हुआ है कि भाजपा राज्य के प्रत्येक जिले में ग्राम पंचायत स्तर पर चुनाव जीती है और सीपीएम दूसरे स्थान से फिसल कर तीसरे स्थान पर पहुंच गई। इस बार भाजपा ने माओवादी प्रभावित जिले में अपनी पहचान बनाई है और राज्य के प्रत्येक जिले में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है।

भाजपा ने लगभग 5465 (17.1 प्रतिशत) ग्राम पंचायत सीटें जीती हैं। सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) 64.2 प्रतिशत सीटों पर विजय प्राप्त की। राज्य प्रायोजित और मत पत्र छीना झपटी में टीएमसी ने किसी तरह 34.2 प्रतिशत पंचायत सीटें निर्विरोध जीत लीं। निर्दलियों ने 1741 (5.4 प्रतिशत) ने वामपंथी मोर्चे (1615) से ज्यादा सीटें जीत ली जबकि वह 34 लम्बे वर्षों तक प्रदेश पर राज करती रही थी। कांग्रेस को मात्र 993 सीटें प्राप्त हो सकीं।

भाजपा ने आदिवासी बहुल पुरूलिया, झारग्राम, पश्चिम मिदनापुर और बांकुरा जो पूर्व में माओवाद प्रभावित रहा था, में 638 सीटें जीतीं जबकि टीएमसी को 754 पर विजय हासिल हुई। झारग्राम में भी बराबर की टक्कर बनी रही, जहां भाजपा को 329 सीटें और टीएमसी को 373 सीटों पर विजय प्राप्त हुई।

बांकुरा में, भाजपा ने 231 सीटें और टीएमसी ने 912 सीटें जीतीं। पश्चिमी मिदनापुर में भाजपा ने 352 सीटों और टीएमसी ने 1457 सीटों पर विजय प्राप्त की।
भाजपा का प्रदर्शन उत्तर बंगाल और मुस्लिम बहुल जिला और कांग्रेस गढ़ में ज्यादा बेहतर रही। वहां भाजपा कांग्रेस और वामपंथी मोर्चे से आगे रहकर दूसरे स्थान पर रही। भाजपा ने 526 सीटें जीतीं, जबकि टीएमसी ने मालदा में 108 सीटें जीत पाई। कांग्रेस को अलीपुरद्वार और जलपाईगुड़ी के उत्तरी बंगाल जिले में भाजपा को 268 और 286 सीटें प्राप्त हो सकीं।

भाजपा को 6125 पंचायत समिति सीटों में 460 (7.5 प्रतिशत) सीटें मिल पाई। टीएमसी की 3598 सीटों पर विजय प्राप्त हुई। सीपीएम 63 सीटें जीतकर तीसरे स्थान पर रही। निर्दलीय उम्मीदवार 77 सीट जीत पाए।

जिला परिषद में भाजपा का प्रदर्शन बेहतर रहा। ग्राम पंचायत स्तर पर भाजपा का वोट शेयर 1 प्रतिशत से बढ़कर 18 प्रतिशत तक पहुंच गया। उल्लेखनीय है कि 2014 लोक सभा चुनावों में पश्चिम बंगाल में भाजपा का वोट शेयर 17.2 प्रतिशत तक पहुंच गया। यह 6.4 प्रतिशत वोटों से काफी बड़ी उछाल है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री दिलीप घोष ने इन परिणामों पर संतोष प्रगट किया है, क्योंकि पार्टी को टीएमसी गुंडों के आतंक का सामना करना पड़ा था। वास्तविक लड़ाई लोक सभा चुनावों में लड़ा जाएगा और हम बता देंगे कि लोग हमारे साथ हैं।

14 मई 2018 को 20 पश्चिम बंगाल जिलों में 621 जिला परिषद, 6123 पंचायत समिति और 31,802 ग्राम पंचायत सीटों पर चुनाव हुए। कुल 48,650 में से 16,814 में निर्विरोध चुनाव हुए। 3059 पंचायत समिति चुनाव नहीं हुआ और यही स्थिति 203 जिला परिषद सीटों पर भी बनी रही।

पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव में हिंसा लोकतंत्र के लिए चिंता का विषय: नरेन्द्र मोदी

गत 16 मई को नई दिल्ली स्थित भाजपा मुख्यालय में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव में लोकतंत्र की जिस प्रकार से हत्या की गई, यह लोकतंत्र के लिए यह चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि कोई नामांकन नहीं भर पाए, निर्विरोध चुनने के लिए यत्न किये जाएं, निर्दोष कार्यकर्ताओं की हत्या हो और यह सिर्फ भाजपा के ही नहीं बल्कि वहां के शासक दल के सिवाय सभी को मुश्किलें झेलनी पड़ी। प्रधानमंत्री ने कहा कि बंगाल की पिछली शताब्दी को देखें तक इसने देश को मार्गदर्शन देने का काम किया है। ऐसी महान भूमि को राजनीतिक स्वार्थ के लिए लहुलूहान कर दिया गया। उन्होंने कहा कि कोई चुनाव जीते, कोई हारे लेकिन ‘लोकतंत्र के सीने पर घाव उभारने के विषय पर सभी राजनीतिक दलों, नागरिक समाज और न्यायपालिका को ध्यान देना होगा।’