भाजपा निश्चित रूप से बंगाल में अगली सरकार बनाएगी : सुरेश पुजारी

| Published on:

ओडिशा के बरगढ़ से नवनिर्वाचित सांसद श्री सुरेश पुजारी जो स्पष्टता और संवेदनशीलता के लिए जाने जाते हैं, भाजपा के युवा नेतृत्व का प्रतिनिधित्व करते हैं। एक युवा नेता के रूप में अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत करते हुए उन्होंने 2015 से अब तक भाजपा के राष्ट्रीय सचिव और पश्चिम बंगाल में पार्टी के सहप्रभारी की जिम्मेदारी संभाली है। इससे पहले श्री पुजारी ओडिशा भाजपा में राज्य उपाध्यक्ष (2000), राज्य महासचिव (2004) और ओडिशा पार्टी अध्यक्ष (2006) के रूप में कई महत्वपूर्ण पदों पर अपनी सेवाएं दी हैं।

जैसाकि पश्चिम बंगाल ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली टीएमसी के कुशासन के बोझ तले दबता जा रहा है, श्री पुजारी ने कमल संदेश के एसोसिएट एडिटर राम प्रसाद त्रिपाठी के साथ एक एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में साल 2019 के लोकसभा चुनावों में भाजपा के बेहतरीन प्रदर्शन और राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव के संदर्भ में पार्टी की भविष्य की रणनीति पर अपनी बात रखी।

श्री पुजारी ने यह भी बताया कि कैसे भाजपा पश्चिम बंगाल से टीएमसी को उखाड़ फेंकने की योजना बना रही है और राज्य को हिंसा, अपराध और अराजकता के दुष्चक्र से बाहर लाएगी और बंगाल की उस शानदार अतीत को फिर से स्थापित करेगी, जो पिछले चार दशकों से राज्य में दिखाई नहीं देता है। प्रस्तुत है इस बातचीत के प्रमुख अंशः

ओडिशा के बरगढ़ निर्वाचन क्षेत्र से संसद सदस्य के रूप में चुने जाने पर आपको बधाई। भाजपा ने ओडिशा में भी अच्छा प्रदर्शन किया है और अपनी लोकसभा सीटें एक से बढ़ाकर आठ कर दी हैं। वहीं पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल में, जहां पार्टी 2014 में सिर्फ दो लोकसभा सीटों पर सीमित थी इस बार 18 लोकसभा सीटें जीतने में कामयाब रही। सत्तारूढ़ टीएमसी को उसके गढ़ में हराना वास्तव में एक बेजोड़ प्रदर्शन था। इस बेहतरीन जीत के मुख्य कारण क्या हैं ?

सबसे पहले, आपकी हार्दिक शुभकामनाओं के लिए धन्यवाद। मैं बरगढ़ के मतदाताओं, अपने राज्य के लोगों, पार्टी के बुजुर्गों और भाजपा के निस्वार्थ कार्यकर्ताओं के प्रति अपना आभार व्यक्त करता हूं, जिनके कारण ओडिशा में मेरी और मेरी पार्टी की प्रभावशाली जीत संभव हुई।

जहां तक पश्चिम बंगाल की बात है, आपने ठीक ही कहा है कि पिछले 2014 के आम चुनावों में सिर्फ दो लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज की और इस बार 18 लोकसभा सीटों को भारी अंतर से जीतना और ममता बनर्जी की अगुवाई वाली टीएमसी को उसके गढ़ में मात देना, सच में भाजपा का शानदार प्रदर्शन है।
पार्टी की इस उपलब्धि के पीछे कई कारण हैं। सबसे पहले, पश्चिम बंगाल में भाजपा के जमीनी कार्यकर्ता राज्य की निरंकुश टीएमसी सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए पिछले कई वर्षों से वास्तव में काम कर रहे है। इसलिए, निर्विवाद रूप से इस भारी जीत का मुख्य श्रेय पार्टी के इन निस्वार्थ कार्यकर्ताओं को जाता है।

दूसरी बात यह है कि पिछले पंचायत चुनावों और उसके बाद के टीएमसी प्रायोजित हिंसा और आतंकवाद का विरोध करते हुए हमारे सैकड़ों कार्यकर्त्ताओं ने अपने प्राणों की आहुति दी और उन्हें गंभीर चोटें आईं। हिंसा का विरोध करते हुए हमारे वरिष्ठ नेता और मंत्री भी घायल हुए। मैं, स्वयं 2015 में टीएमसी के गुंडों के हिंसक हमले का शिकार हुआ, जिसमें मुझे गंभीर चोट आई। लेकिन हमने पूरे साहस के साथ सीएम ममता बनर्जी की दमनकारी नीतियों का विरोध किया और अपना संघर्ष जारी रखा।

तीसरी बात, बंगाल में टीएमसी सरकार ने जमकर अल्पसंख्यकों का तुष्टिकरण किया, जिससे हिंदुओं की भावनाएं आहत हुई, राज्य भर में सरस्वती पूजा, काली पूजा और रामनवमी समारोह के लिए बाधाएं पैदा करना, हिंदू जुलूसों पर प्रतिबंध और रोहिंग्या शरणार्थियों एवं बांग्लादेशियों की घुसपैठ को प्रोत्साहित देकर, लोगों में ऐसी भावना को जन्म दिया गया, जिससे लगने लगा कि टीएमसी सरकार द्वारा बंगाल का ‘कश्मीरीकरण’ किया जा रहा है और इसी घटनाक्रम के कारण मतदाताओं ने चुनाव की शुरुआत से ही मोदीजी को वोट देने और केंद्र में एक मजबूत भाजपा सरकार बनाने का मन बना लिया था।

यही नहीं, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के कठिन एवं फोकस प्रयास और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह जी का मार्गदर्शन, पार्टी के राष्ट्रीय सह—महासचिव (संगठन) श्री शिव प्रकाश जी का परिश्रम, भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव एवं पश्चिम बंगाल के भाजपा प्रभारी श्री कैलाश विजयवर्गीय जी का इस जीत में अहम योगदान रहा। राज्य भाजपा के सभी पदाधिकारी और केंद्र में मोदी सरकार के पिछले पांच वर्षों के उत्कृष्ट प्रदर्शन ने पार्टी के इस शानदार प्रदर्शन के लिए एक महत्वपूर्ण जमीन तैयार की।

इस बार बंगाल में भाजपा किन प्रमुख मुद्दों के साथ जनता के बीच गई?

मुख्य रूप से 2019 का लोकसभा चुनाव प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के करिश्माई और उनके सुशासन, विकास एवं गरीब के लिए उनकी कल्याण योजनाओं के ईदगिर्द ही घूमता रहा।
श्री नरेन्द्र मोदी का बेदाग ट्रैक रिकॉर्ड, भ्रष्टाचार मुक्त शासन, राष्ट्र के प्रति उनकी प्रतिज्ञा, काम के प्रति समर्पण, ‘न्यू इंडिया’ के लिए उनका विजन, ‘सबका साथ सबका विकास’ का नजरिया और राष्ट्र को देशद्रोहियों के चंगुल से सुरक्षित रखने की उनकी प्रतिबद्धता ने हर भारतीय का दिल जीत लिया।
भाजपा सरकार की लोकप्रिय योजनाएं जैसे उज्ज्वला योजना के तहत बीपीएल परिवारों को एलपीजी कनेक्शन प्रदान करना, स्वच्छता मिशन के तहत स्वच्छता मुहैया कराना, जन धन बैंक खाते, आयुष्मान भारत के तहत गरीबों को सर्वोत्तम स्वास्थ्य देखभाल की सुविधा प्रदान करना, 2022 तक सभी को घर मुहैया कराना, देश के आखिरी गांव तक बिजली मुहैया कराना, देश के कोने-कोने में ग्रामीण सड़कों का नेटवर्क, रक्षा क्षेत्र को मज़बूत करना, एक मजबूत अर्थव्यवस्था कुछ ऐसी प्रमुख बातें और मुद्दे हैं, जो लोकसभा चुनावों के दौरान जनता के दिलों पर हावी रहे।

एक समय बंगाल सांस्कृतिक और बौद्धिक क्रांति के लिए जाना जाता था जिसने राष्ट्र को प्रेरित किया। हालांकि, पिछले कुछ दशकों में परिदृश्य पूरी तरह उलट हो गया है। आपको लगता है कि बंगाल के पतन के लिए कौन से कारक जिम्मेदार हैं?

दु:ख की बात है कि मुझे इस बात पर सहमत होना पड़ा रहा है। बंगाल की धरती ने कुछ महान हस्तियों जैसे श्री चैतन्य, रामकृष्ण, विवेकानंद, श्री अरबिंदो, रवींद्रनाथ टैगोर, सुभाष बोस, डॉ. मुकर्जी और कई अन्य स्वतंत्रता सेनानियों, समाज सुधारकों, वैज्ञानिकों और नोबेल पुरस्कार विजेताओं को जन्म दिया। स्वतंत्रता पूर्व बंगाल स्वतंत्रता आंदोलन का केंद्र था और उद्योग एवं शिक्षा का भी एक प्रमुख केंद्र था। हालांकि, राज्य की गिरावट की शुरुआत सत्ता में वाम दलों के प्रवेश के साथ हुई। लगभग चार दशकों के वाम शासन में विकास और भ्रष्टाचार के बजाय अपराध ने राज्य पर शासन किया।

विनाशकारी वाम शासन के बाद सत्ता टीएमसी के हाथों में चली गई। सभी आशान्वित थे कि ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल के गौरव को पुनः स्थापित करेंगी और एक विकसित राज्य के रूप में प्रदेश का विकास होगा। लेकिन अफसोस कि ममता बनर्जी ने बंगाल के साथ धोखा किया। वामपंथियों ने निश्चित रूप से पश्चिम बंगाल को बर्बाद कर दिया, लेकिन टीएमसी सरकार ने राज्य को ऐसे परिस्थिति में लाकर खड़ा कर दिया है जहां से वापसी करना बेहद कठिन काम है।

ममता बनर्जी ‘परिवर्तन’ के नारे के साथ सत्ता में आईं, लेकिन राज्य में ‘परिवर्तन’ कहीं भी नहीं हुआ। कई सेक्टर बर्बाद हो गए, नौकरी खत्म हो गई और आखिरकार लोग राज्य से पलायन करने को  मजबूर होना पड़ा।

अब, मुख्यमंत्री विपक्ष पर दमन करके लोकतंत्र का गला घोंटने की कोशिश कर रहे हैं। यहां तक कि ‘जय श्री राम’ कहना भी ममता बनर्जी और उनके नेताओं के लिए असहनीय है। मुख्यमंत्री की भाषा और व्यवहार का स्तर गिर गया है कि इसकी चर्चा इस समय पूरे देश में हो रही है। वर्तमान टीएमसी शासन में बंगाल उथल-पुथल के एक भयानक दौर से गुजर रहा है और राज्य की राजनीतिक संस्कृति में बहुत अधिक गिरावट आयी है। अब आम लोग इस परिस्थिति को पहचान रहे है कि बंगाल तेजी से बर्बाद हो रहा है और यह पतन के कगार पर है।

एक जिम्मेदार राजनीतिक दल और पश्चिम बंगाल में एक बड़ी ताकत के रूप में भाजपा राज्य को हिंसा, अपराध, अराजकता और गिरावट के इस दुष्चक्र से कैसे निकालेगी?

2019 के आम चुनावों के बाद भाजपा पश्चिम बंगाल में 18 लोकसभा सीटों और 40% से अधिक मत-प्रतिशत के साथ एक बड़ी ताकत बनकर उभरी है। हमारी पार्टी के अभूतपूर्व उत्थान को देखकर ममता बनर्जी भयभीत हो रही हैं। यही कारण है कि वह अपने कार्यकर्ताओं को हमारे नेताओं एवं कार्यकर्ताओं पर हमला करने का निर्देश दे रही हैं। हालांकि, हिंसा, अपराध और असामाजिक तत्वों का लोकतांत्रिक व्यवस्था में कोई भविष्य नहीं होता है।

माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह ने हमेशा रचनात्मक राजनीति एवं ‘सबका साथ, सबका विकास’ जैसी धारणाओं में अपना विश्वास प्रकट किया है। उनका मानना है कि विकास ही सभी समस्याओं का समाधान है। इसलिए हमारे लिए वर्तमान बंगाल की सभी समस्याओं का एकमात्र समाधान विकास है।

मेरा मानना है लोकतंत्र में जनता का फैसला ही आखिरी होता है। जनता ने इस बार ममता बनर्जी के जंगलराज और लोकतंत्र विरोधी शासन को उचित जवाब दिया है। आगामी विधानसभा चुनावों में बंगाल की जनता टीएमसी और उनके समर्थकों को बंगाल की खाड़ी में स्वाहा कर राज्य में भाजपा सरकार लाएगी।

वह दिन दूर नहीं जब भाजपा राज्य को हिंसा, अपराध और अराजकता के दुष्चक्र से बाहर निकालेगी और बंगाल के गौरवशाली अतीत को फिर से जीवित करेगी, जो पिछले चार दशकों से राज्य से अलग-थलग हो गया है।

पश्चिम बंगाल में विस्तार के लिए भाजपा की क्या रणनीति है?

पार्टी का वर्तमान केवल एक छोटी शुरुआत है। यह बताता है कि पश्चिम बंगाल में भाजपा का भविष्य बहुत उज्ज्वल है। आम लोग यह अच्छी तरह से जानते हैं कि उनके प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी उनके विकास के लिए चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं। जिससे राज्य में भाजपा की लोकप्रियता दिन-प्रतिदिन अपने आप बढ़ रही है।

इस बार हमने भारी अंतर से राज्य की 18 सीटें जीतीं और कुछ सीटें बहुत कम अंतर से हारे हैं। लोकसभा परिणामों के अनुसार भाजपा राज्य के 149 विधानसभा क्षेत्रों में आगे थी। हालांकि, हमारा ध्यान राज्य की सभी 40 लोकसभा सीटों पर है और अगले आम चुनाव में इन पर विजय प्राप्त करना एवं बंगाल में भाजपा की सरकार बनाना ही हमारा अगला लक्ष्य है। हम इसे हासिल करने की पूरी कोशिश करेंगे।

दूसरी बात, बंगाल में लोग महसूस कर रहे हैं कि भाजपा ही एकमात्र पार्टी है जो बिना किसी भेदभाव के विकास ला सकती है। अगर भाजपा राज्य में सरकार बनाती है तो वह राज्य को नई ऊंचाई पर ले जा सकती है। यही हमारी पूंजी है।

तीसरा, हम अपराधियों के चंगुल से बंगाल को बचाने के लिए लड़ेंगे; हम राज्य के पिछले गौरव को वापस लाने के लिए लड़ेंगे, हम बंगाल के ‘कश्मीरीकरण’ को रोकने के लिए लड़ेंगे और हम पार्टी संगठन को मजबूत करने के लिए जमीनी स्तर तक काम करेंगे।

अपने शब्दों और कार्य के साथ टीएमसी कीचड़ फैलाने का काम कर रही है, जिससे कमल खिलाने के लिए एक अनुकूल वातावरण तैयार हो रहा है। इसलिए मैं राज्य और अपनी पार्टी के उज्ज्वल भविष्य की उम्मीद कर सकता हूं और मुझे विश्वास है कि भाजपा निश्चित रूप से बंगाल में अगली सरकार बनाएगी।