भाजपा को ऐतिहासिक जनादेश

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जैसे ही पांचों राज्यों के चुनाव परिणामों के रूझान आने लगे पूरे देश में खुशी की लहर दौड़ गई। 11 मार्च 2017 इतिहास के पन्नों में देश की राजनीति में व्यापक परिवर्तन लाने वाले दिन के रूप में दर्ज हो गया। महीनों से चल रहे चुनावी समर के परिणामों के साथ जनता ने इस ऐतिहासिक परिवर्तन का जनादेश दे दिया। उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड में तो जनता ने भाजपा को प्रचण्ड जनादेश दिया। गोवा और मणिपुर जहां किसी पार्टी को बहुमत प्राप्त नहीं हुआ, अन्य दलों ने भाजपा को तत्काल समर्थन दे दिया। कांग्रेस को पंजाब में सत्ता मिली। पांच में से चार राज्यों में जनता ने भाजपा को चुना। यह प्रचण्ड जनादेश है। उत्तर प्रदेश और उत्तराखण्ड में तो भाजपा को तीन चौथाई से भी अधिक सीटें मिली तथा विपक्ष का पूरी तरह सफाया हो गया। मणिपुर में जहां अब तक भाजपा कहीं नहीं थी, वहां सरकार बनाने में सफल रही। इससे अब कोई इंकार नहीं कर सकता कि यह जीत विकास एवं ‘परफॉरमेंस की राजनीति’ की जीत है। जाति, संप्रदाय, वंशवाद एवं परिवारवाद की राजनीति को जनता अब खारिज कर रही है। भ्रष्टाचार, कुशासन एवं अक्षमता को दण्डित किया जा रहा है। बदले राजनैतिक परिवेश में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के नेतृत्व में भाजपा एक नई आशा बनकर उभरी है।

एक ओर जहां राजनैतिक विश्लेषक इस जनादेश के विभिन्न पहलुओं पर बहस करते रहेंगे, परन्तु यदि उन्होंने यथार्थ को नहीं स्वीकारा तो उनकी विश्वसनीयता संदिग्ध बनी रहेगी। ‘मार्क्सवाद-सेकुलरवाद’ की खंडित अवधारणा में फंसी कांग्रेस ‘जाति-संप्रदाय-क्षेत्रवाद’ की विभाजक राजनीति में फंस गई है। भारतीय समाज को औपनिवेशिक-मार्क्सवादी चश्मे से देख कांग्रेस एवं इसके सहयोगी भारत को अलग-अलग घटकों में बंटा हुआ मानने लगी। इनकी सबसे बड़ी भूल भारत की प्राचीन विरासत, सुदृढ़ एकता एवं राष्ट्रीयता से इंकार करना रहा है। उभरते हुए नये राजनैतिक परिवेश में उनके विचार अप्रासंगिक हो रहे हैं तथा उनके दावों को जनता ने अब खारिज करना शुरू कर दिया है। जनसंघ के समय से ही भाजपा का भारत में प्राचीन काल से ही राष्ट्रीयता की भावना से भरे होने का विश्वास रहा है। भाजपा को प्रचण्ड जनमत देकर जनता ने यह प्रमाणित कर दिया है कि वे जाति-पंथ-संप्रदायों में बंटे हुए नहीं, बल्कि राष्ट्रीय हित, विकास, सुशासन, परफॉरमेंस एवं राष्ट्रवाद के पक्ष में हैं। राष्ट्रवाद एवं लोकतंत्र में अटूट विश्वास का संदेश देते हुए जन-मन ने नये भारत के लिये अपना संकल्प व्यक्त किया है।

इतने प्रचण्ड जनादेश से भाजपा का दायित्व कई गुणा बढ़ गया है। अब न केवल व्यवस्था, इसके क्रिया-कलाप एवं कार्य संस्कृति बदलने का समय है, बल्कि भारतीय समाज संस्कृति एवं इसकी आकांक्षाओं के बारे में समझ बदलने का भी दायित्व है। भारतीयता में आस्था रखने वाली भाजपा का अब यह दायित्व है िक वह मानव कल्याण हेतु इस ऐतिहासिक जनादेश का उपयोग करे। अब भारतीय राजनीति को भ्रष्टाचार, कुशासन, जातिवाद-संप्रदायवाद, परिवारवाद, वंशवाद के दलदल से निकालकर विकास, सुशासन एवं प्रामाणिक-पारदर्शी व्यवस्था का कमल िखलाने का काम भाजपा को करना है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के करिश्माई नेतृत्व में एक नया भारत अंगड़ाई ले रहा है, जहां गरीब, वंचित, शोषित, युवा, महिला को समर्पित सरकार पूरे देश के सर्वांगिण विकास के लिए कृतसंकल्पित है। भारत की धमक अब विश्व पटल पर सुनाई दे रही है। इन सबका परिणाम है यह ऐतिहासिक जनादेश। दरअसल, यहां की जनता ने इतिहास बदलने का ऐतिहासिक जनादेश दिया है।

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