ग्रामीण विकास में तेजी, नौजवानों के लिए रोजगार और देश की अर्थव्यवस्था मजबूत करने वाला बजट

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केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने एक फरवरी को लोकसभा में केंद्रीय बजट 2020-21 प्रस्तुत किया। बजट में ग्रामीण विकास में तेजी, नौजवानों के लिए रोजगार और देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के उपायों पर जोर दिया गया। साथ ही, आयकर में कमी लाकर विशेष कर मध्यम वर्ग को राहत दी गई। रक्षा क्षेत्र के बजट में बढ़ोतरी की गई। यही नहीं, बजट में आम जन के स्वास्थ्य और महिला सशक्तिकरण पर काफी जोर दिया गया है। खासकर नव उद्यमियों को भी प्रोत्साहित किया गया है।

महत्वाकांक्षी भारत, सभी के लिए आर्थिक विकास और जिम्मेदार समाज का निर्माण

श्रीमती निर्मला सीतारमण द्वारा लोकसभा में एक फरवरी को प्रस्तुत किये गए केंद्रीय बजट 2020-21 का प्रमुख उद्देश्य महत्वाकांक्षी भारत, सभी के लिए आर्थिक विकास और जिम्मेदार समाज का निर्माण करना है। इसलिए बजट में दूर-दराज तक पहुंचने वाले अनेक सुधारों की शुरुआत की गई, जिनका उद्देश्य लघु, मध्यम और दीर्घकालिक उपायों से भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाना है।

‘किसान रेल’ और ‘कृषि उड़ान’ की शुरुआत

किसानों के अनुकूल पहल करके वर्ष 2020-21 के लिए 15 लाख करोड़ रुपये का कृषि ऋण लक्ष्य रखा गया है और खराब होने वाली वस्तुओं के लिए बिना किसी बाधा वाली राष्ट्रीय शीत आपूर्ति शृंखला के लिए भारतीय रेलवे और नागर विमानन मंत्रालय ने क्रमशः ‘किसान रेल’ और ‘कृषि उड़ान’ की शुरुआत की है। 20 लाख किसानों को ग्रिड से जुड़े पम्पों को हासिल करने के लिए पीएम कुसुम का विस्तार किया जाएगा।

कृषि क्षेत्र के लिये 16 सूत्रीय कार्ययोजना

वित्त मंत्री ने ढांचागत परियोजनाओं, ग्रामीण विकास और कृषि क्षेत्र पर खर्च बढ़ाने की घोषणा की। वित्त मंत्री ने कहा कि किसान कल्याण और कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिये सरकार 16 सूत्रीय कार्ययोजना का प्रस्ताव कर रही है। उन्होंने कहा कि कृषि सेवाओं में व्यापक निवेश की जरूरत है। सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत 6.11 करोड़ किसानों का बीमा किया है।

स्वास्थ्य के क्षेत्र में बजट में ‘प्रधानमंत्री जन आरोग्य’ योजना के अंतर्गत 20,000 से ज्यादा अस्पतालों को पैनल में शामिल किया गया है और 2024 तक 2000 औषधियों और 300 सर्जिकलों की सभी जिलों को पेशकश करते हुए जन औषधि केन्द्र योजना लागू की गई है।

उड़ान योजना को सहयोग प्रदान करने के लिए 2024 तक 100 और हवाई अड्डों के साथ बुनियादी ढांचे के विकास में तेजी लाई जाएगी और पीपीपी मोड के जरिए 150 यात्री ट्रेनें चलाई जाएंगी। मार्च, 2021 तक लगभग 150 उच्चतर शिक्षा संस्थानों के जरिए एप्रेंटिसशिप की शुरुआत की जाएगी। श्रीमती सीतारमण ने आम बजट में व्यक्तिगत आयकर दरों में कटौती करने के साथ ही सस्ते मकानों पर कर लाभ बढ़ाने और कंपनियों पर लाभांश वितरण कर समाप्त करने की घोषणा की।
वित्त मंत्री ने लोकसभा में 2020-21 का बजट पेश करते हुये रसोई और भोजन की मेज पर इस्तेमाल होने वाले बर्तनों, बिजली के सामान से लेकर चप्पल जूते, फर्नीचर, स्टेशनरी और खिलौनों पर सीमा शुल्क बढ़ा दिया है। इससे ‘मेक इन इंडिया’ को बढ़ावा मिलने और घरेलू कंपनियों को सस्ते आयात से सुरक्षा मिलेगी।

आयकर का सरलीकरण

श्रीमती सीतारमण ने मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का दूसरा बजट पेश करते हुये व्यक्तिगत आयकर दाताओं को घटी दरों के साथ वैकल्पिक आयकर व्यवस्था का प्रस्ताव किया। 5 लाख रुपये तक की आयकर मुक्त रहेगी। सात स्लैब वाली नई प्रस्तावित कर व्यवस्था में मौजूदा पांच, 20 और 30 प्रतिशत की कर दर के अलावा 10 प्रतिशत, 15 प्रतिशत और 25 प्रतिशत के नये स्लैब शामिल किये गये हैं। आयकर की नई व्यवस्था वैकल्पिक रखी गई है और जो करदाता अलग अलग रियायतें और कटौतियां नहीं लेना चाहेंगे, वह इस नई व्यवस्था को अपना सकते हैं।

बजट के अनुसार प्रस्तावित वैकल्पिक नए आयकर ढांचे को चुनने वाले करदाताओं को आयकर कानून की धारा 80सी और 80डी, यात्रा भत्ता, आवास किराया भत्ता, मनोरंजन भत्ता, पेशेवर कर और खुद के मकान अथवा खाली पड़ी संपत्ति के आवास ऋण के ब्याज पर मिलने वाले कर लाभ और कटौती उपलब्ध नहीं होगी।

वित्त मंत्री ने बाद में संवाददाताओं से कहा, ‘हमारा लक्ष्य आने वाले समय में आयकर पर रियायतों और कटौतियों की व्यवस्था को समाप्त करना है।’

‘विवाद से विश्वास’ योजना

वित्त मंत्री ने प्रत्यक्ष कर क्षेत्र में व्यापक सुधार उपायों को आगे बढ़ाते हुये पुराने विवादित कर मामलों का निपटान करने के लिये ‘विवाद से विश्वास’ योजना की घोषणा की। इस योजना के तहत 31 मार्च 2020 तक करदाता यदि भुगतान करता है तो केवल विवादित राशि का ही भुगतान करना होगा। ब्याज और जुर्माने से छूट होगी। इस तिथि के बाद योजना का लाभ उठाने वालों को करदाताओं को कुछ अतिरिक्त कर राशि का भुगतान करना पड़ सकता है। योजना 30 जून 2020 तक खुली रहेगी।

श्रीमती सीतारमण ने पिछले साल सितंबर में कंपनी कर में भी भारी कटौती का तोहफा कंपनियों को दिया। कंपनी कर में करीब 10 प्रतिशत की कटौती करने से सरकारी खजाने को 1.45 लाख करोड़ रुपये का नुकसान बताया गया। यही वजह है कि 2019-20 का राजकोषीय घाटा 3.3 प्रतिशत के बजट अनुमान से बढ़कर 3.8 प्रतिशत के संशोधित अनुमान पर पहुंच गया।

राजकोषीय घाटा 3.5 प्रतिशत

नये वित्त वर्ष 2020- 21 के लिये राजकोषीय घाटा 3.5 प्रतिशत रहने का बजट अनुमान लगाया गया है।

वर्ष 2020-21 का कुल बजट 30 लाख 42 हजार 230 करोड़ रुपये का है जिसमें कर राजस्व प्राप्तियां 20 लाख 20 हजार 926 करोड़ रुपये, उधार एवं अन्य प्राप्तियों से 10 लाख 21 हजार 304 करोड़ रुपये प्राप्त करने का बजट अनुमान रखा गया है। बजट में राजस्व घाटा 2019-20 के बजट अनुमान 2.3 प्रतिशत के मुकाबले मामूली बढ़कर 2.4 प्रतिशत रहने का संशोधित अनुमान लगाया गया है जबकि 2020-21 में इसके 2.7 प्रतिशत तक पहुंच जाने का अनुमान है।

मैं इस दशक के पहले बजट के लिए, जिसमें विजन भी है, एक्शन भी है, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जी और उनकी टीम को बहुत-बहुत बधाई देता हूं। बजट में जिन नए रीफॉर्म्स का ऐलान किया गया है, वो अर्थव्यवस्था को गति देने, देश के प्रत्येक नागरिक को आर्थिक रूप से सशक्त करने और इस दशक में अर्थव्यवस्था की नींव को मजबूत करने का काम करेंगे।
नरेन्द्र मोदी, प्रधानमंत्री