बीएसएनएल, एमटीएनएल का होगा विलय

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         68,751 करोड़ रुपये के पुनरुद्धार पैकेज को मंजूरी

केंद्रीय सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र की दूरसंचार कंपनियों बीएसएनएल और एमटीएनएल के लिए 68,751 करोड़ रुपये के पुनरुद्धार पैकेज को 23 अक्टूबर को मंजूरी दी। इसमें एमटीएनएल का बीएसएनएल में विलय, कर्मचारियों के लिये स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (वीआरएस) और 4 जी स्पेक्ट्रम आवंटन शामिल हैं।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया। दूरसंचार मंत्री श्री रवि शंकर प्रसाद ने पैकेज से जुड़ी जानकारियां साझा करते हुए कहा कि बीएसएनएल और एमटीएनएल के विलय को मंजूरी दे दी गई है। विलय प्रक्रिया पूरी होने तक एमटीएनएल प्रमुख दूरसंचार कंपनी बीएसएनएल की अनुषंगी के रूप में काम करेगी।

पुनरुद्धार पैकेज में दोनों कंपनियों की तत्काल पूंजी जरूरतों को पूरा करने के लिए 15,000 करोड़ रुपये के सरकारी बांड, 4 जी स्पेक्ट्रम के लिए 20,140 करोड़ रुपये, कर्मचारियों की वीआरएस के लिए 29,937 करोड़ रुपये और जीएसटी के तौर पर 3,674 करोड़ रुपये की राशि दिया जाना शामिल है।
कर्मचारियों की सेवानिवृति के तौर पर दी जाने वाली राशि में कंपनी के 50 प्रतिशत कर्मचारी शामिल हो सकते हैं। दूरसंचार कंपनी को दिये जाने वाले स्पेक्ट्रम आवंटन पर माल एवं सेवाकर के रूप में दी जाने वाली 3,674 करोड़ रुपये की राशि भी पैकेज में शामिल की गई है।

श्री प्रसाद ने कहा, “बीएसएनएल और एमटीएनएल के मामले में सरकार का रुख स्पष्ट है। ये भारत की सामरिक संपत्तियां हैं। सेना के पूरे नेटवर्क का रखरखाव बीएसएनएल द्वारा किया जाता है।” उन्होंने कहा, “वीआरएस पैकेज के तहत पात्र कर्मचारियों को 60 वर्ष की आयु तक कंपनी की सेवा करके अर्जित होने वाली आय का 125 प्रतिशत मिलेगा। इस फैसले के साथ हमने इन सार्वजनिक कंपनियों के लाखों कर्मचारियों के हित का ध्यान रखा है।” बीएसएनएल में करीब 1.68 लाख कर्मचारी हैं, जबकि एमटीएनएल के करीब 22,000 कर्मचारी हैं।

केंद्रीय मंत्री ने कहा, “वीआरएस पूरी तरह से स्वैच्छिक है; कोई भी इसे अपनाने के लिए बाध्य नहीं कर सकता है।” दोनों कंपनियों पर कुल 40,000 करोड़ रुपये का कर्ज है, जिसमें से आधा कर्ज एमटीएनएल का है, जो सिर्फ दिल्ली और मुंबई में परिचालन करती है।

दोनों कंपनियां बाजार में प्रतिस्पर्धी बने रहने के लिए लंबे समय से स्पेक्ट्रम की मांग कर रही थी ताकि 4 जी सेवा शुरू की जा सके। दूरसंचार सचिव ने कहा कि दोनों कंपनियों को एक महीने के अंदर प्रशासनिक स्तर पर स्पेक्ट्रम आवंटित कर दिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि बीएसएनएल को इक्विटी शेयर के बदले 14,115 करोड़ रुपये का स्पेक्ट्रम आवंटन होगा और एमटीएनएल को तरजीही शेयरों के एवज में 6,295 करोड़ रुपये का स्पेक्ट्रम आवंटन किया जाएगा।

सरकार तीन साल की अवधि में बीएसएनएल और एमटीएनएल की 37,500 करोड़ रुपये की संपत्ति का मौद्रीकरण करते हुये उसकी बिक्री करेगी या फिर पट्टे पर देगी।

उन्होंने कहा, “परिसंपत्ति में मुख्य रूप से जमीन शामिल हैं। अकेले दिल्ली में एमटीएनएल के पास करीब 29 खुदरा आउटलेट (केंद्र) हैं।” सचिव ने कहा कि बीएसएनएल को चरणबद्ध तरीके से 4 जी सेवा शुरू करने के लिए करीब 10,000 करोड़ रुपये की जरूरत होगी, जबकि एमटीएनएल को करीब 1,100 करोड़ रुपये की जरूरत होगी।

सरकार ने वीआरएस पैकेज में अनुग्रह राशि के तौर पर 17,169 करोड़ रुपये और अग्रिम पेंशन लाभ के तौर पर 12,768 करोड़ रुपये की मंजूरी दी।

उन्होंने कहा कि 53.5 साल की उम्र से ऊपर के कमर्चारियों को उनकी सेवा की शेष अवधि में अर्जित वेतन का 125 प्रतिशत तक लाभ मिलेगा। कंपनी के 50 से 53.5 वर्ष की आयु वर्ग के कर्मचारी यदि वीआरएस अपनाते हैं तो उन्हें अपनी बची सेवा मे मिलने वाली प्राप्ति का 80 से 100 प्रतिशत के दायरे में लाभ मिलेगा।