बजट 2020 किसान हितैषी एवं विकासोन्मुख है

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गोपाल कृष्ण अग्रवाल

श्रीमती निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत बजट 2020 देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत गति प्रदान करने के लिए महत्वपूर्ण है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य रखा है। उसके लिए यह बजट सक्षम भूमिका प्रस्तुत करता है। आने वाले समय में 10 प्रतिशत की नॉमिनल जीडीपी विकास दर इस बात की द्योतक है कि हमारी अर्थव्यवस्था तेज गति से आगे बढ़ेगी।

इस बजट में अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों को ध्यान में रखते हुए कई प्रावधानों की घोषणा की गई है। तीन महत्वपूर्ण भाग बजट की दिशा निर्धारित करते हैं। देश का एक बड़ा वर्ग अर्थव्यवस्था के विकास में अपनी भागीदीरी सुनिश्चित करना चाहता है। उसके लिए एसपिरेशनल इंडिया के प्रावधानों के तहत ग्रामीण परिवेश की जनता के जीवन स्तर को ऊपर लाने के उद्देश्य से स्वास्थ्य, पानी, मकान एवं आधारभूत सुविधाओं को मजबूत करने के लिए; जल्दी खराब होने वाले कृषि उत्पादों के परिवहन के लिए ‘किसान रेल’ और ‘किसान उड़ान योजना’, पीएम कुसुम स्कीम के जरिए 20 लाख किसानों को सोलर पंप से जोड़ा जाना, बागवानी फसलों के लिए एक जिला एक फसल योजना, 1 लाख ग्राम पंचायतों तक इंटरनेट कनेक्टविटी पहुंचाना और महिला किसानों के लिए धन लक्ष्मी योजना, जैसे 16 नए प्रावधान किए गये हैं।

बजट का दूसरा महत्वपूर्ण भाग आर्थिक विकास को तेज़ गति प्रदान करता है। जिसमें इंडस्ट्री के सभी क्षेत्रों जैसे टेक्सटाइल, पावर, ऑइल और गैस, रेलवे, एयरपोर्ट, सीपोर्ट और नई टेक्नोलोजिकल और डिजिटल इकॉनमी की आवश्यकताओं को ध्यान में रखा गया है । एम.एस.एम.ई. और स्टार्टअप ईकोसिस्टम को सरकार ने खुले दिल से सहयोग एवं समर्थन प्रदान किया है। सरकार ने 103 लाख के इन्फ्रास्ट्रक्चर इनवेस्टमेंट के लिए नेशनल इन्फ्रास्ट्रक्चर पाइप लाइन के तहत, 6500 आधारभूत ढ़ांचे के प्रोजेक्ट चिन्हित किए है। इन प्रोजेक्ट में विदेशी निवेशको के लिए ब्याज, डिविडेन्ट और कैपिटल गेन टैक्स में 100% की छूट दी है और केन्द्र एवं प्रदेश सरकार के खर्चों का समावेश भी किया हैं। ये प्रोजेक्ट मार्च 2024 तक शुरु करने है और तीन साल का लॉक इन समय भी रखा गया है। सिंगल विन्डो क्लीयरेन्स देने का भी निर्णय लिया गया है।

तीसरा महत्वपूर्ण भाग है जन कल्याण, समाज के सभी वर्ग जैसे महिला, वृद्ध, युवा, मध्यम आय वर्ग और उपभोक्ताओं के लिए ‘सबका साथ सबका विकास’ की अवधारणा को ध्यान में रखते हुए सरकार की सभी पूर्ववर्ती जनकल्याणकारी योजनाओं के लिए आर्थिक प्रावधान पूरी तरह चालू रखे गए हैं। आयुष्मान भारत योजना में अस्पतालों की संख्या बढ़ाई जाएगी, 2025 तक भारत को टीबी मुक्त करने का लक्ष्य, टीबी हारेगा, देश जीतेगा अभियान के तहत किया जाएगा। एसपिरेशनल जिलों में जल आपूर्ति का घोषणा की गई है।

करदाताओं के अधिकारों को सुनिश्चित करने की महत्वपूर्ण पहल टेक्स पेयर राईटस चार्टर के द्वारा सरकार ने क़ानून के ही अन्तर्गत की है। इस तरह के प्रावधान अभी तक विश्व के केवल तीन देशों में ही हैं। विवाद से विश्वास, फेसलेस अपील और इ-असेसमेन्ट जैसे प्रावधान ईमानदार करदाताओ को सम्मान एवं कर सरलीकरण प्रक्रिया को मजबूती प्रदान करते हैं। व्यक्तिगत करदाताओं के लिए कर की दरों में कम करने के साथ विकल्प देने का महत्वपूर्ण कदम सरकार ने उठाया है और 15 लाख तक के मध्यम वर्ग के कर दाताओं को इस विकल्प से राहत मिलेगी। आम जनता, जो कि अपनी जीवन की गाढ़ी कमाई को बैंक में डिपॉजिट के रुप में रखती है, को ध्यान में रखते हुए उनके डिपॉजिट इंश्योरेंस की सीमा को एक लाख से बढ़ाकर पांच लाख किया गया है।

वित्त क्षेत्र के लोगों के लिए डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स हटा दिया गया है। बांड मार्किट के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए है। विदेश से पूंजी आयात के लिए विदेशी निवेशकों को खासकर पेंशन एवं प्राविडेन्ट फंड के लिए घरेलू बांड मार्किट में निवेश की सीमा बढ़ाने और नई सरकारी योजनाओं में निवेश के प्रावधानों की घोषणा की गई है।

चीन और आस पास के देशों से भारत में सस्ता माल भेजा जा रहा है जिसके कारण हमारे देश के उद्योगों को नुकसान हो रहा था। आसियान देशों से फ्री ट्रेड एग्रीमेन्ट के तहत जो हमारे घरेलू उद्योगों को नुकसान हो रहा है, उसके लिए सेफगार्ड ड्यूटी और कन्ट्री ऑफ ओरिजिन जैसे प्रावधानों द्वारा इन उद्योगों को संरक्षण प्रदान किया गया है।

एम.एस.एम.ई. क्षेत्र में बैंकों के कर्ज के तहत समस्याए उपस्थित हो गई थीं, उसके समाधान को भी सरकार ने आसान किया है। लोन रि-स्ट्रक्चर करने की सीमा को 500 करोड़ से घटाकर 100 करोड़ करना इस दिशा में महत्वपूर्ण बदलाव लाएगा। अनुपालन में सुविधा को ध्यान में रखा गया है। टैक्स ऑडिट करवाने की सीमा को एक करोड़ से बढाकर पांच करोड़ करने की आवश्यकता को भी पूरा किया गया है। देश के विकास एवं समाज के सभी वर्ग के कल्याण को सरकार ने इस बजट में ध्यान रखा है। चाहे वह ग्रामीण क्षेत्र के किसानों की समस्या हो या युवाओं को रोजगार देने के लिए शिक्षा में बदलाव हो। शिक्षा के लिए 99 हजार करोड़ रुपये के बजट का आवंटन, मार्च 2021 तक 150 नए डिप्लोमा इंस्टीट्यूट खोलने की घोषणा और नेशनल पुलिस यूनिवर्सिटी और नेशनल फोरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी बनाने का ऐलान इस क्षेत्र में बदलाव लाएंगे। निश्चित तौर पर यह बजट कई दूरगामी परिणाम लाएगा।

(लेखक भाजपा के आर्थिक मामलाें के राष्ट्रीय प्रवक्ता हैं।)