मंत्रिमंडल ने नागरिक उड्डयन में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश नीति को मंजूरी दी

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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 4 मार्च को मैसर्स एयर इंडिया लिमिटेड के मामले में उन एनआरआई को स्वचालित मार्ग से 100 प्रतिशत तक विदेशी निवेश की अनुमति देने के लिए मौजूदा एफडीआई नीति में संशोधन को मंजूरी दी, जो भारत के नागरिक हैं।
मौजूदा एफडीआई के अनुसार अनुसूचित हवाई परिवहन सेवा/घरेलू अनुसूचित यात्री एयरलाइन में स्वचालित मार्ग से 100 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति है (49 प्रतिशत तक स्वचालित और 49 प्रतिशत से अधिक सरकार के जरिये)। हालांकि, एनआरआई के लिए अनुसूचित हवाई परिवहन सेवा/घरेलू अनुसूचित यात्री एयरलाइन में स्वचालित मार्ग के तहत 100 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति है। लेकिन शर्त यह है कि विमान नियम 1937 के अनुसार पर्याप्त स्वामित्व एवं प्रभावी नियंत्रण (एसओईसी) भारतीय नागरिकों में निहित होगा।

हालांकि मैसर्स एयर इंडिया लिमिटेड के लिए मौजूदा नीति के अनुसार, मैसर्स एयर इंडिया लिमिटेड में प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष तौर पर 49 प्रतिशत से अधिक विदेशी निवेश की अनुमति नहीं है और वह इस शर्त पर आधारित है कि मैसर्स एयर इंडिया लिमिटेड में पर्याप्त स्वामित्व एवं प्रभावी नियंत्रण भारतीय नागरिकों में निहित हो।

इसलिए अनुसूचित हवाई परिवहन सेवा/घरेलू अनुसूचित यात्री एयरलाइन में एनआरआई के लिए स्वचालित मार्ग के तहत 100 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति होने के बावजूद मैसर्स एयर इंडिया लिमिटेड के मामले में यह केवल 49 प्रतिशत तक सीमित है।

भारत सरकार द्वारा मैसर्स एयर इंडिया लिमिटेड के 100 प्रतिशत प्रस्तावित रणनीतिक विनिवेश के संदर्भ में मैसर्स एयर इंडिया लिमिटेड में सरकार की कोई शेष हिस्सेदारी नहीं होगी और वह पूरी तरह निजी स्वामित्व में होगी। इसलिए यह निर्णय लिया गया है कि एम/एस एयर इंडिया लिमिटेड में विदेशी निवेश के जरिये उसे अन्य अनुसूचित विमानन कंपनियों की श्रेणी में लाया जाना चाहिए।

एफडीआई नीति में इस संशोधन से मैसर्स एयर इंडिया लिमिटेड में अन्य अनुसूचित एयरलाइन ऑपरेटरों के अनुरूप विदेशी निवेश की अनुमति मिल जाएगी यानी मैसर्स एयर इंडिया लिमिटेड में उन एनआरआई को 100 प्रतिशत तक विदेशी निवेश की अनुमति होगी।