चेनानी नशरी सुरंग का नाम अब डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी सुरंग

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केन्द्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग तथा एमएसएमई मंत्री श्री नितिन गडकरी और पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास, प्रधानमंत्री कार्यालय, जन शिकायत और पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने 24 अक्टूबर को नई दिल्ली में आयोजित एक समारोह में जम्मू और कश्मीर में एनएच-44 पर स्थित चेनानी नशरी सुरंग का नाम बदलकर डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी सुरंग करने की घोषणा की।

9 किलोमीटर की यह सुरंग देश की सबसे लंबी आधुनिक सुरंग है, जो उधमपुर को जम्मू में रामबन से जोड़ती है। 2500 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित इस सुरंग के कारण यात्रा का मार्ग 31 किलोमीटर और दोनों जगहों के बीच यात्रा का समय करीब दो घंटे कम कर हो गया है, जिससे ईंधन की काफी बचत होगी।

इस अवसर पर श्री गडकरी ने कहा कि सुरंग का नया नाम डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी को सच्ची श्रद्धांजलि होगी, जिन्होंने देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दी और वह राष्ट्र के लिए प्रेरणा स्रोत रहे। जम्मू और कश्मीर राज्य में उनके मंत्रालय की पहल के बारे में श्री गडकरी ने कहा कि पिछले पांच वर्षों के दौरान राज्य में 6000 करोड़ रुपये की सड़क परियोजनाओं का काम शुरू किया गया है। इनमें जम्मू और श्रीनगर के आसपास रिंग रोड और जोजिला सुरंग का निर्माण शामिल है।

उन्होंने कहा कि यह परियोजनाएं राज्य की जनता के लिए बड़ा परिवर्तन साबित होंगी, जिनसे रोजगार मिलेगा और सामाजिक-आर्थिक विकास होगा।

श्री गडकरी ने दिल्ली और जम्मू में कटरा के बीच नए सड़क संपर्क के निर्माण की घोषणा की, जिससे यात्रा का समय 6 घंटे तक कम हो जाएगा। उन्होंने कहा कि नया सड़क संपर्क हरियाणा और पंजाब राज्यों से होकर गुजरेगा। श्री गडकरी ने कहा कि सरकार हथकरघा, हस्तशिल्प, शहद आधारित उद्योगों जैसे मध्यम और लघु उद्योगों के जरिए राज्य में रोजगार सृजन के अवसर बढ़ाने की नीति पर कार्य कर रही है।

इस अवसर पर डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि देश के लिए यह एक अनोखा क्षण है। 66 वर्ष पूर्व डॉ. मुखर्जी को गैर-कानूनी तरीके से लखनपुर से गिरफ्तार कर लिया गया था और उन्हें चेनानी नशरी के जरिए श्रीनगर ले जाया गया। डॉ. मुखर्जी उस समय लोकसभा के सदस्य थे। इस सुरंग का नाम डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नाम पर रखने के बाद यह उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि होगी और आने वाले पीढ़ियां भविष्य में इस दिन को याद रखेंगी।

उन्होंने कहा कि यह कामगारों के संघर्ष को श्रद्धांजलि है और डॉ. मुखर्जी के ‘एक विधान, एक निशान, एक प्रधान’ के संकल्प को पूरा करता है। उन्होंने कहा कि नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के अंतर्गत क्षेत्र का काफी विकास हुआ है। उधमपुर में करीब 2 दर्जन पुलों का निर्माण हुआ है। कुछ अंतरराज्यीय पुलों और आधुनिक सुरंगों का निर्माण हुआ है।