कांग्रेस सरकार प्रदेश का विकास नहीं कर सकती: अमित शाह

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पालमपुर (हिमाचल प्रदेश)भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह ने 4 मई को देश के सभी राज्यों के 95 दिवसीय विस्तृत प्रवास कार्यक्रम के तहत अपने दो दिवसीय हिमाचल प्रदेश के प्रवास के अंतिम दिन पालमपुर में प्रदेश के बुद्धिजीवियों के साथ कई विषयों पर चर्चा की और उनसे भारतीय जनता पार्टी के साथ मन से जुड़ने की अपील की। इसके पश्चात् उन्होंने कारगिल युद्ध में शहीद देश के वीर जवान कैप्टन सौरभ कालिया के पिताजी डॉ एन के कालिया को शाल ओढ़ा कर और पुष्प-गुच्छ देकर सम्मानित किया।

राष्ट्रीय अध्यक्ष ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि मेजर सोमनाथ शर्मा से लेकर कैप्टन सौरव कालिया तक हिमाचल की पवित्र धरती के वीरों ने मातृभूमि की रक्षा के लिए जो आत्म-बलिदान की उच्च परंपरा स्थापित की है, वह हमारे लिए गौरव और श्रद्धा का विषय है। उन्होंने कहा कि हम सब भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं के लिए हिमाचल प्रदेश एक अन्य कारण से भी प्रिय है क्योंकि यह हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का प्रिय प्रदेश है, प्रधानमंत्री जी ने इसे बार-बार सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया है, उन्होंने लंबे समय तक प्रदेश में संगठन का काम किया है।

श्री शाह ने कहा कि जन संघ से भारतीय जनता पार्टी की संगठन के विकास और राजनीतिक वैभव की जो यात्रा है, वह हमारे महान नेताओं के त्याग, तपस्या और बलिदान के कारण है। उन्होंने कहा कि मैं एक ऐसी पार्टी का अध्यक्ष हूं जिसके पास हजारों ऐसे कार्यकर्ता हैं जिनका कोई परिवार नहीं है, पार्टी के कार्यकर्ता ही उनके परिवार हैं। उन्होंने कहा कि हमारे जो भी नेता हुए हैं – डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी, पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी, श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी, श्री लालकृष्ण आडवाणी जी, श्री कुशाभाऊ ठाकरे जी, श्री सुन्दर सिंह भंडारी जी, राजमाता विजयाराजे सिंधिया जी, नानाजी देशमुख जी, श्री कैलाशपति मिश्र जी, श्री मुरली मनोहर जोशी जी और न जाने कई अन्य मनीषी और उन्हीं के त्याग, तपस्या और पुरुषार्थ के कारण भारतीय जनता पार्टी को आज यह स्थान प्राप्त हुआ है जिन्होंने अपने जीवन का क्षण-क्षण और शरीर का कण-कण पार्टी और संगठन के लिए समर्पित कर दिया। उन्होंने कहा कि दूसरी ओर, पार्टी के सिद्धांत और पार्टी की कार्यपद्धति के कारण भी भारतीय जनता पार्टी की एक अलग प्रकार की छवि है। उन्होंने कहा कि राजनीति शास्त्र के विद्यार्थी के रूप में मेरा मानना है कि यदि किसी पार्टी का मूल्यांकन करना है तो उसका मूल्यांकन तीन प्रकार से हो सकता है – पहला, पार्टी का आतंरिक लोकतंत्र किस प्रकार से काम कर रहा है, दूसरा – पार्टी किस सिद्धांत पर चल रही है, और तीसरा – जनादेश मिलने के बाद पार्टी जब सरकार में आती है, तो किस प्रकार से काम करती है।

पार्टी के सिद्धांत पर विस्तार से चर्चा करते हुए माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि देश में सिद्धांतों के आधार पर चलने वाली पार्टियों का अकाल पड़ गया है। उन्होंने कहा कि पार्टी के सिद्धांत से मतलब है देश के लिए बनने वाली सभी नीतियों पर पार्टी के पास स्पष्ट दृष्टिकोण का उपलब्ध होना और उस दृष्टिकोण के आधार पर देश के लोकतांत्रिक प्रणाली के माध्यम से अपना पक्ष रखना। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी हो या वामपंथी दल या फिर क्षेत्रीय पार्टियां – उनका कोई सिद्धांत ही नहीं है, उनके पास देश के लिए कोई आइडियोलॉजी ही नहीं है, कोई विचारधारा ही नहीं है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का गठन तो देश की आजादी को प्राप्त करने के लिए किया गया था, वह तो आजादी को प्राप्त करने के लिए एक स्पेशल पर्पस व्हेकिल भर थी, उसकी कोई विचारधारा ही नहीं थी, वह कभी सिद्धांतों के आधार पर चली ही नहीं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में कई विचारधाराओं वाले लोग थे और उन सब के पास कोई सिद्धांत नहीं था, केवल किसी भी तरह से सत्ता प्राप्त करना ही उनका उद्देश्य था, इसलिए बाद में इससे कई पार्टियां अलग-अलग समय पर बाहर निकलती चली गई।

श्री शाह ने कहा कि जब डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी ने जन संघ की स्थापना की थी तो उससे पहले वे पंडित नेहरू जी की सर्वदलीय सरकार में उद्योग मंत्री थे। उन्होंने कहा कि नेहरू जी के नेतृत्व में जब देश की विकास नीति, कृषि नीति, विदेश नीति, अर्थ नीति, रक्षा नीति और शिक्षा नीति का निर्माण हो रहा था तब डॉ मुखर्जी सहित कई मनीषियों को लगा कि नेहरू सरकार देश के लिए जो नीतियां बना रही है, उन नीतियों के रास्ते पर यदि यह देश चलता रहा तो पीछे मुड़ने का भी रास्ता नहीं मिलेगा, तब उन लोगों ने एक ऐसी वैकल्पिक नीति को राष्ट्र के सामने रखने का साहस किया जिसमें देश की मिट्टी की सुगंध हो, उससे पाश्चात्य विचारों की बू न आती हो। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और भारतीय जन संघ की विचारधारा में एक बड़ा मूल अंतर यह था कि कांग्रेस देश का नवनिर्माण करना चाहती थी जबकि भारतीय जन संघ देश की प्राचीन सांस्कृतिक विरासत और गौरवशाली वैभव के आधार पर देश का पुनर्निर्माण करना चाहती थी। उन्होंने कहा कि देश के सामने वैकल्पिक विचारधारा प्रस्तुत करने के लिए ही डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी के नेतृत्व में भारतीय जन संघ की स्थापना हुई जो भारतीय जनता पार्टी के रूप में आज देश की जनता के सामने है। उन्होंने कहा कि सिद्धांत के आधार पर देश के विकास के लिए काम करने वाली यदि कोई पार्टी आज है, तो वह केवल और केवल भारतीय जनता पार्टी है। उन्होंने कहा कि जो पार्टी सिद्धांत के आधार पर नहीं चल सकती, उसका लक्ष्य कभी सही नहीं हो सकता और जिस पार्टी का लक्ष्य सही नहीं है, वह देश का कभी विकास नहीं कर सकती। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ही एक मात्र ऐसी पार्टी है जो एक निश्चित सिद्धांत के आधार पर चलती है, जिसके पास देश के हर विषय, हर मुद्दे पर अपना दृष्टिकोण है और इसलिए भी हम सभी पार्टियों से अलग हैं।

राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि आजादी के बाद देश में 70 सालों तक जो सरकारें चली हैं उसमें से एक तो कांग्रेस की सरकार है जो लंबे समय तक केंद्र और राज्यों में रही हैं, कई राज्यों में कम्युनिस्ट पार्टियों की सरकारें भी रही हैं, कुछ समय तक केंद्र में और कई राज्यों में प्रादेशिक दलों की सरकारों ने भी शासन किया है और भारतीय जनता पार्टी की सरकार भी देश में केंद्र और राज्यों में चली हैं। उन्होंने कहा कि देश ने चारों प्रकार की सरकार देखी है – कांग्रेस की विचारधारा, कम्युनिस्ट की विचारधारा, परिवारवाद व जातिवाद की विचारधारा और भारतीय जनता पार्टी की विचारधारा के आधार पर चलने वाली सरकारें देखी है। हिमाचल प्रदेश के प्रबुद्ध जनों से अपील करते हुए उन्होंने कहा कि अब देश में तुलनात्मक अभियान करने का समय आ गया है, चारों प्रकार के विकास के मॉडल देश की जनता के सामने है, उनके विकास के आंकड़े जनता के सामने उपलब्ध हैं – यह देखना चाहिए कि कांग्रेस की सरकारों में क्या विकास हुआ है, कम्युनिस्ट की राज्य सरकारों में कैसा विकास हुआ है, परिवारवाद व जातिवाद के आधार पर चलने वाली क्षेत्रीय पार्टियों की सरकारों के राज्य में कैसा विकास हुआ है और भारतीय जनता पार्टी की सरकारों में कैसा विकास हुआ है। उन्होंने कई राज्यों का उदाहरण देते हुए कहा कि किस तरह कांग्रेस सरकारों, कम्युनिस्ट दलों की सरकारों और क्षेत्रीय दलों की सरकारों ने राज्य के विकास को बाधित कर उसे काफी पीछे धकेल दिया। उन्होंने कहा कि जिन-जिन राज्यों में भारतीय जनता पार्टी की सरकारें रहीं, वहां हमने विकास के नए मापदंड स्थापित किये और उस राज्य के इतिहास में डेवलपमेंट की नया अध्याय जोड़ा गया। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने देश में पॉलिटिक्स ऑफ़ परफॉरमेंस के एक नए युग की शुरुआत की है। उन्होंने कहा कि जहां भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनती है, वह सरकार लोकाभिमुख सरकार होती है, पारदर्शी सरकार होती है, निर्णायक सरकार होती है और लोक-कल्याण के लिए काम करने वाली सरकार होती है।

श्री शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में केंद्र की भारतीय जनता पार्टी सरकार ने हिमाचल प्रदेश के विकास के लिए कई काम किये हैं। उन्होंने कहा कि 13वें वित्त आयोग में जहां सेन्ट्रल टैक्स में हिमाचल प्रदेश की हिस्सेदारी 11131 करोड़ रुपये थी, वहीं नीति आयोग के 14वें वित्त आयोग में हिमाचल की हिस्सेदारी करीब तीन गुणा बढ़ कर 28225 करोड़ रुपये हो गयी है, रेवेन्यू डेफिसिट ग्रांट को भी 7889 करोड़ रुपये से लगभग छः गुणा बढ़ा कर 40625 करोड़ रुपये कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में 25000 मेगावाट से ज्यादा हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर का उत्पादन करने की क्षमता वाले तीन प्रमुख परियोजनाओं की शुरुआत की गई है। उन्होंने कहा कि राज्य में एम्स और आईआईएम भी दिए गए हैं लेकिन हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार विकास की एक भी योजनाओं को जनता तक पहुंचाने में नाकाम रही है क्योंकि हिमाचल सरकार की विकास करने में कोई रुचि ही नहीं है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में जिस प्रकार का भ्रष्टाचार है, जिस प्रकार का माफिया राज है, इससे यह स्पष्ट है कि हिमाचल की यह कांग्रेस सरकार प्रदेश का विकास नहीं कर सकती। उन्होंने कहा कि किसी भी राज्य का विकास तभी हो सकता है जब राज्य सरकार के पास विकास का विजन हो लेकिन हिमाचल की कांग्रेस सरकार तो बस राजनीति करनी है, अपने स्वार्थ के लिए सरकार चलानी है तो ऐसे में विकास की आशा कैसे की जा सकती है।