‘कांग्रेस घुसपैठियों को बचाना चाहती है’

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भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं केन्द्रीय मंत्री श्री प्रकाश जावडेकर ने 1 अगस्त को भाजपा मुख्यालय में आयोजित एक प्रेस वार्ता को संबोधित किया और नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन अर्थात् एनआरसी के मुद्दे पर घुसपैठियों का बचाव करने को लेकर कांग्रेस पार्टी, तृणमूल कांग्रेस एवं अन्य विपक्षी पार्टियों पर जम कर प्रहार किया।

श्री जावडेकर ने कहा कि आज राज्य सभा में कांग्रेस एवं तृणमूल कांग्रेस ने लोकतंत्र की हत्या कर दी। उन्होंने कहा कि आज नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन (एनआरसी) के ज्वलंत मुद्दे पर सदन में चर्चा के दौरान आदरणीय सभापति महोदय जी ने हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह को अपना वक्तव्य पूरा करने के लिए बुलाया, क्योंकि कांग्रेस पार्टी, तृणमूल कांग्रेस एवं उनकी अन्य सहयोगी पार्टियों के सदस्यों ने जानबूझ कर व्यवधान पैदा किया और श्री अमित शाह को अपना वक्तव्य बीच में ही रोकना पड़ा।

श्री जावडेकर ने आज राज्य सभा में हुई कार्यवाही का जिक्र करते हुए कहा कि आज जैसे ही श्री अमित शाह अपने भाषण को पूरा करने खड़े हुए तो पहले कांग्रेस पार्टी के आनंद शर्मा ने आपत्ति जताई कि श्री अमित शाह ने कल 1985 के बाद हुए सभी प्रधानमंत्रियों में एनआरसी को लागू करने की हिम्मत न होने की बात की थी जो सर्वथा गलत है। श्री जावडेकर ने कहा कि आनंद शर्मा का आरोप बिलकुल गलत, तथ्य से परे और दुर्भावना से ग्रस्त था, क्योंकि श्री अमित शाह ने ऐसा तो कुछ कहा ही नहीं था। उन्होंने कहा कि श्री अमित शाह ने तो कल राज्य सभा में दिए गए अपने वक्तव्य में कहा था कि “14 अगस्त 1985 को स्वर्गीय श्री राजीव गांधी ने असम एकॉर्ड साइन किया। 15 अगस्त के भाषण में लाल किले से इसको डिक्लेयर किया। असम एकॉर्ड की आत्मा क्या थी? असम एकॉर्ड की आत्मा ही ‘एनआरसी’ थी और एनआरसी का मतलब क्या है? एकॉर्ड में क्या कहा गया? एकॉर्ड में यह कहा गया कि अवैध घुसपैठियों की पहचान कर उसको हमारे सिटिजन रजिस्टर से अलग”…। (इस पर तुरंत कांग्रेस एंड कंपनी द्वारा व्यवधान पैदा किया गया)।

श्री शाह ने आगे कहा कि एक शुद्ध नेशनल सिटिजन रजिस्टर बनाना है, यही “एनआरसी” का मतलब था। हम ये एक इनिशिएटिव ले रहे हैं जो आपके प्रधानमंत्री ने, कांग्रेस पार्टी के प्रधानमंत्री का लिया हुआ इनिशिएटिव था, इसको अमल करने की हिम्मत आपमें नहीं थी, हममें हिम्मत है। श्री जावडेकर ने कहा कि इसमें श्री अमित शाह ने तो ऐसा कुछ कहा ही नहीं कि असम एकॉर्ड को लागू करने की हिम्मत 1985 के बाद के किसी भी प्रधानमंत्री में नहीं था। उन्होंने कहा कि जब श्री अमित शाह का यह बयान रिकॉर्ड में मौजूद था, आनंद शर्मा जी को भी मालूम था कि उनका व्यवधान अनुचित है, फिर भी जानबूझ कर कांग्रेस पार्टी ने सदन में व्यवधान उत्पन्न किया। इतना ही नहीं, तृणमूल कांग्रेस के एक सदस्य ने सवाल उठाया कि एक सदस्य दो बार नहीं बोल सकते तो आदरणीय सभापति जी ने कहा कि कल उनका वक्तव्य पूरा नहीं हुआ था, इसलिए उन्हें बोलने की अनुमत दी गई है। इसके बाद फिर कांग्रेस एवं तृणमूल कांग्रेस पार्टी के सदस्यों ने जानबूझ कर सदन की कार्यवाही को बाधित करने की नापाक हरकत की, हम इसकी कड़ी भर्त्सना करते हैं।

श्री जावडेकर ने कहा कि सदन में बिना किसी कारण के हंगामा करना, हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह को बोलने नहीं देना और माननीय गृहमंत्री जी को नहीं सुनना, कांग्रेस पार्टी और तृणमूल कांग्रेस पहले ही तय करके आई थी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी और तृणमूल कांग्रेस, दोनों पार्टियां सदन को नहीं चलने देना चाहती थी, क्योंकि वे सच सुनना ही नहीं चाहते थे। उन्होंने कहा कि कल अलग-अलग पार्टियों के कम-से-कम 20 सदस्यों को हमने पूरी शांति और गंभीरता के साथ सुना लेकिन जब भारतीय जनता पार्टी के बोलने की बारी आई, तो कांग्रेस पार्टी और तृणमूल कांग्रेस ने अनुचित व्यवधान पैदा क्या और यही लोकतंत्र की हत्या है।

श्री जावडेकर ने कहा कि आदरणीय सभापति महोदय जी ने भी कहा कि इसके पीछे साजिश लगती है। उन्होंने कांग्रेस पार्टी को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा कि हम पूछना चाहते हैं कि आखिर कांग्रेस पार्टी को क्या भय है, वे चर्चा से क्यों भागना चाहते हैं, वे क्यों जवाब सुनना नहीं चाहते और वे किसको बचाना चाहते हैं?

उन्होंने कहा कि हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह ‘एनआरसी’ के मुद्दे पर कांग्रेस पार्टी, तृणमूल कांग्रेस और इनके सहयोगी दलों की वोटबैंक एवं तुष्टीकरण की राजनीति को बेनकाब किया है। उन्होंने कहा कि असम एकॉर्ड की आत्मा एनआरसी है, यही एक तरीका है जो घुसपैठियों की पहचान कर सकता है और अब कांग्रेस घुसपैठियों को बचाना चाहती है।

श्री जावडेकर ने कहा कि मीडिया से यह पता चला है कि आज पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री श्रीमती सोनिया गांधी से मिल रही हैं। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी जी की एनआरसी पर भूमिका तो सबको मालूम है कि वे घुसपैठियों के पक्ष में हैं, एनआरसी के विरोध में हैं, देश की सुरक्षा से उन्हें कोई लेना-देना नहीं है, अपने देश के नागरिकों के हित की चिंता उन्हें नहीं है, लेकिन हम सोनिया गांधी जी से पूछना चाहते हैं, हम कांग्रेस पार्टी से पूछना चाहते हैं, तमाम विपक्षी पार्टियों से पूछना चाहते हैं कि वे स्पष्ट करें कि ‘एनआरसी’ और ‘घुसपैठ’ पर आपका स्टैंड क्या है?

श्री जावडेकर ने कहा कि कांग्रेस को ‘एनआरसी’ और भारत में होने वाले घुसपैठ पर अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए, क्योंकि ‘असम एकॉर्ड’ स्वर्गीय श्री राजीव गांधी ने किया था और प्रधानमंत्री पद पर रहते हुए श्रीमती इंदिरा गांधी ने भी कहा था कि बांग्लादेश की हालत ठीक होने पर वहां से आये हुए लोगों को वापस चले जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि बांग्लादेशियों के वापस जाने की बात इंदिरा जी ने की थी, अगर राजीव जी ने ‘असम एकॉर्ड’ के तहत ‘एनआरसी’ की, रचना की तो कांग्रेस को स्पष्ट करना चाहिए कि अब उनका क्या स्टैंड है? क्या अब उनका स्टैंड राजीव जी और इंदिरा गांधी जी के स्टैंड से बदल गया है।

श्री जावडेकर ने कहा कि पूर्वाग्रह के कारण कांग्रेस पार्टी और तृणमूल कांग्रेस एक साजिश के तहत सदन की कार्यवाही को अवरुद्ध कर रही है, हम इसकी कड़ी भर्त्सना करते हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी और ममता बनर्जी जी एक संवेदनशील मुद्दे को क्षुद्र राजनीति की भेंट चढ़ाना चाहती है।