पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा

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                                       समतामूलक समाज की दिशा में उठाया गया ऐितहािसक कदम

भारतीय जनता पार्टी संसदीय दल ने 7 अगस्त को एक प्रस्ताव पारित कर माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को पिछड़े वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा देने के लिए हार्दिक बधाई दिया। प्रस्ताव में कहा गया है कि प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में समतामूलक समाज की दिशा में उठाया गया एक ऐतिहासिक और बड़ा कदम है।

प्रस्ताव में आगे कहा गया है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने भारतीय जनता पार्टी की सरकार के लक्ष्यों को रेखांकित करते हुए लोकसभा में अपने पहले भाषण में कहा था, “हम तो पंडित दीनदयाल उपाध्याय के आदर्शो से पले हुए लोग है, जिन्होंने हमें अन्त्योदय की शिक्षा दी थी। गरीब को गरीबी के खिलाफ लड़ाई लड़ने की ताकत दें। शासन की सारी व्यवस्थाएं गरीब को सशक्त बनाने के लिए काम आनी चाहिए और सारी व्यवस्थाओं का अंतिम नतीजा उस आखिरी छोर पर बैठे हुए इन्सान के लिए काम आए, उस दिशा में प्रयास होगा, तब जाकर उसका कल्याण हम कर पाएंगे।

कांग्रेस ने पिछली बार भी लोक सभा बिल पास होने के बाद जानबूझकर तुष्टीकरण की राजनीति करते हुए राज्य सभा से इस बिल को पास नहीं होने दिया। यह भी संयोग की बात नहीं है, बल्कि तथ्य है कि जब भी इस देश में गरीब और पिछड़े समाज की भलाई के लिए कोई बड़ा कदम उठाया गया तो उस समय कांग्रेस के सत्ता में नहीं थी।

समतामूलक समाज निर्माण का लक्ष्य भारतीय जनता पार्टी की प्रतिबद्धता रही है और भाजपा सरकार ने इस फैसले से उस दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। यह बिल पारित होने के बाद पिछले वर्ग आयोग को अब संवैधानिक आयोग का दर्जा मिलेगा। अब यह आयोग पिछड़ा वर्ग के संरक्षण, कल्याण और विकास तथा उन्नति से संबंधित अन्य कार्यों का भी निर्वहन करेगा। यह आयोग संविधान के अंतर्गत आने वाले अनुच्छेद 16-4 एवं 15-4 के निहित अधिकारों का प्रयोग करते हुए सामाजिक एवं शैक्षिक रूप से पिछड़े हुए वर्ग को सशक्त करते हुए उनको न्याय देगा।

भारतीय जनता पार्टी संसदीय दल, पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं एवं सामाजिक संस्थानों से आवाहन कराती है कि नए भारत के संकल्पना में समाज के सभी वर्गों के लिए सम्मानपूर्वक, गरिमापूर्वक सौहार्दपूर्ण जीवन के लिए उठाये गए इस कदम को दूरस्थ क्षेत्रों के गरीब एवं पिछड़े वर्ग तक पहुंचायें।
भारतीय जनता पार्टी संसदीय दल पुनः प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को पिछड़े वर्ग के लिए दिए गए इस संवैधानिक अधिकार के लिए हार्दिक अभिनन्दन एवं स्वागत करती है।

‘पिछड़ा वर्ग के हितों में ऐतिहासिक कदम’

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह ने 6 अगस्त को राज्य सभा द्वारा पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक मान्यता देने वाले ऐतिहासिक विधेयक को सर्वसम्मति से पारित किये जाने पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी एवं उनके नेतृत्व में चल रही केंद्र की भारतीय जनता पार्टी सरकार को हार्दिक बधाई दी। संसद परिसर में मीडिया को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि मैं ओबीसी कमीशन को संवैधानिक मान्यता देने वाले विधेयक को सर्वसम्मति से पारित किये जाने पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को हृदय से बधाई देता हूं, जिन्होंने देश के करोड़ों पिछड़ा वर्ग के लोगों की आकांक्षाओं की पूर्ति के लिए आज बहुत बड़ा ऐतिहासिक कदम उठाया है। उन्होंने कहा कि जब भी इस देश के दलित, आदिवासी और पिछड़े वर्ग समाज के उत्थान एवं उनके स्वाभिमान का इतिहास लिखा जाएगा, मोदी सरकार का यह कार्य हमेशा स्वर्णाक्षरों में अंकित होगा, क्योंकि इन्हीं संकल्पों के साथ मोदी सरकार अहर्निश सेवारत है।

श्री शाह ने कहा कि 2014 में जब कांग्रेस की सोनिया-मनमोहन के कुशासन और भ्रष्टाचार से तंग आकर देश की महान जनता ने श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में अपनी सम्पूर्ण आस्था व्यक्त करते हुए आजाद भारत की पहली पूर्ण बहुमत की गैर-कांग्रेसी सरकार बनाई और जब श्री नरेन्द्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बने, तब ओबीसी कमीशन को संवैधानिक अधिकार देने की बात पर गहन चिंतन और इनिशिएटिव लेना शुरू हुआ।

राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि गत साल भी हम ओबीसी कमीशन को संवैधानिक अधिकार देने देने वाला विधेयक लेकर आये थे, लेकिन राज्य सभा में हमारा बहुमत नहीं होने के कारण विधेयक को कांग्रेस पार्टी ने पास नहीं होने दिया। उन्होंने कहा कि हम पुनः इस विधेयक को लेकर सदन में आये और मुझे आनंद है कि पहले लोक सभा और आज राज्य सभा में सर्वसम्मति से यह विधेयक पारित हुआ है। उन्होंने कहा कि इस विधेयक के पारित होने के साथ ही देश के पिछड़ा वर्ग समाज के उन्नयन के एक नए अध्याय की शुरुआत हुई है। उन्होंने कहा कि अब देश के पिछड़े वर्ग समाज के लोगों की कई समस्याओं का समाधान ओबीसी कमीशन के संवैधानिक फोरम से हो सकेगा। उन्होंने कहा कि देश के दूर-सुदूर गांवों में बसने वाले पिछड़ा वर्ग समाज के नागरिकों को अपने जीवन में, अपने कार्यों में, अपने रोजगार में, शिक्षा में एवं जीवन के अन्य क्षेत्रों में आने वाले सवालों का समाधान इस संवैधानिक आयोग के माध्यम से हो सकेगा।

श्री शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र में भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने देश के दलित, आदिवासी, पिछड़े और गांव, गरीब, किसान के उत्थान के लिए कई सारी योजनाओं का सूत्रपात कर उनके जीवन में नया उजाला लाने का काम किया है। उन्होंने कहा कि आज इस विधेयक के पारित होने के साथ ही प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने इस देश के करोड़ों पिछड़ा वर्ग के नागरिकों के लिए ओबीसी कमीशन को संवैधानिक मान्यता देकर उनका सम्मान करने का कार्य किया है।

श्री शाह ने कहा कि मोदी सरकार की हर योजना और हर कार्यक्रम के केंद्र बिंदु में देश के दलित, आदिवासी, पिछड़े और गरीब ही हैं। उन्होंने कहा कि अंत्योदय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का संकल्प है और समतामूलक एवं न्यायपूर्ण समाज की स्थापना उनका उद्देश्य। उन्होंने कहा कि विगत चार वर्षों के कार्यकाल में प्रधानमंत्री जी ने इसे अक्षरशः सिद्ध करके दिखाया है।

राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि 1955 से देश का पिछड़ा वर्ग समाज ओबीसी कमीशन को संवैधानिक मान्यता प्रदान करने की मांग कर रहे थे, इसकी आस लगाए हुए बैठे थे, आज यह ऐतिहासिक कार्य प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र की भारतीय जनता पार्टी सरकार ने 2018 में संपन्न किया है, इसके लिए हम सब गौरवान्वित हैं।

राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (निरसन) विधेयक, 2017 संसद में पारित

राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (निरसन) विधेयक, 2017 राज्यसभा में 6 अगस्त को पारित हो गया। राज्यसभा ने इस विधेयक को 156 के मुकाबले शून्य मतों से पारित किया। गौरतलब है कि लोकसभा इसे पहले ही पारित कर चुकी है।

दरअसल, केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री श्री थावरचंद गहलोत ने राज्य सभा में संविधान (123वां संशोधन) विधेयक, 2017 और लोकसभा द्वारा किए गए संशोधनों को पेश किया। इस संशोधन विधेयक से लोकसभा द्वारा पारित राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग अधिनियम, 1993 निरस्त हो जाएगा।
उल्लेखनीय है कि यह विधेयक राज्यसभा द्वारा 31, जुलाई, 2017 को अपनी बैठक में एक संशोधन (धारा-3 के बिना) के साथ पारित किया गया था और इसे लोकसभा में उसकी सहमति के लिए प्रेषित किया गया था। लोकसभा ने 2 अगस्त, 2018 को अपनी बैठक में वैकल्पिक संशोधनों और आगे के संशोधनों के साथ विधेयक को पारित कर दिया था।