देवभूमि, देवभूमि रहे, इसे हम सुनिश्चित करेंगे : श्याम जाजू

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हाल ही में संपन्न उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में भाजपा ने ऐतिहासिक जीत हासिल करते हुए यहां अब तक की सबसे बड़ी जीत दर्ज की। भाजपा ने राज्य की 70 विधानसभा सीटों में से 57 सीटों पर जीत का परचम लहराया। यह राज्य में अब तक के इतिहास में न केवल भाजपा, बल्कि किसी भी दल के लिए सबसे बड़ा आंकड़ा है।

विधानसभा चुनाव में भाजपा की जीत को लेकर पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं उत्तराखंड प्रदेश प्रभारी श्री श्याम जाजू से कमल संदेश के सहायक संपादक संजीव कुमार सिन्हा ने बातचीत की। श्री जाजू ने भाजपा की जीत का श्रेय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी, भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह और कार्यकर्ताओं को देते हुए कहा कि भाजपा सरकार की प्राथमिकताएं हैं– उत्तराखंड से हो रहे पलायन को रोकना, पर्यटन स्थलों को विकसित करना, गांवों तक सड़क मार्ग बनाना, गंगा की स्वच्छता व निर्मलता के लिए ठोस पहल करना। प्रस्तुत है बातचीत के मुख्यांश–

उत्तराखंड में भाजपा की भारी जीत हुई है। इसके पीछे क्या कारण रहे?

उत्तराखंड के इतिहास में पहली बार इस प्रकार की ऐतिहासिक जीत हासिल हुई है। पार्टी को एकतरफा जनादेश मिला है। अस्थिरता के दौर से उत्तराखंड निकलकर स्थिरता की ओर जा रहा है। भारतीय जनता पार्टी की यह सबसे बड़ी जीत है। जीत की दर 82 प्रतिशत है, ऐसा यह पहला प्रदेश है। लोकसभा के चुनाव में भी गुजरात के बाद तुरंत दूसरा नंबर मत प्रतिशत देने में उत्तराखंड का रहा था। सभी के सभी लोकसभा प्रत्याशी हमारे जीते थे। विधानसभा में हुई इस जीत का श्रेय अगर किसी को देना होगा तो वह हैं देश के सर्वाधिक लोकप्रिय नेता नरेन्द्र मोदी जी और जिनकी रणनीति काम में आई वह है हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह उनका व्यक्तिगत ध्यान इस चुनाव पर था। कार्यकर्ता आधारित पार्टी होने के नाते कार्यकर्ताओं के अपार परिश्रम से अध्यक्षजी द्वारा बनाई हुई रणनीति हम कार्यान्वित कर सके।

भाजपा ने चुनाव को लेकर क्या योजनाएं बनाई थी?

देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी का विशेष लगाव उत्तराखंड से है। यह देवभूमि और वीरभूमि के रूप में जाना जाता है। नरेन्द्र मोदी जी ने, सरकार किसकी है ऐसा विचार न करते हुए पहली बार 17,000 करोड़ रुपए रेल के लिए दिए। 12,000 करोड़ रुपए चार धाम महामार्ग विकास परियोजना के लिए दिए। ‘वन रैंक-वन पेंशन’ का मुद्दा उन्होंने हल किया। इन सबका स्वाभाविक असर पूरे उत्तराखंड में है। चुनाव-प्रचार के दौरान नरेन्द्र मोदी जी ने वहां पर चार जनसभाओं को संबोधित किया। अमित शाह जी ने अनेक जनसभाओं को संबोधित किया। हमारे पार्टी नेता राजनाथ सिंह जी, थावरचंद गेहलोत जी, कृष्णपाल गुर्जर जी, स्मृति ईरानी जी सहित अनेक नेताओं ने चुनाव-प्रचार अभियान को गति प्रदान की। वहां के पूर्व मुख्यमंत्री श्री भगत सिंह कोश्यारी, श्री बीसी खंडूरी जी, श्री रमेश पोखरियाल निशंक जी, श्री विजय बहुगुणा जी, इनका भी प्रमुख योगदान इसमें है और कुल मिलाकर बहुत ही अच्छा अभियान चला।

चुनाव-प्रचार के दौरान भाजपा ने कौन से मुद्दे उठाए?

चुनाव-प्रचार के दौरान तत्कालीन कांग्रेस शासनकाल में हुए भ्रष्टाचार को हमने मुद्दा बनाया। इसके खिलाफ हमने अनेक आंदोलन चलाए। प्रदेश भर में गतिविधियां निरंतर जारी रहीं। पहले तो हमने ‘पर्दाफाश रैली’ की, इसके जरिए हमने उनके भ्रष्टाचार के मुद्दे उजागर किए। हमारे सभी लोक प्रतिनिधियों ने घर-घर जाकर दस्तक दिए। दूसरा, ‘हिसाब दो-जवाब दो’ अभियान चलाया, जिसके चलते हमारा व्यापक जनसंपर्क हुआ। तीसरा, हमारे युवामोर्चा के माध्यम से हमने ‘घेरा डालो-डेरा डालो’ के कार्यक्रम किए। महिलाओं के कई सम्मेलन हुए। सभी 70 विधानसभाओं में अजय टम्टा जी और हमारे प्रमुख नेताओं के प्रवास हुए। अनुसूचित जाति के सम्मेलन हमने वहां पर किए। हमारी ‘परिवर्तन यात्रा’ को प्रदेश में बहुत यश मिला और वह चुनाव अभियान का आधार बना। इन्हीं मुद्दे के आधार पर हमें जीत हासिल हुई।

भाजपा सरकार की क्या प्राथमिकताएं हैं?

हमारे सरकार की प्राथमिकताओं में प्रमुख है उत्तराखंड से होने वाला पलायन रोकना। चुनाव के दौरान नरेन्द्र मोदी जी ने कहा था कि ‘पहाड़ का पानी और पहाड़ की जवानी’ यहीं रहेगी, इसकी हम चिंता करेंगे। प्रदेश में भोले-भाले लोग रहते हैं, इसे एक एक अच्छा प्रदेश, पहाड़ी प्रदेश के रूप में विकसित करना, यह अटलजी का सपना था, इस बार भी हमने नारा दिया था, ‘अटल जी का काम अधूरा – नरेन्द्र मोदी करेंगे पूरा।’ मुझे लगता है कि यही हमारी प्राथमिकता है। आज भी उत्तराखंड में बहुत से गांवों तक जाने वाला रोड नहीं है। प्राथमिक आरोग्य केन्द्र की समुचित व्यवस्था नहीं हैं। वहां पर डाॅक्टर की मौजूदगी नहीं है। प्राथमिक विद्यालय की स्थिति ठीक नहीं है और पहाड़ों में तो बहुत सी बातों की अव्यवस्थाएं हैं। इसलिए पहाड़ों से पलायन हो रहा है। यह पलायन रोकना है। इसके साथ, जिस पर्यटन पर उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था निर्भर है, उसे प्रमोट करना, विकसित करना, देश से आने वाले लोगों की संख्या में वृद्धि करना, ये दोनों हमारी प्राथमिकताएं वहां पर हैं।

क्या पिछली कांग्रेस सरकार द्वारा लिये गए निर्णयों की समीक्षा की जाएगी?

पिछली कांग्रेस सरकार ने बहुत ज्यादा कुछ निर्णय तो किए नहीं थे, सिंगल मैन आर्मी की सरकार चल रही थी, इससे असहमति जताते हुए बहुत से लोगों ने पार्टी छोड़ी। एक सशक्त और समर्थ विकल्प के रूप में भारतीय जनता पार्टी वहां पर मौजूद है।

चुनाव-प्रचार के दौरान कांग्रेस ने नोटबंदी को मुद्दा बनाया था। इस पर आपका क्या कहना है?

नोटबंदी के फैसले से पूरे देश में हमें फायदा हो रहा है। लोगों को तात्कालिक दिक्कत होने के बावजूद यह ध्यान में आया कि मोदी जी की नीति स्पष्ट है और नीयत साफ है। इसलिए गरीब-अमीर सब लोगों ने सहयोग दिया। इससे गरीबों का सम्मान बढ़ा है। पहाड़ों में तो कई गांवों तक बैंक नहीं हैं। 25-25 किलोमीटर तक लोगों को बहुत दिक्कत हुई, तो भी मोदी जी पर भरोसा रखकर लोगों ने इसको समर्थन दिया है। और उसका भी नोटबंदी पर असर हुआ है। हमारी पार्टी है गरीबों की, किसानों की। आम आदमी की चिंता करने वाली पार्टी के रूप में हमारी छवि बनी है।

उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने एक ऐतिहासिक फैसले में दो पवित्र नदियों गंगा और यमुना को ‘जीवित मानव का दर्जा’ देने का आदेश दिया है। प्रदेश सरकार की ओर से इस दिशा में कुछ ठोस पहल किए जाएंगे?

उच्च न्यायालय द्वारा आदेश देना अलग बात है, हमारी पार्टी के लिए प्रारंभ से ही यह श्रद्धा का विषय है। गंगा-यमुना इन्हें स्वच्छ रखना, उनकी निर्मलता को ध्यान में लेकर कार्यक्रम बनाना, यह हमारी प्रतिबद्धता का विषय है। केन्द्र में भाजपा सरकार आने के बाद तुरंत इस दिशा में स्वतंत्र मंत्रालय गठित करके उमा भारती जी के नेतृत्व में हमने ‘नमामि गंगे’ योजना बनाई, उसमें कई करोड़ के प्रावधान किए, उसका क्रियान्वयन चल रहा है और बहुत अच्छा प्रतिसाद मिल रहा है। इस प्रकार गंगा निर्मल बहती रहनी चाहिए, लोगों की श्रद्धा उस पर है, और उसमें प्रदूषण नहीं होना चाहिए, ये सब हमारी प्राथमिकताएं हैं। आज तक की सरकारों ने केवल घोषणाएं कीं, हम उस पर सक्रियता से काम कर रहे हैं।

प्रदेश में गोरक्षा को लेकर क्या कदम उठाए जाएंगे?

जहां-जहां भी भारतीय जनता पार्टी की सरकारें हैं, ऐसे सभी विषयों पर गंभीरतापूर्वक हम क्या कर सकते हैं, इस पर अमल करते हैं। ऐसा हमने हरियाणा में किया है, महाराष्ट्र में किया है, उत्तराखंड भी इसमें पीछे नहीं रहेगा। गाय पर लोगों की श्रद्धा है, उस प्रकार के बूचड़खाने वहां पर बंद होने चाहिए। कुछ दिनों पहले मैं देख रहा था कि हरिद्वार के इर्द-गिर्द भी सामिष भोजन की व्यवस्था शुरू हो गई है, शराब सेवन शुरू हो गया है। अब प्रदेश में भाजपा सरकार है। पार्टी का एजेंडा रहेगा कि देवभूमि, देवभूमि रहे; इसे सुनिश्चित किया जाएगा। जो निषेध क्षेत्र है, उसमें सख्ती से हम पहल करेंगे।