12 करोड़ छोटे व सीमांत किसानों को प्रत्यक्ष आय सहायता

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                                                     5 लाख वार्षिक आमदनी तक कोई आयकर नहीं

अंतरिम बजट 2019-20 एक फरवरी को संसद में पेश किया गया। बजट में किसानों के लिए अनेक लाभकारी योजनाओं तथा आयकर में बड़ी राहत की घोषणा की गयी। भाजपानीत केंद्र की राजग सरकार ने औसत मुद्रास्फीति को 4.6 प्रतिशत के निम्न स्तर पर बनाए रखा, जो किसी भी पिछली सरकार की मुद्रास्फीति दर से कम है। यह बजट देश को प्रगतिशील मार्ग पर आगे बढ़ाने हेतु एक माध्यम के रूप में याद किया जाएगा।

अंतरिम बजट 2019-20 में प्रत्यक्ष आय सहायता के साथ 12 करोड़ छोटे व सीमांत किसानों के लिए एक बड़ी योजना, असंगठित क्षेत्र के 10 करोड़ कामगारों के लिए पेंशन योजना, 5 लाख वार्षिक तक की आमदनी के लिए आयकर में छूट, स्टैम्प ड्यूटी में सुधार, रक्षा के लिए अब तक का सबसे अधिक 3 लाख करोड़ रुपये का आवंटन, पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए 58,166 करोड़ रुपये का रिकॉर्ड आवंटन, हरियाणा के लिए एक नया एम्स, विदेशी फिल्म निर्माताओं के समान भारतीय फिल्म निर्माताओं को भी एकल खिड़की सुविधा, अनुसूचित जातियों तथा अनुसूचित जनजातियों समेत कमजोर वर्गों एवं शिक्षा, स्वास्थ्य, ढांचागत सुविधाओं के लिए बजट आवंटन में बढ़ोत्तरी, 1.5 करोड़ मछुआरों के लिए मत्स्य पालन को एक पृथक विभाग बनाना प्रमुख हैं।

केंद्रीय वित्त, कॉरपोरेट मामले, रेल और कोयला मंत्री श्री पीयूष गोयल ने एक फरवरी को संसद में अंतरिम बजट 2019-20 पेश किया। इस बजट में किसानों के लिए एक बड़ी योजना तथा आयकर प्रदाताओं के लिए बड़ी राहत की बात कही गई। इसके अलावा इसमें आने वाले वर्षों के लिए विकास एजेंडा का भी उल्लेख है।

किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) की शुरुआत

छोटे और सीमांत किसानों को निश्चित आय सहायता उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) की शुरुआत की है। इस योजना के तहत 2 हेक्टेयर तक भूमि की जोत वाले किसान परिवारों को 6,000 रुपये प्रति वर्ष की दर से प्रत्यक्ष आय सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। इसके लिए बजट में 75 हजार करोड़ रुपये (वित्त वर्ष 2019-20 के लिए) तथा 20 हजार करोड़ रुपये (वित्त वर्ष 2018-19 का संशोधित अनुमान) के आवंटन का प्रावधान किया गया है।

भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित इस योजना में 12 करोड़ छोटे और सीमांत किसान परिवारों को 2,000 रुपये प्रत्येक तीन समान किस्तों में सीधे उनके बैंक खाते में भेजा जाएगा। इस कार्यक्रम को दिसंबर, 2018 से प्रभावी माना जाएगा और इस अवधि की पहली किस्त का भुगतान 31 मार्च, 2019 तक कर दिया जाएगा।

राष्ट्रीय गोकुल मिशन के लिए 750 करोड़ रुपये का आवंटन

इस वर्ष में ही राष्ट्रीय गोकुल मिशन के लिए आवंटन 750 करोड़ रुपये किया गया है। राष्ट्रीय कामधेनु आयोग की स्थापना की घोषणा की गई है। इससे गाय संसाधनों का सतत अनुवांशिक उन्नयन करने और गायों का उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाने में मदद मिलेगी। यह आयोग गायों के लिए कानूनों और कल्याण योजना को प्रभावी रूप से लागू का काम भी देखेगा।

मत्स्य पालन विभाग का सृजन

मत्स्य पालन क्षेत्र के विकास के बारे में सतत ध्यान केंद्रित करने के लिए सरकार ने अलग से मत्स्य पालन विभाग का सृजन करने का निर्णय लिया है। इस प्रयास के माध्यम से सरकार इस क्षेत्र पर निर्भर लगभग 1.45 करोड़ लोगों की आजीविका को बढ़ावा देने के लिए 7 प्रतिशत से अधिक वृद्धि करना चाहती है।

वित्त मंत्री ने यह घोषणा की कि किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से ऋण लेकर पशुपालन और मत्स्य पालन की गतिविधियां कर रहे किसानों के लिए 2 प्रतिशत ब्याज छूट का लाभ किया जाएगा। इसके अलावा ऋण का समय पर पुनर्भुगतान करने पर उन्हें 3 प्रतिशत अतिरिक्त ब्याज छूट भी दी जाएगी।

असंगठित क्षेत्र के 10 करोड़ श्रमिकों और कामगारों को पेंशन

असंगठित क्षेत्र के कम से कम 10 करोड़ श्रमिकों और कामगारों को पेंशन संबंधी लाभ उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री श्रम-योगी मानधन नामक नई योजना की घोषणा की गई है। वित्त मंत्री ने कहा कि अगले पांच वर्षों के अंदर यह योजना दुनिया की सबसे बड़ी पेंशन योजनाओं में से एक बन जाएगी। इस योजना के लिए 500 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई। श्री गोयल ने कहा कि जरूरत पड़ने पर अतिरिक्त धनराशि भी प्रदान की जाएगी। इस योजना को चालू वर्ष से ही लागू किया जाएगा।

5 लाख वार्षिक आमदनी तक कोई आयकर नहीं

5 लाख रुपये तक की सालाना कर योग्य आमदनी वाले व्यक्तिगत करदाताओं को अब कोई आयकर नहीं देना होगा। जिन लोगों की कुल आमदनी 6.50 लाख रुपये तक है, उन्हें भी किसी प्रकार के आयकर के भुगतान की जरूरत नहीं पड़ेगी, यदि वे भविष्य निधि, विशेष बचतों, बीमा आदि में निवेश कर लेते हैं।

साथ ही 2 लाख रुपये तक के आवास ऋण के ब्याज, शिक्षा ऋण पर ब्याज, राष्ट्रीय पेंशन योजना में योगदान, चिकित्सा बीमा, वरिष्ठ नागरिकों की चिकित्सा पर होने वाले खर्च आदि जैसी अतिरिक्त कटौतियों के साथ उच्च आय वाले व्यक्तियों को भी कोई कर नहीं देना होगा। इससे स्व-नियोजित, लघु व्यवसाय, लघु व्यापारियों, वेतनभोगियों, पेंशनरों और वरिष्ठ नागरिकों सहित मध्यम वर्ग के करीब 3 करोड़ करदाताओं को करों में 18,500 करोड़ रुपये का लाभ मिलेगा।

वेतनभोगियों के लिए मानक कटौती की राशि को मौजूदा 40,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये की जा रही है। इससे 3 करोड़ से अधिक वेतनभोगियों और पेंशनभोगियों को 4,700 करोड़ रुपये का अतिरिक्त कर लाभ प्राप्त होगा।

अपने कब्जे वाले किसी दूसरे घर पर सांकेतिक किराए पर आयकर पर छूट का अब प्रस्ताव किया गया है। फिलहाल ऐसे सांकेतिक किराए पर आयकर का भुगतान करना होता है, यदि किसी के पास अपने कब्जे में एक से अधिक घर हो।

बैंक/डाकघर बचतों पर अर्जित ब्याज के स्रोत पर कर कटौती को बढ़ाकर 10,000 रुपये से 40,000 रुपये किया जा रहा है। छोटे करदाताओं को राहत देने के उद्देश्य से किराए पर कर कटौती के लिए टीडीएस को 1,80,000 रुपये से बढ़ाकर 2,40,000 रुपये करने का प्रस्ताव किया गया है।

वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार घर खरीदने वाले पर जीएसटी के बोझ को कम करना चाहती है और इसी के अनुसार इस विषय पर जल्द से जल्द विचार करने और सुझाव देने के लिए जीएसटी परिषद ने मंत्रियों के एक समूह को नियुक्त करने की पहल की थी। श्री गोयल ने कहा कि जल्द ही 90 प्रतिशत से अधिक जीएसटी, भुगतान करने वाले कारोबारियों को तिमाही रिटर्न दाखिल करने की अनुमति होगी।

5 वर्षों में औसत महंगाई दर 4.6 प्रतिशत

पिछले 5 वर्षों में सरकार औसत महंगाई दर को 4.6 प्रतिशत तक नीचे लाने में सफल रही है, जो किसी अन्य सरकार के कार्यकाल के दौरान महंगाई दर की तुलना में कम है।

वस्तुत: दिसम्बर 2018 में महंगाई दर 2.19 प्रतिशत तक नीचे आ गई थी। श्री गोयल ने कहा कि यदि हमने महंगाई पर नियंत्रण नहीं किया होता तो हमारे परिवारों को खाद्य पदार्थ, उपभोक्ता वस्तुओं, आवास आदि जैसी मूलभूत जरूरतों पर 35-40 प्रतिशत अधिक खर्च करना पड़ता। उन्होंने कहा कि वर्ष 2009-2014 के दौरान 5 वर्षों में औसत महंगाई दर 10.1 प्रतिशत के स्तर पर थी।

राजकोषीय घाटे में कमी

वित्त मंत्री ने कहा कि वर्ष 2018-19 के संशोधित अनुमान में राजकोषीय घाटे को 3.4 प्रतिशत तक नीचे लाया गया, जो 7 वर्ष पहले लगभग 6 प्रतिशत था। उन्होंने कहा कि चालू खाता घाटा इस वर्ष सकल घरेलू उत्पाद के केवल 2.5 प्रतिशत रहने की संभावना है, जबकि 6 वर्ष पहले यह 5.6 प्रतिशत था। श्री गोयल ने कहा, ‘‘हमने राजकोषीय घाटे को नियंत्रित किया, जबकि केंद्रीय करों में राज्यों की हिस्सेदारी 32 प्रतिशत से बढ़ाकर 42 प्रतिशत करने की सिफारिश वित्त आयोग ने की थी, जिसे हमने सहकारी संघवाद की सच्ची भावना के साथ स्वीकार किया और उसके परिणामस्वरूप राज्यों को अधिक धन दिया गया।”

उच्च वृिद्ध दर

वित्त मंत्री श्री पीयूष गोयल ने कहा कि पिछले पांच वर्षों के दौरान अगली पीढ़ी के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण ढांचागत सुधारों की एक शृंखला में शामिल वस्तु और सेवाकर (जीएसटी) की प्रस्तुति और अन्य कर सुधारों के बाद आने वाले दशकों में उच्च वृद्धि के मानक तय कर दिये गये हैं।

उन्होंने कहा कि देश पिछले पांच वर्षों के दौरान अपनी सर्वश्रेष्ठ वृहद आर्थिक स्थिरता के दौर का साक्षी रहा है। उन्होंने कहा कि 1991 से प्रारंभ हुए आर्थिक सुधारों के बाद से किसी भी सरकार के द्वारा हासिल की गई आर्थिक वृद्धि के मामले में पिछले पांच वर्षों में उच्चतम वार्षिक औसत सकल घरेलू उत्पाद वृद्धि के साथ हम दुनिया में एक तेजी के साथ उभरती हुई प्रमुख अर्थव्यवस्था बन चुके हैं। वित्त मंत्री ने अपने बजट संबोधन में कहा कि वर्ष 2013-14 में 11वीं सबसे बड़ी अर्थ्व्यवस्था से अब हम विश्व की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुके हैं।

श्री गोयल ने कहा कि स्थिर और अनुमान योग्य नियामक शासन, बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था एवं मजबूत बुनियादी आधारों के कारण भारत पिछले पांच वर्षों के दौरान प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के रूप में 239 बिलियन डॉलर की व्यापक धनराशि को आकर्षित करने में सक्षम रहा है।

प्रमुख योजनाओं के लिए आवंटनों में वृद्धि

मनरेगा हेतु 60,000 करोड़ रुपये का आवंटन

2019-20 के बजट अनुमानों के लिए मनरेगा हेतु 60,000 करोड़ रुपये के आवंटन की घोषणा करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि यदि आवश्यकता हुई तो अतिरिक्त आवंटन किया जायेगा।

उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2018-19 के 15,500 करोड़ रुपये की तुलना में 2019-20 के बजट अनुमानों में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) के लिए 19,000 करोड़ रुपये आवंटित किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014-18 की अवधि के दौरान प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 1.53 करोड़ आवासों का निर्माण किया गया।

मार्च 2019 तक सभी परिवारों को बिजली के कनेक्शन

मार्च 2019 तक सभी परिवारों को बिजली के कनेक्शन भी प्रदान किये जायेंगे। अब तक एक मिशन मोड के तहत 143 करोड़ एलईडी बल्ब प्रदान किये गये हैं, जिसके परिणामस्वरूप गरीब और मध्यम वर्ग को 50,000 करोड़ की बचत हुई है।

देश में करीब 50 करोड़ लोगों को चिकित्सा उपचार प्रदान करने के लिए विश्व के सबसे बड़े स्वास्थ्य देखभाल कार्यक्रम ‘आयुष्मान भारत’ के अंतर्गत करीब 10 लाख रोगी नि:शुल्क चिकित्सा के माध्यम से लाभांवित हो चुके हैं और इस चिकित्सा उपचार की लागत करीब 3,000 करोड़ रुपये होगी। लाखों गरीबों और मध्यम वर्ग के लोग प्रधानमंत्री जन औषधि केन्द्रों के माध्यम से किफायती मूल्यों पर आवश्यक दवा, ह्दय के स्टेंट और घुटने के प्रत्यारोपण के खर्च में कमी के साथ-साथ औषधियों की आसान उपलब्धता से भी लाभांवित हुए हैं।

वित्त मंत्री श्री गोयल ने बताया कि वर्ष 2014 में 21 एम्स संस्थानों की घोषणा के बाद से देश में 14 एम्स संस्थान या तो संचालित हैं अथवा स्थापित किए जा रहे हैं। उन्होंने हरियाणा में एक नये- 22वें एम्स संस्थान की स्थापना की भी घोषणा की। समेकित बाल विकास योजना के लिए आवंटन को 2018-19 के संशोधित अनुमान के 23,357 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 2019-20 के बजटीय अनुमान में 27,584 करोड़ रुपये किया जा रहा है।

अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के कल्याण के लिए 76,801 करोड़ रुपये का आवंटन

अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के कल्याण के लिए आवंटन में महत्वपूर्ण वृद्धि का प्रस्ताव किया गया है। अनुसूचित जाति के लिए 2018-19 के बजट अनुमान में 56,619 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया था, बाद में संशोधित अनुमान में इसे बढ़ाकर 62,474 करोड़ रुपये किया गया। वर्ष 2019-20 के बजट अनुमान में इसे बढ़ाकर 76,801 करोड़ रुपये किया जा रहा है, जो 2018-19 के बजट अनुमान की तुलना में 35.6 प्रतिशत वृद्धि दर्शाता है। अनुसूचित जनजातियों के लिए भी वर्ष 2019-20 के बजटीय अनुमान में यह धनराशि 39,135 करोड़ रुपये थी, जो 28 प्रतिशत वृद्धि दर्शाता है।

वित्त मंत्री ने कहा कि पहुंच से वंचित गैर-अधिसूचित, घुमंतू और अर्ध-घुमंतू समुदायों के लाभ के लिए सामाजिक न्यास एवं अधिकारिता मंत्रालय के तहत विशेष रणनीतियां तैयार करने के लिए एक कल्याण विकास बोर्ड का गठन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि नीति आयोग के तहत एक समिति भी गठित की जाएगी, जो गैर-अधिसूचित, घुमंतू एवं अर्ध-घुमंतू समुदायों की पहचान के कार्य को पूरा करेगी।

उज्ज्वला योजना के तहत 6 करोड़ से अधिक कनेक्शन दिए गए

उज्ज्वला योजना के तहत 8 करोड़ मुफ्त एलपीजी कनेक्शन देने का लक्ष्य था। इसमें 6 करोड़ से अधिक कनेक्शन दिए जा चुके हैं और बकाया मुफ्त कनेक्शन भी अगले वर्ष तक दे दिये जायेंगे। वित्त मंत्री ने घोषणा की कि नेशनल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंसी पोर्टल को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर राष्ट्रीय कार्यक्रम के एक हिस्से के रूप में जल्दी ही विकसित किया जाएगा। औद्योगिकी नीति और संवर्धन विभाग को अब उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग का नया नाम दिया जाएगा।

देश का रक्षा बजट पहली बार तीन लाख करोड़ से अधिक

वित्त मंत्री ने घोषणा करते हुए कहा कि देश का रक्षा बजट पहली बार तीन लाख करोड़ से अधिक है। श्री गोयल ने बताया कि पिछले 5 वर्षों के दौरान घरेलू विमान यात्रियों की संख्या दोगुनी हुई है। इससे बड़ी संख्या में रोजगार सृजित किए जा रहे हैं। संचालित हवाई अड्डों की संख्या 100 से अधिक हो गई है। सिक्किम में पेकयोंग हवाई अड्डा शुरू हो गया है। अरूणाचल प्रदेश अभी हाल में हवाई यातायात मानचित्र पर आया है और मेघालय, त्रिपुरा तथा मिजोरम पहली बार देश के रेल मानचित्र पर आए हैं।

भारतीय रेल के लिए बजट में 64,587 करोड़ रुपये (2019-2020 बजट अनुमान) के पूंजीगत सहयोग का प्रस्ताव किया गया है। रेल का कुल पूंजीगत परिव्यय कार्यक्रम 1,58,685 करोड़ रुपये का है। वित्त और रेल मंत्री ने घोषणा की कि परिचालन अनुपात 2017-18 के 98.4 प्रतिशत से बढ़कर 2018-19 (संशोधित अनुमान) में 96.2 प्रतिशत और 2019-20 (बजट अनुमान) में 95 प्रतिशत होने का अनुमान जताया गया है।

पिछले पांच वर्षों में भारत की स्थापित सौर ऊर्जा उत्पादन क्षमता 10 गुनी बढ़ी

पिछले पांच वर्षों में भारत की स्थापित सौर ऊर्जा उत्पादन क्षमता 10 गुनी बढ़ी है। श्री गोयल ने कहा कि नवीकरणीय ऊर्जा के संदर्भ में हमारी प्रतिबद्धता अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन के गठन से परिलक्षित होती है। यह पहला संधि आधारित अंतर-सरकारी संगठन है जिसका मुख्यालय भारत में है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में रोजगार के लाखों अवसरों का सृजन हो रहा है।

वित्त मंत्री ने घोषणा की कि बड़ी संख्या में रोजगार देने वाले मनोरंजन उद्योग में नियामकीय प्रावधान अब स्व-घोषणाओं पर कहीं अधिक निर्भर करेंगे। मनोरंजन उद्योग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से फिल्मों की शूटिंग सुनिश्चित करने के लिए एकल खिड़की मंजूर की सुविधा भारतीय फिल्म निर्माताओं को भी दी जाएगी, जो केवल विदेशी फिल्म निर्माताओं को ही उपलब्ध है। उन्होंने कहा, ‘हम पायरेसी की समस्या को नियंत्रित करने के लिए सिनेमेटोग्राफ अधिनियम में एंटी-कैमकॉर्डिंग प्रावधानों को भी शामिल करेंगे।’

श्री गोयल ने कहा, ‘हम अगले पांच वर्षों में पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर हैं और इसके बाद अगले आठ वर्षों में दस ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की आकांक्षा रखते हैं।’ उन्होंने कहा कि वर्ष 2017-18 में प्रत्यक्ष करों के संग्रह में 18 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है और कर आधार भी बढ़ गया है, क्योंकि वित्त वर्ष 2017-18 में पहली बार 1.06 करोड़ लोगों ने आयकर रिटर्न दाखिल किए हैं, जो मुख्यत: विमुद्रीकरण के कारण संभव हुआ है।

श्री गोयल ने कहा कि हम वित्तीय प्रतिभूतियों के लेन-देन पर लगाए और एकत्रित किए गए स्टाम्प शुल्क में सुधार करेंगे। वित्त विधेयक के जरिए इसमें आवश्यक संशोधन करने का प्रस्ताव है। एक लेन-देन से संबंधित एक लिखित पर स्टाम्प ड्यूटी लगाई जाएगी और स्टॉक एक्सचेंजों के माध्यम से एक ही स्थान पर एकत्रित की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस प्रकार एकत्रित किए गए शुल्क को क्रेता ग्राहक के अधिवास के आधार पर राज्य सरकारों के साथ

निर्बाध रूप से साझा किया जाएगा।

2019-20 के बजट अनुमान में समग्र व्यय 27,84,200 करोड़ रुपये

कुल मिलाकर समग्र व्यय वर्ष 2018-19 के संधोधित अनुमान के 24,57,235 करोड़ रुपये से बढ़कर वर्ष 2019-20 के बजट अनुमान में 27,84,200 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच जाएगा। इसमें 3,26,965 करोड़ रुपये अथवा लगभग 13.30 प्रतिशत की वृद्धि होगी। यह महंगाई की कम दर को देखते हुए अपेक्षाकृत ज्यादा वृद्धि को दर्शाता है। वर्ष 2019-20 में राजकोषीय घाटा जीडीपी का 3.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है।

वित्त मंत्री ने इस ओर ध्यान दिलाया कि राजकोषीय घाटा समेकन कार्यक्रम के पूरा हो जाने के बाद सरकार अब ऋण समेकन पर फोकस करेगी। उन्होंने कहा, ‘हमने राजकोषीय घाटे के 3 प्रतिशत के अपने लक्ष्य की ओर अग्रसर होना बरकरार रखा है, जिसे वर्ष 2020-21 तक हासिल किया जाएगा। वर्ष 2017-18 में भारत का ऋण–जीडीपी अनुपात 46.5 प्रतिशत था। एफआरबीएम अधिनियम में यह उल्लेख किया गया है कि भारत सरकार के ऋण–जीडीपी अनुपात को वर्ष 2024-25 तक घटाकर 40 प्रतिशत के स्तर पर लाया जाना चाहिए। श्री गोयल ने कहा, ‘राजकोषीय घाटा समेकन कार्यक्रम के पूरा होने के साथ ही हम अब ऋण समेकन पर फोकस करेंगे।’

‘न्यू इंडिया का बजट देश में नई ऊर्जा का संचार करेगा’

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने बजट की सराहना करते हुए इसे न्यू इंडिया का बजट बताया और कहा कि इससे देश को नई ऊर्जा मिलेगी। 2019-20 का अंतरिम बजट संसद में पेश किये जाने के बाद इस पर कई ट्वीट करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इससे 12 करोड़ से ज्यादा किसान और उनके परिवार, तीन करोड़ से ज्यादा मध्यम वर्गीय करदाता, पेशेवर और उनके परिवार तथा 30 से 40 करोड़ श्रमिकों को लाभ होगा। ‘न्यू इंडिया के इस बजट का धन्यवाद’।

श्री मोदी ने कहा कि एनडीए सरकार की ओर से विकास के लिए की गई पहल ने कइयों के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव डाला है जो बजट में किसानों और मध्यम वर्ग के कल्याण, आयकर में राहत से लेकर बुनियादी ढांचे, विनिर्माण से लेकर एमएसएमई क्षेत्र, आवास से लेकर स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र तथा न्यू इंडिया के निर्माण की तेज गति में परिलक्षित है।

उन्होंने ज्यादा से ज्यादा लोगों के गरीबी की जंजीरों से मुक्त होने पर खुशी जाहिर की। उन्होंने कहा कि हमारा नव मध्यमवर्ग लगातार बढ़ रहा है और उसके साथ ही उसके सपने भी बड़े हो रहे हैं। प्रधानमंत्री ने आयरकर में मिली राहत के लिए मध्यमवर्ग को बधाई देते हुए कहा कि वह देश के विकास के लिए किए गए उनके योगदान को सलाम करते हैं।

बजट में किसानों के हितों के लिए की गई पहलों के संदर्भ में प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले कई सालों से किसानों के लिए शुरू की गई योजनाओं का फायदा उन तक नहीं पहुंच पाया जो बेहद अफसोस की बात है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री किसान निधि किसानों के कल्याण के लिए उठाया गया एक ऐतिहासिक कदम है जिससे पांच एकड़ से कम भूमि रखने वाले छोटे किसानों को काफी मदद मिलेगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि न्यू इंडिया के इस बजट में पशु पालन और मत्स्य पालन क्षेत्र का खास ध्यान रखा गया है।

असंगठित क्षेत्र के हितों की रक्षा के महत्व को रेखाकिंत करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इस दिशा में प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना काफी मददगार साबित होगी। इस क्षेत्र को अपने हितों की रक्षा की काफी दरकार थी जिसे न्यू इंडिया के बजट ने पूरा किया है। आयुष्मान भारत योजना और सामाजिक सुरक्षा योजनाएं भी आम लोगों के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव डालेंगी।

प्रधानमंत्री ने अंत में कहा कि समाज के हर वर्ग को विकास का लाभ मिले यह सुनिश्चित किया जाना जरूरी है। उन्होंने कहा यह बजट गरीब को शक्ति देगा, किसान को मजबूती देगा और अर्थव्यवस्था को नया बल देगा।                                                                                                                                                                                                                                                    -नरेंद्र मोदी

 

यह बजट लोगों की भलाई और कुशल वित्तीय प्रबंधन के बीच उचित समन्वय है। बजट में किसानों के लिए 75,000 करोड़ रुपये का प्रावधान है, जबकि वित्तीय घाटे को मात्र 3.4 प्रतिशत तक सीमित रखा गया है जो यूपीए के शासनकाल में 6 प्रतिशत के उच्च स्तर पर पहुंच गया था। मोदी सरकार की विकासपरक नीतियों के कारण करदाताओं की संख्या 3.79 करोड़ से बढ़कर 6.85 पहुंच गई। इसके कारण कर संग्रह 3.68 लाख करोड़ रुपये बढ़कर 12 लाख करोड़ रुपये हो गया। इसने कल्याणकारी योजनाएं बढ़ाने में सरकार की मदद की और अर्थव्यवस्था को नुकसान भी नहीं पहुंचा। -अमित शाह, भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष

 

‘ऐतिहासिक अंतरिम बजट’



केन्द्रीय गृह मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने अंतरिम बजट को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि यह न सिर्फ विकासोन्मुख है बल्कि इसमें मध्यमवर्ग, किसानों, असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों और समाज के अन्य कमजोर वर्गों पर भी विशेष ध्यान दिया गया है।

बेहतरीन बजट पेश करने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और वित्त मंत्री श्री पीयूष गोयल को बधाई देते हुए श्री सिंह ने कहा कि पांच लाख तक की आय वाले लोगों को आयकर में छूट तथा डेढ़ लाख तक के निवेश में अतिरिक्त छूट से कर छूट की सीमा साढे छह लाख तक हो जाने से मध्यम वर्ग और खासतौर से नौकरीपेशा लोगों के जीवन पर काफी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि किसान सम्मान निधि योजना के जरिए सरकार छोटे और सीमांत किसानों को आय की ऐसी मदद प्रदान करेगी जिससे उन्हें काफी राहत मिलेगी। इस योजना के तहत दो एकड़ तक की जमीन रखने वाले किसानों को प्रति वर्ष 6,000 रुपये मिलेंगे जो सीधे उनके खाते में हस्तांतरित की जाएगी।

किसानों के लिए बजट में किए गए राहत प्रावधानों का जिक्र करते हुए श्री सिंह ने कहा कि पहले की सरकार ने किसानें को केवल अस्थायी राहत देते थी लेकिन प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना किसानों को स्थायी रूप से आर्थिक मदद पहुंचाएगी। इसके लिए बजट में 20 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार किसानों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है और यह काम आगे भी जारी रखेगी।

असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए किए गए प्रावधानों की सराहना करते हुए गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना के जरिए सरकार अब किसानों को 60 साल की उम्र पूरू होने पर 3 हजार रुपये की मासिक पेंशन सुनिश्चित करेगी। इसके लिए उन्हें मासिक रूप से महज 100 रुपये का प्रीमियम देना होगा।

गृहमंत्री ने कहा कि एक तरफ यह बजट जहां देश के सामाजिक ढांचे को बल देगा वहीं दूसरी और आर्थिक ढाचे को भी मजबूती प्रदान करेगा। बजट में रक्षा, कृषि, बुनियादी ढांचा, उद्योग, ऊर्जा, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों को बढ़ावा दिया गया है।

न्यू इंडिया के निर्माण में यह बजट काफी मददगार बनेगा। इस बजट में 2030 तक भारत को 10 खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने की परिकल्पना को साकार करने के मुख्य बातों को शामिल किया गया है।
-राजनाथ सिंह

 

श्री पीयूष गोयल द्वारा प्रस्तुत अंतरिम बजट श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार द्वारा देश हित में ली गई नीतियों की दिशा में है। राजग सरकार द्वारा किए गए आर्थिक सुधारों ने भारतीय अर्थव्यवस्था को बेड़ियों से मुक्त किया, इसकी क्षमता का विस्तार हुआ और विकास में यह हमें वैश्विक अग्रणी बनाया। हमारा लक्ष्य भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर वाली अर्थव्यवस्था बनाना है। अगले दशक के मध्य में हम इस लक्ष्य को प्राप्त कर लेंगे और अगला मुकाम अर्थव्यवस्था के उस आकार को दुगुना करना है।
                                                                                                            — अरुण जेटली, केंद्रीय मंत्री, भारत सरकार

 

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के प्रेरणादायी नेतृत्व में हमारी सरकार ने एक सर्वहितकारी और लोकप्रिय बजट प्रस्तुत किया है, जो समाज के सभी वर्गों व राष्ट्र की रीढ़ जैसे- किसानों, मध्य वर्ग, असंगठित क्षेत्र के कामगारों के लिए लाभकारी है। पिछले पांच वर्षों में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने निरंतर सुशासन प्रदान किया है। इसने वित्तीय अनुशासन बनाए रखा और सुनिश्चित किया कि विकास का लाभ समाज के सभी वर्गों खासकर- गरीबों, किसानों और मध्य वर्ग को प्राप्त हो। इस बजट में 5 लाख सालाना की आय वाला मध्य वर्ग पूरी तरह से आयकर मुक्त है। साथ ही, अनेक करदाता जिनकी आय 5 लाख रुपये से अधिक है, उनके भी लाखों रुपये कर दायरे से बाहर हैं।

                                                                                                                                                —पीयूष गोयल, केंद्रीय वित्त मंत्री, भारत सरकार