देश में सांप्रदायिक घटनाओं में आयी गिरावट

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भाजपानीत केंद्र की राजग सरकार के कुशल प्रशासन के चलते पिछले कुछ सालों में देश में सांप्रदायिक तनाव में कमी आयी है। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री श्री जी किशन रेड्डी ने 24 जुलाई को राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान एक सवाल के जवाब में खुफिया ब्यूरो (आईबी) के आंकड़ों के हवाले से बताया कि 2013 में सांप्रदायिक घटनाओं के 823 मामले दर्ज किये गये, जबकि 2018 में इनकी संख्या घटकर 708 रह गयी।

श्री रेड्डी ने कहा, ‘‘यह वास्तविकता है कि देश में सांप्रदायिक घटनाओं में कमी आयी है। सांप्रदायिक हिंसा या किसी अन्य प्रकार की हिंसा के प्रति हमारी सरकार का इरादा ‘जीरो टॉलरेंस (कतई बर्दाश्त नहीं करने)’ की नीति का पालन करने का है।”

सांप्रदायिक हिंसा के मामलों का रिकॉर्ड दर्ज करने और इन आंकड़ों के स्रोत से जुड़े पूरक प्रश्न के जवाब में श्री रेड्डी ने बताया कि राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) ने 2014 से देश में सांप्रदायिक घटनाओं का रिकार्ड दर्ज करना शुरु किया है। हालांकि इसे 2017 में बंद करना पड़ा, क्योंकि पहले (आईबी) इन मामलों के जो रिकार्ड दर्ज करती थी उसमें संबद्ध राज्य सरकारों द्वारा दर्ज प्राथमिकता से भिन्नता पायी गयी। इस पर राज्य सरकारों द्वारा रिकार्ड में भिन्नता पर आपत्ति दर्ज करने के कारण एनसीआरबी ने 2017 में इसका रिकार्ड दर्ज करना बंद कर दिया।

सांप्रदायिक हिंसा रोकने के लिये अलग से कानून बनाने के सवाल पर उन्होंने मौजूदा कानून को पर्याप्त बताते हुये कहा कि सांप्रदायिक तनाव और हिंसा से निपटने के लिये नया कानून बनाने की कोई जरूरत नहीं है। केन्द्र सरकार समय-समय पर राज्य सरकारों को इस बारे में खुफिया जानकारियां साझा करने के साथ साथ परामर्श भी जारी करती रहती है।