ट्रिपल तलाक समाप्त करना आसान नहीं था : अमित शाह

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     नरेन्द्र मोदी का नाम भी समाज सुधारकों की श्रेणी में शामिल होगा

केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने 18 अगस्त को नई दिल्ली स्थित कांस्टीट्यूशनल क्लब के मावलंकर सभागार में बोलते हुए कहा कि ट्रिपल तलाक को समाप्त करने का रास्ता आसान नहीं था किंतु मोदी सरकार की दृढ़ इच्छाशक्ति के कारण सफलता प्राप्त हुई। कार्यक्रम का आयोजन डॉ. श्यामा प्रसाद मुकर्जी शोध अधिष्ठान ने किया था।

श्री शाह ने कहा कि वोट बैंक बचाने के लिए तुष्टीकरण किया जाता है इससे देश के विकास की गति को नुकसान होता है, तुष्टीकरण सामाजिक समरसता के आड़े भी आती है किंतु पूर्व की सरकार केवल वोट बैंक के लालच के कारण इस कुप्रथा को समाप्त करने का विरोध करती रही। श्री शाह ने यह भी कहा कि गरीब और पिछड़ा किसी भी धर्म का हो उसे ऊपर उठाना चाहिए।

श्री शाह का कहना था कि इस कानून का जिन राजनीतिक दलों ने विरोध किया वह भी अपने मन के अंदर चाहते होंगे कि ट्रिपल तलाक खत्म हो। ट्रिपल तलाक कानून देश की करोड़ों मुस्लिम बहनों के लिए है और यह कानून मुस्लिम समाज के फायदे के लिए है क्योंकि ट्रिपल तलाक की प्रताड़ना मुस्लिम बहनों और माताओं को सहनी पड़ती थी। उनका कहना था कि नारी को समानता का अधिकार प्राप्त हो इसलिए यह ट्रिपल तलाक समाप्त किया गया।

श्री शाह ने कहा कि पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान, मोरक्को, टर्की, इंडोनेशिया सहित कई इस्लामिक और गैर-इस्लामिक देशों में भी 56 साल पहले ट्रिपल तलाक को तलाक देने का काम कर दिया था। किंतु हमें 56 साल इस काम को करने में लगे। श्री शाह ने आरिफ मोहम्मद खान को याद करते हुए कहा कि उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की सरकार में ट्रिपल तलाक का विरोध करते हुए इस्तीफा दे दिया था।

श्री अमित शाह का कहना था कि साठ के दशक के बाद की तुष्टीकरण की राजनीति के कारण हमारे देश के राष्ट्र-जीवन, सामाजिक जीवन को बड़ा नकारात्मक असर पहुंचा जिससे देश के गरीबों के विकास का कार्य रुक गया, किंतु 2014 में इस देश की जनता ने माननीय नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी को पूर्ण बहुमत देकर इस तुष्टिकरण को तिलांजलि दे दी।

उन्होंने श्री नरेन्द्र मोदी का आभार प्रकट करते हुए कहा कि मोदीजी द्वारा सर्व-समावेशी विकास किया गया और यही कारण है कि देश की जनता ने मोदीजी को दोबारा सत्ता दी। श्री शाह ने आगे कहा कि मोदीजी की सरकार ने 5 साल में कई ऐतिहासिक निर्णय लेकर दृढ़ राजनीतिक इच्छाशक्ति का परिचय दिया है।

उन्होंने ट्रिपल तलाक बिल पेश करते समय को याद करते हुए कहा कि उन्होंने संसद में बिल का विरोध करने वाले सभी सांसदों को बैठकर सुना और सभी की दलीलें केवल वोटबैंक की राजनीति से प्रेरित थीं। विरोध करने वालों को न तो मुस्लिम बहनों की चिंता है न ही उनके बच्चों की चिंता है, उनको केवल वोट बैंक की चिंता है।

सांसद ओवैसी का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि पहले भी बहुत सारे समाज सुधार के कार्यक्रमों में क्रिमिनल सजा तय की जा चुकी है। सती प्रथा, बाल विवाह आदि कई कुप्रथाएं समाप्त की गईं पर किसी ने विरोध नहीं किया, इन्हें खत्म करना भी चाहिए था, क्योंकि यदि समय के साथ समाज नहीं बदलता है तो गंदे तालाब जैसा बन जाता है और समय के साथ बदलने वाला समाज निर्मल गंगा की तरह पवित्र हो जाता है।

श्री अमित शाह ने कहा कि कोर्ट ने भी ट्रिपल तलाक को गैर-इस्लामिक और गैर-संवैधानिक घोषित किया था, जज कोरियन साहब ने भी कहा था कि यदि यह व्यवस्था कुरान के अंदर पाप है तो कानून के अंदर कैसे मान्य हो सकती है।

श्री शाह ने कहा कि मुस्लिम महिलाओं के सशक्तीकरण का काम भारतीय जनता पार्टी ने किया है मुझे इस बात की खुशी और गर्व है कि ट्रिपल तलाक खत्म करने वाली प्रक्रिया के समर्थन में मेरा भी एक वोट शामिल है।

उन्होंने आगे कहा कि जब भी देश के समाज सुधारकों का नाम लिया जाएगा श्री नरेन्द्र मोदी का नाम भी समाज सुधारकों की श्रेणी में शामिल होगा। इस कार्यक्रम में भाजपा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री श्याम जाजू, राष्ट्रीय महामंत्री श्री अरुण सिंह एवं डॉ. श्यामा प्रसाद मुकर्जी शोध अिधष्ठान के निदेशक डॉ. अनिर्बाण गांगुली भी उपस्थित थे।