कृषि बजट में पांच गुना की बढ़ोतरी: नरेन्द्र मोदी

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सरकार की कल्पना है अधिक निवेश, बेहतर बुनियादी ढांचा और अधिकतम रोजगार सृजन

लोक सभा

राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 6 फरवरी को लोकसभा में कहा कि राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद का अभिभाषण उम्मीद की भावना पैदा करता है और आने वाले समय में राष्ट्र को आगे ले जाने का रोडमैप प्रस्तुत करता है।

प्रधानमंत्री ने कहा, “उनका संबोधन ऐसे समय में आया है जब हमने सदी के तीसरे दशक में प्रवेश किया है। राष्ट्रपति जी के संबोधन में उम्मीद की भावना है और यह आने वाले समय में देश को आगे ले जाने का रोडमैप प्रस्तुत करता है।”

श्री मोदी ने कहा कि अब देश के लोग इंतजार करने को तैयार नहीं हैं। वे गति और परिमाण, दृढ़ संकल्प और कड़े निर्णय लेने की क्षमता, संवेदनशीलता और समाधान चाहते हैं। हमारी सरकार ने तेज गति से काम किया है और इसका परिणाम है कि पांच साल में 37 मिलियन लोगों के पास बैंक खाते हैं, 11 मिलियन लोगों के घर में शौचालय हैं, 13 मिलियन लोगों के घरों में रसोई गैस है। आज 2 करोड़ लोगों का सपना है कि उनका अपना घर हो। दिल्ली की 1700 से अधिक अवैध कॉलोनियों में रह रहे 40 लाख लोगों का अपने घर का लंबा इंतजार खत्म हो गया है।

कृषि बजट में पांच गुना वृद्धि हुई

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि किसान की आमदनी बढ़ाना हमारी प्राथमिकता है। उच्च न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी), फसल बीमा और सिंचाई से संबंधित योजनाएं कई दशकों से लंबित थीं। हमने एमएसपी को डेढ़ गुना बढ़ाया और रुकी हुई सिंचाई परियोजनाओं को पूरा करने के लिए एक लाख करोड़ रुपये खर्च किए।

प्रधानमंत्री ने कहा, “साढ़े पांच करोड़ से अधिक किसान प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में शामिल हुए; किसानों को साढ़े तेरह करोड़ रुपये के प्रीमियम का भुगतान किया गया; 56 हजार करोड़ रुपये से अधिक के बीमा दावों का निपटारा किया गया।”

श्री मोदी ने कहा कि सरकार के कार्यकाल में कृषि बजट में पांच गुना वृद्धि हुई है। प्रधानमंत्री-किसान सम्मान योजना अनेक किसानों का जीवन बदल रही है। 45,000 करोड़ रुपये की राशि हस्तांतरित की गई है और कई किसानों को इसके कारण लाभ हुआ है। इस योजना में कोई बिचौलिया नहीं हैं और न ही फाइल से जुड़ा कोई अतिरिक्त कार्य है।

अधिकतम रोजगार सृजन पर जोर

लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने राजकोषीय घाटे पर अंकुश लगाया है। उन्होंने कहा, ‘मूल्य वृद्धि भी जांच के दायरे में है और वृहद आर्थिक स्थिरता है।’ श्री मोदी ने निवेशकों के विश्वास को बढ़ाने और देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए अनेक कदमों की चर्चा की।

उन्होंने कहा, “स्टैंड अप इंडिया और मुद्रा कई लोगों के जीवन में समृद्धि लाई है। मुद्रा लाभार्थियों में पर्याप्त संख्या महिलाओं की है। मुद्रा योजना के तहत करोड़ों युवाओं को लाभान्वित करने के लिए 22 करोड़ रुपये से अधिक के ऋणों की मंजूरी दी गई है।”

प्रधानमंत्री ने कहा, “सरकार श्रमिक यूनियनों के साथ विचार-विमर्श के बाद श्रम सुधारों पर काम कर रही है।” श्री मोदी ने कहा, “हमारे लिए बुनियादी ढांचा लोगों को उनके सपनों से जोड़ने, उपभोक्ताओं को लोगों की रचनात्मकता से जोड़ने के बारे में आकांक्षाओं और उपलब्धियों का मिश्रण है। बुनियादी ढांचा एक बच्चे को उसके स्कूल, एक किसान को बाजार, एक व्यापारी को अपने ग्राहकों से जोड़ रहा है। यह लोगों को लोगों से जोड़ने के संबंध में है।”

प्रधानमंत्री ने इस विषय पर आगे बढ़ते हुए कहा कि भारत की प्रगति को आगे बढ़ाने वाली चीजों में से एक अगली पीढ़ी का बुनियादी ढांचा है।

उन्होंने कहा कि पिछले दिनों में बुनियादी ढांचे का गठन कुछ चुनिंदा लोगों के लिए आर्थिक अवसर लाता था लेकिन अब ऐसा नहीं है। हमने इस क्षेत्र को पारदर्शी बनाया है और संपर्क को बढ़ाने के लिए कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में हम बुनियादी ढांचा क्षेत्र में 100 लाख करोड़ रुपये का निवेश करेंगे और इससे विकास, अर्थव्यवस्था और रोजगार बढ़ेगा।