चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर 7.1 प्रतिशत

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केन्द्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार वित्त वर्ष 2018-19 की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में जीडीपी वृद्धि दर 7.1 प्रतिशत के उच्च स्तर पर रही। अर्थव्यवस्था में निवेश की रफ्तार बढ़ी है और कृषि तथा मैन्युफैक्चरिंग जैसे प्रमुख क्षेत्रों का प्रदर्शन भी पिछले साल की अपेक्षा बेहतर हुआ है।

जिन क्षेत्रों ने वर्ष 2018-19 की दूसरी तिमाही में 7.0 फीसदी से ज्यादा की वृद्धि दर दर्ज की है उनमें ‘विनिर्माण’, ‘विद्युत, गैस, जलापूर्ति एवं अन्य उपयोगी सेवाएं’, ‘निर्माण’ एवं ‘लोक प्रशासन, रक्षा एवं अन्य सेवाएं’ शामिल हैं। ‘कृषि, वानिकी एवं मत्स्य पालन’, ‘खनन एवं उत्खनन’, ‘व्यापार, होटल, परिवहन, संचार एवं प्रसारण से जुड़ी सेवाओं’ और ‘वित्तीय, अचल संपत्ति एवं प्रोफेशनल सेवाओं’ की वृद्धि दर क्रमश: 3.8, (-) 2.4, 6.8 और 6.3 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है।

वर्ष 2018-19 की दूसरी तिमाही में स्थिर (2011-12) मूल्यों पर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के बढ़कर 33.98 लाख करोड़ रुपये हो जाने का अनुमान लगाया गया है, जबकि वर्ष 2017-18 की दूसरी तिमाही में यह 31.72 लाख करोड़ रुपये आंका गया था। यह स्थिर मूल्यों पर जीडीपी में 7.1 प्रतिशत की वृद्धि दर को दर्शाता है।

वर्ष 2018-19 की दूसरी तिमाही में बुनियादी स्थिर मूल्यों (2011-12) पर तिमाही जीवीए (सकल मूल्य वर्द्धित) के बढ़कर 31.40 लाख करोड़ रुपये हो जाने का अनुमान लगाया गया है, जो वर्ष 2017-18 की दूसरी तिमाही में 29.38 लाख करोड़ रुपये था। यह 6.9 प्रतिशत की वृद्धि दर को दर्शाता है।

कृषि, वानिकी एवं मत्स्य पालन

वर्ष 2018-19 की दूसरी तिमाही में बुनियादी मूल्यों पर ‘कृषि, वानिकी एवं मत्स्य पालन’ सेक्टर की तिमाही जीवीए वृद्धि दर 3.8 प्रतिशत रही, जबकि वर्ष 2017-18 की दूसरी तिमाही में यह वृद्धि दर 2.6 प्रतिशत थी। कृषि सहयोग एवं किसान कल्याण एवं विभाग से प्राप्त सूचनाओं के अनुसार कृषि वर्ष 2018-19 के खरीफ सीजन के दौरान खाद्यान्न उत्पादन में 0.6 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, जबकि वर्ष 2017-18 की समान अवधि में यह दर 1.7 प्रतिशत आंकी गई थी।

खनन एवं उत्खनन

वर्ष 2018-19 की दूसरी तिमाही में बुनियादी मूल्यों पर ‘खनन एवं उत्खनन’ सेक्टर की तिमाही जीवीए वृद्धि दर 2.4 प्रतिशत घट गई, जबकि वर्ष 2017-18 की दूसरी तिमाही में यह वृद्धि दर 6.9 प्रतिशत दर्ज की गई थी। खनन क्षेत्र के महत्वपूर्ण संकेतकों यथा कोयला, कच्चा तेल एवं प्राकृतिक गैस के उत्पादन और आईआईपी से जुड़े खनन की वृद्धि दर वर्ष 2018-19 की दूसरी तिमाही में क्रमश: 6.2, (-)4.4, (-)2.0 तथा 1.0 प्रतिशत दर्ज की गई, जबकि वर्ष 2017-18 की दूसरी तिमाही में ये दरें क्रमश: 8.5, (-)0.7, 4.7 तथा 7.1 प्रतिशत आंकी गई थीं।

विनिर्माण

वर्ष 2018-19 की दूसरी तिमाही में बुनियादी मूल्यों पर ‘विनिर्माण’ सेक्टर की तिमाही जीवीए वृद्धि दर 7.4 प्रतिशत आंकी गई, जबकि वर्ष 2017-18 की दूसरी तिमाही में यह वृद्धि दर 7.1 प्रतिशत थी। आईआईपी से जुड़े विनिर्माण ने वित्त वर्ष 2018-19 की दूसरी तिमाही में 5.5 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की, जबकि वित्त वर्ष 2017-18 की दूसरी तिमाही में यह दर 2.5 प्रतिशत आंकी गई थी।