अमेरिका और रूस के बाद भारत तीसरा देश है जहां आकार और परिचालन क्षमता के मामले में इतनी बड़ी सुविधा है
रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने 19 दिसंबर, 2020 को डीआरडीओ हैदराबाद में उन्नत हाइपरसोनिक विंड टनल (एचडब्ल्यूटी) परीक्षण सुविधा का उद्घाटन किया। यह प्रेशर वैक्यूम संचालित एक अत्याधुनिक एचडब्ल्यूटी टेस्ट सुविधा है। अमेरिका और रूस के बाद भारत तीसरा देश है जहां आकार और परिचालन क्षमता के मामले में इतनी बड़ी सुविधा है।
यह सुविधा स्वदेशी रूप से विकसित और भारतीय उद्योगों के साथ की गई साझेदारी का एक परिणाम है। इस सुविधा में व्यापक स्पेक्ट्रम पर हाइपरसोनिक प्रवाह को अनुकरण करने की क्षमता है और यह अत्यधिक जटिल फ्यूचररिस्टिक एयरोस्पेस और रक्षा प्रणालियों के कार्यान्वयन में प्रमुख भूमिका निभाएगा।
इस अवसर पर हैदराबाद स्थित डीआरडीओ प्रयोगशालाओं ने मिसाइल, एवियोनिक्स सिस्टम, एंडवांस्ड मैटेरियल, इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर, प्रमुख वितरण प्रौद्योगिकी, निर्देशित ऊर्जा हथियार, गैलियम आर्सेनाइड और गैलियम नाइट्राइड प्रौद्योगिकी क्षमताओं सहित अन्य क्षेत्रों में व्यापक रूप से विकसित विभिन्न स्वदेशी प्रणालियों और प्रौद्योगिकियों का प्रदर्शन किया।
रक्षा मंत्री की यात्रा के दौरान डीआरडीओ प्रयोगशालाओं द्वारा दो ड्रोन विरोधी तकनीकों का भी प्रदर्शन किया गया। डीआरडीओ युवा वैज्ञानिकों की प्रयोगशाला- असममित प्रौद्योगिकी (डीवाईएसएल-एटी) और आरसीआई ने ड्रोन और नवीन एंटी-ड्रोन प्रौद्योगिकियों का प्रदर्शन किया। इसमें मुकाबला करने के लिए ग्राउंड टारगेट और एंटी-ड्रोन एप्लिकेशन को बेअसर करने के साथ-साथ हाई-स्पीड मूविंग टार्गेट सहित कई क्षमताएं शामिल हैं। हथियार प्रणाली की प्रमुख विशेषताओं में सुरक्षित संचार लिंक, प्रभावी पुनरावृत्ति प्रबंधन प्रणाली, उच्च फायरिंग कोणीय संकल्प और दृष्टि-आधारित लक्ष्य पहचान और ट्रैकिंग शामिल हैं।