भारत को फ्रांस से मिला पहला राफेल लड़ाकू विमान

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भारत ने फ्रांस से पहला राफेल विमान 8 अक्टूबर को प्राप्त किया। फ्रांस से खरीदे गये 36 राफेल लड़ाकू विमानों की शृंखला में प्रथम विमान सौंपे जाने के लिये आयोजित एक समारोह में रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि फ्रांस निर्मित राफेल लड़ाकू विमान भारतीय वायुसेना को और मजबूती प्रदान करेगा। इस समारोह का आयोजन फ्रांस में राफेल विमान निर्माता दसाल्ट एविएशन के प्रतिष्ठान में किया गया।

गौरतलब है कि भारत ने 59,000 करोड़ रुपये के सौदे के तहत सितंबर 2016 में फ्रांस से 36 लड़ाकू विमान खरीद का आर्डर दिया था। चार लड़ाकू विमानों की प्रथम खेप भारत में वायुसेना के अड्डे पर मई 2020 में आएगी। सभी 36 लड़ाकू विमानों के सितंबर 2022 तक भारत पहुंचने की उम्मीद है।
श्री सिंह ने राफेल लड़ाकू विमान में उड़ान भरने से ठीक पहले नये विमान पर शस्त्र पूजन किया और उस पर ‘ओम’ तिलक लगाया तथा पुष्प एवं एक नारियल चढ़ाया। उनके साथ भारतीय सशस्त्र बलों के वरिष्ठ प्रतिनिधि भी थे।

उन्होंने राफेल में उड़ान भरने से पहले कहा, ‘‘इस नये लड़ाकू विमान में उड़ना बहुत ही सम्मान की बात है।” श्री सिंह ने कहा, ‘‘हमारी वायुसेना दुनिया में चौथी सबसे बड़ी वायुसेना है और मेरा मानना है कि राफेल मीडियम मल्टी रोल कॉम्बैट एयरक्राफ्ट भारतीय वायुसेना को और मजबूती प्रदान करेगा तथा हमारी हवाई क्षमता को बढ़ाते हुए क्षेत्र में शांति एवं सुरक्षा सुनिश्चित करेगा।”

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे बताया गया है कि फ्रेंच ‘शब्द राफेल’ का अर्थ ‘आंधी’ है। मैं इस बात को लेकर आश्वस्त हूं कि विमान अपने नाम को सार्थक करेगा।” रक्षा मंत्री के समक्ष ‘आरबी001’ राफेल का अनावरण भी किया गया।

वहीं, श्री सिंह ने सालाना भारत-फ्रांस रक्षा वार्ता के संदर्भ में पेरिस में कहा, ‘‘आज भारत-फ्रांस रणनीतिक साझेदारी के क्षेत्र में एक नया मील का पत्थर स्थापित किया गया है और द्विपक्षीय रक्षा सहयोग एक नये मुकाम पर पहुंचा है।

उन्होंने कहा, ‘‘यह भारतीय सशस्त्र बलों के लिए एक ऐतिहासिक दिन है, जो भारत और फ्रांस के बीच रणनीतिक साझेदारी की गहराई को प्रदर्शित करता है। आज विजयादशमी है और साथ ही भारतीय वायुसेना का 87 वां स्थापना दिवस भी है।”

फ्रांसीसी रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ले ने राफेल के बारे में कहा कि यह फ्रांस की सर्वश्रेष्ठ चीज है जिसकी पेशकश फ्रांस ने भारत को अपनी संप्रभुता की रक्षा के लिए की है। यह ‘मेक इन इंडिया’ की पहल के प्रति फ्रांसीसी प्रतिबद्धता भी है।

फ्रांसीसी मंत्री ने कहा, ‘‘यह कोई संयोग नहीं है कि यह समारोह दशहरा के दिन और भारतीय वायुसेना के 87 वें स्थापना दिवस के दिन आयोजित हुआ। यह हमारे सर्वोच्च महत्त्व को प्रदर्शित करता है जो हम भारत के साथ अपना सहयोग देते हैं।”