भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के नए मुख्यालय का शुभारंभ

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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 12 जुलाई को नई दिल्ली के 24, तिलक मार्ग पर बने भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण (एएसआई) के नए मुख्यालय- धरोहर भवन- का उद्घाटन किया। इस अवसर पर संस्कृति राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. महेश शर्मा, संस्कृति सचिव श्री राघवेन्द्र सिंह तथा एएसआई की महानिदेशक श्रीमती उषा शर्मा और संस्कृति मंत्रालय तथा एएसआई के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण ने पिछले 150 वर्षों में महत्वपूर्ण कार्य किया है। प्रधानमंत्री ने अपने इतिहास तथा अपने पुरातात्विक विरासत पर गर्व करने के महत्व पर बल दिया। उन्होंने कहा कि लोगों को स्थानीय इतिहास तथा अपने शहरों और क्षेत्रों के पुरातत्व के बारे में जानकारी प्राप्त करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि स्थानीय पुरातत्व के पाठों को स्कूली सिलेबस का हिस्सा बनाया जाना चाहिए। इस संदर्भ में उन्होंने सुप्रशिक्षित स्थानीय पर्यटक गाइडों के महत्व की चर्चा की, जो इतिहास तथा क्षेत्र की विरासत के जानकार होते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत को अपनी विरासत, अपने गौरव और विश्वास को दुनिया को दिखाना चाहिए।

समारोह को संबोधित करते हुए संस्कृति राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. महेश शर्मा ने देश के 3686 स्मारकों की देखरेख करने तथा अफगानिस्तान, म्यांमार, कम्बोडिया जैसे विश्व के अन्य देशों में संरक्षण सेवाएं देने के लिए एएसआई के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि हमारे देश को समृद्ध सांस्कृतिक विरासत मिली है और यह हमारी पहचान है तथा विश्व ने भारत की समृद्ध संस्कृति और विरासत को स्वीकार किया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के कुशल नेतृत्व में संस्कृति मंत्रालय 2014 से मूर्त और अमूर्त दोनों सहित अनेक विरासत परिसंपत्तियों की विश्व यूनेस्को मान्यता प्राप्त करने में सफल रहा है। संस्कृति मंत्री ने बताया कि विदेशों से 40 पुरातन कृतियां वापस मंगाई गई है तथा 8 से 9 और पुरातन कृतियों को वापस लाने के प्रयास जारी है।

एएसआई के नए मुख्यालय भवन में अत्याधुनिक सुविधाएं है। इनमें ऊर्जा सक्षम प्रकाश व्यवस्था और जल संचयन व्यवस्था शामिल हैं। नए मुख्यालय भवन में केन्द्रीय पुरातत्त्व पुस्तकालय है, जिसमें लगभग 1.5 लाख पुस्तकें और पत्रिकाएं हैं। पुस्तकालय अनूठा और पुरातत्त्व, धर्म तथा भारत की सांस्कृतिक परिदृश्य पर शोध करने वालों के लिए समृद्ध भंडार है।

पुस्तकालय में पुरातत्त्व से संबंधित प्रमाणिक रिकॉर्ड हैं। इन रिकॉर्डों में एएसआई रिपोर्टे, एलेक्जेंडर कनिंघम (एएसआई के संस्थापक), जॉन मार्शल की डायरी आदि है, जो पूरी दुनिया में शोधकर्ताओं के लिए महान स्रोत है। पुस्तकालय में धार्मिक पुस्तकों का मौलिक संग्रह संकलन है और इसमें भारत की सांस्कृतिक विरासत पर पुस्तके हैं। ऐसी पुस्तकों में हिन्दू, मनु स्मृति, कौटिल्य का अर्थशास्त्र शामिल है, जो शोधकर्ताओं की मांग है। पुस्तकालय में कल्हण की राजतरंगिनी, कश्मीर पर संकलन और गुजरात का इतिहास है। खरसोती, ब्राह्मी लिपियों में अद्भुत पुस्तकें हैं। शोधकर्ताओं के लिए तिब्बती पाण्डुलिपियां (अद्भुत) है।