दुग्ध उत्पादन में भारत दुनिया में सर्वप्रथम

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केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री राधा मोहन सिंह ने कहा कि देश अब खाद्यान्न में आत्म निर्भर है और दूसरे देशों को अनाज का निर्यात कर रहा है। दुग्ध उत्पादन में भारत दुनिया में सर्वप्रथम है। दुग्ध उत्पादन वर्ष 2013-14 में 137.61 मिलियन टन से वर्ष 2014-15 में 146.31 मिलियन टन हो गया व 2015-16 में 155.49 मिलियन टन हुआ। नई योजना “राष्ट्रीय बोवाइन उत्पादकता मिशन” की शुरुआत नवम्बर 2016 में रु. 825 करोड़ की लागत के साथ की गयी है। वर्ष 2015-16 के दौरान 82,930 मिलियन अंडों का उत्पादन हुआ। श्री सिंह ने यह बात 15 मार्च को भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान में तीन दिनों तक चलने वाले कृषि उन्नति मेला 2017 के उद्घाटन पर कही।

श्री सिंह ने कहा कि मात्स्यिकी में विकास की अपार संभावनाओं को देखते हुए मोदी सरकार ने मात्स्यिकी क्षेत्र में ‘नीली-क्रांति’ का आह्वान किया है। नीली क्रांति’ योजना के लिए पांच वर्षों की अवधि के लिए रु. 3000 करोड़ का केन्द्रीय बजट तय किया गया है। कृषि विज्ञान केन्द्रों की संख्या 665 तक पहुंचा दी गयी है जिससे किसान प्रशिक्षण लेकर नई कृषि तकनीकों को अपना सके। कैबिनेट ने 3960 करोड़ रुपये की स्वीकृति कृषि विज्ञान केन्द्रों को चलाने के लिए दी है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने लैब टू लैंड, पानी, मिट्टी, उत्पादकता, खाद्य प्रसंस्करण पर विशेष बल दिया है। इनमें फार्मर फर्स्ट, आर्या, स्टूडेन्ट रेडी, मेरा गांव-मेरा गौरव नाम प्रमुख हैं।