इजराइल के प्रधानमंत्री की ऐतिहासिक भारत यात्रा

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भारत-इजराइल के बीच साइबर सहयोग समेत 9 अहम समझौते

इस्राइली प्रधानमंत्री श्री बेंजामिन नेतन्याहू की 14 से 19 जनवरी, 2018 की भारत यात्रा, भारत-इजराइल संबंध की अभूतपूर्व पच्चीसवीं वर्षगांठ और निरंतर बढ़ती भागीदारी का प्रतीक है। भारत गणराज्य तथा इजराइल राष्ट्र के बीच शिखर-सम्मेलन स्तरीय बैठकों के दौर ने, जो प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की इजराइल की 4 से 6 जुलाई, 2017 तक की गई ऐतिहासिक यात्रा के साथ प्रारंभ हुआ था, दोनों देशों की सरकारों तथा लोगों के बीच संबंधों को और भी सुदृढ़ बनाया तथा इनकी रणनीतिक भागीदारी के लिए एक मजबूत आधार का निर्माण किया।

इस्राइल के प्रधानमंत्री श्री बेंजामिन नेतन्याहू 6 दिन की ऐतिहासिक यात्रा पर 14 जनवरी को भारत पहुंचे। उनके साथ 130 सदस्यों का प्रतिनिधिमंडल भी आया। गौरतलब है कि किसी विदेशी दौरे पर प्रधानमंत्री के साथ जाने वाला यह सबसे बड़ा व्यापारिक प्रतिनिधिमंडल था। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने प्रोटोकॉल तोड़कर एयरपोर्ट पर उनका स्वागत किया। इस्राइली प्रधानमंत्री के प्लेन से उतरते ही श्री मोदी ने श्री नेतन्याहू से हाथ मिलाया और गले मिले। उल्लेखनीय है कि 15 साल बाद कोई इस्राइली प्रधानमंत्री भारत यात्रा पर आया।

यात्रा के पहले दिन प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और उनके इजरायली समकक्ष श्री बेंजामिन नेतन्याहू तीन मूर्ति मेमोरियल पर आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में शामिल हुए और शहीदों को श्रद्धांजलि दी। दरअसल, दोनों देशों के संबंधों को एक नई मजूबती देने के लिए दिल्ली के तीन मूर्ति स्मारक में इजरायल के ऐतिहासिक शहर हाइफा का नाम जोड़ दिया। अब इस चौक का नाम ‘तीन मूर्ति हाइफा’ हो गया है। हाइफा इस्राइल के एक शहर का नाम है। तीन मूर्ति पर मौजूद तीन कांस्य मूर्तियां हैदराबाद, जोधपुर और मैसूर लांसर्स का प्रतिनिधित्व करती हैं, जो 15 इम्पीरियल सर्विस कैवलरी ब्रिगेड का हिस्सा थीं। इस ब्रिगेड ने प्रथम विश्व युद्ध के दौरान 23 सितंबर 1918 को हाइफा पर विजयी हमला किया था। इसे विजयी हमले में मुस्लिम तुर्कों से फिलिस्तीनी लोगों की मुक्ति के लिए भारत के तीन राज्य (जोधपुर, हैदराबाद और मैसूर) से इजरायल में सैनिक भेजे गए थे।

दोनों देशों के बीच नौ अहम समझौते

यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच 15 जनवरी को साइबर सहयोग समेत 9 अहम समझौते हुए। भारत और इसराइल ने साइबर सुरक्षा, तेल और प्राकृतिक गैस, एयर ट्रांसपोर्ट, फ़िल्म प्रोडक्शन, स्वास्थ्य क्षेत्र में होम्योपैथी के लिए सहयोग के साथ ही अंतरिक्ष क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने, दोनों देशों के बीच निवेश बढ़ाने और आईओसीएल कॉप इन मेटल एयर बैटरी के साथ ही नवीनीकरण ऊर्जा सोलर के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए समझौतों पर हस्ताक्षर किए।
इजराइल के प्रधानमंत्री की भारत यात्रा के दौरान 15 जनवरी को भारत-इजराइल संयुक्त वक्तव्य जारी किया गया। दरअसल, दोनों प्रधानमंत्रियों ने तेल और गैस क्षेत्र में सहयोग पर समझौता-ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए जाने के साथ ही ऊर्जा क्षेत्र में भारत और इजराइल के बीच सहयोग प्रारंभ होने का स्वागत किया, जिसमें अन्य बातों के साथ-साथ अपस्ट्रीम क्षेत्रों तथा तेल और गैस में भावी प्रौद्योगिकियों और स्टार्ट-अपों के लिए सहयोग भी शामिल है।

उन्होंने स्थिर ऊर्जा भण्डारण प्रणालियों के लिए मेटल एयर बैट्रियों तथा सौर तापीय प्रौद्योगिकियों के क्षेत्रों में सहयोग प्रारंभ करने के लिए भारतीय सरकारी क्षेत्र की कंपनियों और इजराइयली कंपनियों के मध्य सहमति को भी नोट किया तथा पक्षों के उद्योगों से आग्रह किया कि वे नवीन ऊर्जा प्रौद्योगिकियों में व्यापारिक सहयोग की संभावनाओं को तलाशें। जलवायु परिवर्तन के संदर्भ में संधारणीय विकास हेतु नवीकरणीय ऊर्जा को प्रोत्साहित करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सौर संधि स्थापित करने के प्रयोजनार्थ भारत द्वारा की गई पहल का स्वागत करते हुए इजराइल ने इसका भागीदार देश बनने की अपनी इच्छा की घोषणा की।

दोनों प्रधानमंत्रियों ने अंतर्राष्ट्रीय सौर संधि के माध्यम से सौर प्रौद्योगिकियों के वृहद् प्रयोग को संवर्धित करने के लिए अनुसंधान संस्थाओं और उद्योग में सहयोग का आग्रह किया, जिसमें तीसरे देशों में भी ऐसा ही सहयोग किया जाना शामिल है।

दोनों देशों के बीच सहयोग को लेकर प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि इजराइल के पीएम नेतन्याहू का भारत दौरा बेहद अहम है। साथ ही उन्होंने कहा कि दोनों देशों का आपसी संबंध नीतिगत मामलों पर बढ़ती सहमति ही है।

‘मेक इन इंडिया’ पर जोर

दोनों प्रधानमंत्रियों ने ‘मेक इन इंडिया’ पहल के अंतर्गत रक्षा क्षेत्र में भारतीय कंपनियों के साथ संयुक्त उद्यम स्थापित करने के लिए इजराइली कंपनियों की इच्छा को नोट किया। उन्होंने संयुक्त उद्यमों और संयुक्त विनिर्माण के लिए अधिक व्यापार मॉडल और भागीदारियां विकसित करने के लिए दिशा निर्धारित करना महत्वपूर्ण समझा, जिसमें रक्षा और सुरक्षा क्षेत्रों में प्रौद्योगिकी का अंतरण तथा संयुक्त अनुसंधान और विकास भी शामिल हैं। उन्होंने रक्षा मंत्रालय से आह्वान किया कि वे सरकारी और निजी क्षेत्रों की सक्रिय भागीदारी के साथ 2018 में चर्चाएं आयोजित करें, ताकि रक्षा उद्योग में व्यवहार्य, संधारणीय और दीर्घकालिक सहयोग के लिए आधार का निर्माण किया जा सके।

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने प्रेस वक्तव्य में कहा कि सुरक्षा के मामले में मैंने इजराइली कंपनियों को उदारीकृत एफडीआई व्यवस्था का लाभ उठाने के लिए आमंत्रित किया है, ताकि वे हमारी कंपनियों के साथ मिलकर भारत में अधिक निर्माण कर सकें।

श्री मोदी ने कहा कि हम तेल एवं गैस, साइबर सुरक्षा, फिल्म तथा स्टार्ट-अप जैसे कम तलाशे गए क्षेत्रों में सहयोग करने का साहस कर रहे हैं। अभी-अभी किए गए समझौतों में यह परिलक्षित है। इनमें बहुत से क्षेत्र विविधिकरण तथा व्यापक संलिप्तता की हमारी इच्छा के संकेतक हैं। उन्होंने कहा कि सुदृढ साझेदारी के लिए द्विपक्षीय व्यापार और निवेश को बढ़ावा देना हमारे विजन का एक मुख्य अंग है। प्रधानमंत्री नेतन्याहू और मैं इस दिशा में और अधिक करने की जरूरत पर सहमत हैं।

कारोबार सुगमता के लिए श्री नेतन्याहू द्वारा मोदी सरकार की तारीफ

इस्राइली प्रधानमंत्री श्री बेंजामिन नेतन्याहू ने भू-राजनीतक सम्मेलन ‘रायसीना संवाद’ के तीसरे संस्करण का 16 जनवरी को उद्घाटन किया और इस बात पर जोर दिया कि एक मजबूत राष्ट्र के तौर पर उभरने के लिए आर्थिक, सैन्य और राजनीतिक ताकत विकसित करने की जरूरत है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री श्रीमती सुषमा स्वराज भी इस उद्घाटन सत्र में शामिल हुए। श्री नेतन्याहू ने भारत में लाल फीताशाही पर अंकुश लगाने और कारोबार सुगमता के लिए उठाए कदमों को लेकर मोदी सरकार की तारीफ की।

उन्होंने कहा कि एक सरकार आर्थिक प्रगति को सुगम बनाना और बाधित करना दोनों काम कर सकती है। अगर कारोबारी इकाइयों के जरिए नवोन्मेष में मददगार मुक्त बाजार उपलब्ध है तो प्रगति संभव है।

श्री नेतन्याहू ने कहा कि कमजोर नहीं टिकते, मजबूत टिकते हैं…आप मजबूत के साथ गठजोड़ करिए। इस्राइली प्रधानमंत्री ने कहा कि देश की रक्षा के लिए एक मजबूत सेना की जरूरत होती है और इसके लिए बहुत सारे पैसे की जरूरत है। यह पैसा मजबूत अर्थव्यवस्था से आता है। नेतन्याहू ने इस बात पर जोर दिया कि लोकतांत्रिक देशों के बीच गठजोड़ होना चाहिए।

आई क्रिएट सुविधा राष्ट्र को समर्पित

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और इस्राइल के प्रधानमंत्री श्री बेंजामिन नेतन्याहू ने 17 जनवरी को अहमदाबाद के बाहरी इलाके में आई क्रिएट सुविधा राष्ट्र को समर्पित की। गौरतलब है कि आई क्रिएट एक स्वतंत्र केंद्र है, जिसका उद्देश्य खाद्य सुरक्षा, जल, संपर्क, साइबर सुरक्षा, आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स, ऊर्जा, बायो मेडिकल उपकरण तथा यंत्रों जैसे प्रमुख मुद्दों से निपटने के लिए सृजनात्मकता, नवोन्मेष, इंजीनियरिंग, उत्पाद डिजाइन और उभरती हुई प्रौद्योगिकियों के जरिए उद्यमिता को बढ़ावा देना है। आई क्रिएट का उद्देश्य गुणवत्तापूर्ण उद्यम सृजित करने के लिए भारत में एक पारिस्थितिकी प्रणाली विकसित करना है।

एकत्र जनसमूह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि नये अविष्कारों की भारत और इस्राइल के लोगों को एक दूसरे के करीब लाने में महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा कि समूचे विश्व में इस्राइल के प्रौद्योगिकी कौशल और सृजनात्मकता की ख्याति है। उन्होंने कहा कि भारत के युवाओं में ऊर्जा और उत्साह है। युवाओं को केवल थोड़े से प्रोत्साहन और संस्थागत सहायता की जरूरत है।

उन्हांेने कहा कि सरकार समूची प्रणाली को नवोन्मेष अनुकूल बनाने के लिए कार्य कर रही है, ताकि इस प्रयोजन से नई योजनाएं सामने आएं, नई योजनाओं से अाविष्कार होते हैं और नये अाविष्कारों से नये भारत का निर्माण करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि इस सफलता की पहली पूर्व शर्त साहस है। उन्होंने आई क्रिएट में नवोन्मेष कार्यों में लगे साहसी युवाओं को बधाई दी।

कालिदास का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने परिपाटी और नवोन्मेष के बीच कश्मकश का जिक्र किया। उन्होंने भारत के युवाओं से आग्रह किया कि वे राष्ट्र के सामने मौजूद चुनौतियों से निपटने के लिए नये अाविष्कार करें और कम से कम लागत पर आम आदमी के जीवन में सुधार करें। श्री मोदी ने भारत और इस्राइल के बीच खाद्य, जल, स्वास्थ्य और ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में नये अाविष्कारों की दिशा में सहयोग की चर्चा की। उन्होंने कहा कि 21वीं शताब्दी में मानवता के इतिहास में दोनों देशों के बीच सहयोग का एक नया अध्याय लिखा जाएगा।

वडराड स्थित सब्जी उत्कृष्टता केन्द्र का दौरा

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और इजराइल के प्रधानमंत्री श्री बेन्यामिन नेतन्याहू ने 17 जनवरी को गुजरात के साबरकंथा जिले में वडराड स्थित सब्जी उत्कृष्टता केन्द्र का दौरा किया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और इजराइल के प्रधानमंत्री श्री बेन्यामिन नेतन्याहू को इस केन्द्र की विभिन्न उपलब्धियों से अवगत कराया गया। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और इजराइल के प्रधानमंत्री श्री बेन्यामिन नेतन्याहू ने वीडियो लिंक के जरिए कच्छ जिले के कुकामा स्थित खजूर उत्कृष्टता केन्द्र का भी उद्घाटन किया। उन्होंने कच्छ जिले के किसानों के साथ संवाद किया।

इस अवसर पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि इजराइल ने पूरी दुनिया को वह मार्ग दिखाया है कि आखिरकार कृषि क्षेत्र की प्रधानता वाले किसी देश में आमूलचूल बदलाव कैसे लाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र में प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने यह बात भी रेखांकित की कि भारत वर्ष 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करने की दिशा में किस तरह से अभिनव कदम उठा रहा है। उन्होंने कहा कि सिंचाई के साथ-साथ खेती-बाड़ी के अभिनव तौर-तरीकों पर ध्यान देना अत्यंत आवश्यक है।

भारत-इजराइल के बीच हुए प्रमुख समझौते

भारत एवं इजराइल के बीच साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में सहयोग

तेल एवं गैस क्षेत्र में सहयोग के लिए पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय और ऊर्जा मंत्रालय के बीच एमओयू

हवाई परिवहन समझौते में संशोधनों पर भारत और इजराइल के बीच प्रोटोकॉल

भारत एवं इजराइल के बीच फिल्म-सह-उत्पादन पर समझौता

होम्योपैथिक औषधियों से जुड़े अनुसंधान के क्षेत्र में सहयोग के लिए आयुष मंत्रालय की केन्द्रीय होम्योपैथी अनुसंधान परिषद और एकीकृत पूरक चिकित्सा केंद्र, शारे जेडेक मेडिकल सेंटर के बीच एमओयू

अंतरिक्ष के क्षेत्र में सहयोग के लिए भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईएसटी) और टेक्नियन-इजराइल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के बीच एमओयू

इन्वेस्टे इंडिया और इन्वेस्टे इन इजराइल के बीच आशय ज्ञापन

मेटल-एयर बैटरियों के क्षेत्र में सहयोग के लिए आईओसीएल और फिनर्जी लिमिटेड के बीच आशय पत्र