जम्मू-कश्मीर दो केंद्र शासित प्रदेशों में तब्दील हुआ

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म्मू-कश्मीर 31 अक्टूबर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में तब्दील हो गया। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि ‘‘नयी व्यवस्था” का लक्ष्य ‘‘विश्वास की मजबूत कड़ी” बनाना है। राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने राज्य में लगे राष्ट्रपति शासन को समाप्त कर दिया और राज्य को विभाजित कर गठित किये गये दो नये केंद्रशासित प्रदेशों- जम्मू-कश्मीर एवं लद्दाख का नियंत्रण अपने हाथों में ले लिया।

यह कदम पांच अगस्त को केंद्र सरकार द्वारा की गई घोषणा के अनुरूप उठाया गया है। केंद्र ने जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को रद्द करने और राज्यों को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने की घोषणा की थी। केंद्र शासित प्रदेश के रूप में अस्तित्व में आए जम्मू-कश्मीर का उप राज्यपाल श्री गिरीश चंद्र मुर्मू को और लद्दाख का उप राज्यपाल श्री राधा कृष्ण माथुर को बनाया गया।

इस बीच, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने सरदार वल्लभ भाई पटेल की 144वीं जयंती पर गुजरात के केवडिया में ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ पर श्रद्धा सुमन अर्पित किये और लोगों को ‘राष्ट्रीय एकता संकल्प’ दिलाया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने के प्रावधानों से राज्य में सिर्फ और सिर्फ आतंकवाद ही फैला। उन्होंने कहा, ‘‘जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में नयी व्यवस्था का मतलब जमीन पर लकीर खींचना नहीं, बल्कि विश्वास की एक मजबूत कड़ी बनाना है।”

श्री मोदी ने कहा, ‘‘पटेल ने एक बार कहा था कि यदि उनके (पटेल के) हाथों में कश्मीर मुद्दा होता, तो इसका हल करने में इतना लंबा समय नहीं लगता।”

केंद्रीय गृहमंत्री श्री अमित शाह ने राष्ट्रीय राजधानी में कहा कि अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35 ए जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के प्रवेश द्वार थे। मोदी ने इन्हें रद्द कर इस प्रवेश द्वार को बंद कर दिया। भाजपा की जम्मू-कश्मीर इकाई के प्रवक्ता खालिद जहांगीर ने कहा कि यह कदम जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में शांति एवं विकास का मार्ग प्रशस्त करेगा।

गौरतलब है कि गृह मंत्रालय द्वारा जारी एक अधिसूचना के जरिये जम्मू-कश्मीर राज्य की जगह ‘जम्मू-कश्मीर संघ राज्य प्रदेश’ शब्दावली का उल्लेख किया गया। जम्मू-कश्मीर में विधानसभा होगी, जबकि लद्दाख बगैर विधानसभा वाला केंद्र शासित क्षेत्र होगा।