कांग्रेस के विरुद्ध है कर्नाटक का जनादेश : अमित शाह

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कर्नाटक की जीत के साथ भारतीय जनता पार्टी ने दक्षिण भारत में भी जोरदार उपस्थिति दर्ज करा दी। गत 15 मई को आए कर्नाटक विधानसभा चुनाव में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी और बहुमत से महज 7 सीटें दूर रह गई।

राज्य की 224 सदस्यीय विधानसभा के लिए 222 सीटों पर 12 मई को मतदान हुआ था। 104 सीटें जीतकर भाजपा सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी। राज्य में सŸत्तारूढ़ पार्टी कांग्रेस को बड़ा नुकसान हुआ और वह 78 सीटों पर सिमट गई। जद(एस) को 37 सीटों से संतोष करना पड़ा। उसकी सहयोगी बहुजन समाज पार्टी को एक सीट मिली। एक सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार जीता और एक सीट स्थानीय पार्टी केजीजेपी को मिली।

चुनाव परिणाम आते ही कांग्रेस स्वयं ही जद(एस) नेता श्री कुमारस्वामी के सामने मुख्यमंत्री बनाने का न्योता लेकर पहुंच गई। श्री कुमारस्वामी ने राज्यपाल श्री वजुभाई वाला को पत्र लिखकर कांग्रेसी समर्थन स्वीकारने की सूचना दी और बाद में मिलकर सरकार बनाने का दावा भी ठोक दिया। भाजपा नेता श्री बी़ एस़ येदियुरप्पा ने भी राज्यपाल से भेंट कर सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते सरकार बनाने का दावा प्रस्तुत कर दिया।

कर्नाटक के राज्यपाल श्री वजूभाई वाला ने 16 मई को भाजपा विधायक दल के नेता श्री बी. एस. येदियुरप्पा को राज्य में सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया और बहुमत साबित करने के लिए 15 दिन का समय दिया। कर्नाटक में सरकार बनाने के लिए भाजपा को न्योता देने के राज्यपाल के फैसले के खिलाफ कांग्रेस 16 मई की रात सर्वोच्च न्यायालय पहुंच गई। श्री येदियुरप्पा को शपथ लेने से रोक लगाने की मांग को सर्वोच्च न्यायालय ने अस्वीकार कर िदया।

17 मई को भाजपा नेता श्री बी. एस. येदियुरप्पा ने तीसरी बार राज्य के मुख्यमंत्री पद की ईश्वर और किसानों के नाम पर शपथ ली। श्री वजूभाई वाला ने एक सादे समारोह में श्री येदियुरप्पा को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। शपथ ग्रहण समारोह में केंद्रीय मंत्री श्री प्रकाश जावडेकर और श्री अनंत कुमार उपस्थित रहे।

18 मई को सर्वोच्च न्यायालय ने भाजपा के मुख्यमंत्री श्री बी. एस. येदियुरप्पा को बहुमत साबित करने के लिए राज्यपाल द्वारा दी गई 15 दिन की अवधि को घटाते हुए 24 घंटे कर दिया।

कर्नाटक विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते सरकार बनाने के बाद मुख्यमंत्री श्री बी. एस. येदियुरप्पा ने 19 मई को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। श्री येदियुरप्पा ने विश्वासमत तो प्रस्तुत किया, लेकिन उस पर मतदान से पहले ही कांग्रेस-जद(एस) के अवसरवादी गठबंधन के कारण त्याग–पत्र देने की घोषणा कर दी।

23 मई को कांग्रेस–जदएस गठबंधन सरकार का शपथ ग्रहण समारोह संपन्न हुआ। जद(एस) नेता श्री एचडी कुमारस्वामी ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। राज्यपाल वजुभाई वाला ने उन्हें मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई। वहीं, कांग्रेस के जी परमेश्वर ने भी उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली।

जब तक जिंदा हूं किसानों को समर्पित रहूंगा : येदियुरप्पा

बहुमत परीक्षण से पहले कर्नाटक के मुख्यमंत्री श्री बी. एस. येदियुरप्पा ने काफी भावुक भाषण दिया। श्री येदियुरप्पा ने कहा कि जब तक मैं जिंदा हूं, अन्नदाता किसान को पूरी तरह मदद करने को तैयार हूं। उन्होंने कहा कि हमें किसानों की समस्याओं को दूर करने का मौका नहीं मिला। उन्होंने कहा कि चुनाव में कांग्रेस और जद(एस) एक दूसरे के खिलाफ लड़े और बहुमत न मिलने पर सरकार बनाने के लिए एक हो गए। श्री येदियुरप्पा ने कांग्रेस–जद(एस) के इस गटबंधन को अवसरवादी बताया।

इसके साथ ही श्री येदियुरप्पा ने फिर से जनता के बीच जाने और चुनाव जीतकर आने की बात कही। उन्होंने कहा कि वे राज्य के हर इलाके में जाएंगे और जीतकर आएंगे। उन्होंने कहा कि प्रजातंत्र में जनता ही मालिक है।

श्री येदियुरप्पा ने संबोधन के अंत में राज्य की जनता को आभार व्यक्त किया। संबोधन के अंत में उन्होंने इस्तीफे की घोषणा कर दी।

कांग्रेस कुशासन के खिलाफ जनादेश: अमित शाह

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह ने 21 मई को नई दिल्ली स्थित भाजपा के केन्द्रीय कार्यालय में एक प्रेस वार्ता को संबोधित किया और कांग्रेस-जद(एस) गठबंधन को अपवित्र गठबंधन करार दिया।

भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि मैं भारतीय जनता पार्टी की ओर से सबसे पहले कर्नाटक की जनता का हृदय से आभार व्यक्त करना चाहता हूं कि एक कठिन चुनावी समर में उन्होंने भाजपा को विजयी बनाया और भाजपा सबसे बड़े दल के रूप में उभरी। उन्होंने कहा कि वोट प्रतिशत और सीटों की दृष्टि से भारतीय जनता पार्टी ने अपनी टैली को काफी इम्प्रूव किया है। उन्होंने कर्नाटक भाजपा के लाखों कार्यकर्ताओं का हृदय से धन्यवाद करते हुए कहा कि उन्होंने चुनाव में घर-घर जाकर भारतीय जनता पार्टी के दृष्टिकोण को जनता तक पहुंचाने का काम बखूबी अंजाम दिया।

श्री शाह ने कहा कि चुनाव से पहले कर्नाटक में भारतीय जनता पार्टी की केवल 40 सीटें थीं, अब हम 104 सीटों के साथ कर्नाटक में सबसे बड़े दल के रूप में उभरे हैं। हमारे वोट प्रतिशत में भी बहुत बड़ी वृद्धि हुई है, प्रत्यक्ष रूप से जनादेश भाजपा को मिला है। उन्होंने कहा कि कर्नाटक विधानसभा का पूरा चुनाव हमने कांग्रेस की सिद्धारमैया सरकार के 5 साल के भ्रष्टाचार, कुशासन, तुष्टीकरण और वोट बैंक की राजनीति, बदहाल क़ानून-व्यवस्था, महिलाओं और दलितों के खिलाफ उत्पीड़न और किसानों की आत्महत्या के मुद्दे पर लड़ा था। उन्होंने कहा कि ये सारी चीजें एक विफल सरकार की परिचायक हैं। उन्होंने कहा कि एक ओर सिद्धारमैया सरकार में आजादी के बाद सबसे अधिक दलित उत्पीड़न की घटनाएं होती हैं।

महिलाओं के खिलाफ होने वाले उत्पीड़न में भी भारी वृद्धि होती है, 173% की दर से लगभग 3700 से अधिक किसान आत्महत्या को विवश होते हैं वहीं दूसरी ओर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र की भारतीय जनता पार्टी सरकार ने कर्नाटक के विकास को गति देने के लिए आजादी के बाद सबसे अधिक आर्थिक सहायता मुहैया कराई गई और कई परियोजनाओं की शुरुआत हुई। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सिद्धारमैया सरकार की नाकामी और मोदी सरकार द्वारा कर्नाटक के विकास के लिए किये जा रहे कार्यों के आधार पर हम श्री येदुरप्पा के नेतृत्व में कर्नाटक विधानसभा चुनाव लड़े और हमें इस बात का आनंद है कि कर्नाटक की जनता ने हमें जनादेश दिया है।

राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि कर्नाटक का जनादेश कांग्रेस के विरुद्ध है और जनता दल सेक्युलर भी वहीं जीती, जहां भाजपा संगठन परंपरागत रूप से कमजोर है। उन्होंने कहा कि कर्नाटक विधानसभा के चुनाव परिणाम एंटी-कांग्रेस मैंडेट है, इसमें कोई संदेह नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि सिद्धारमैया सरकार के आधे से अधिक मंत्री हार गए, मुख्यमंत्री खुद चुनाव हार गए और दूसरी सीट से वे बहुत ही कम मार्जिन से जीत पाए – यह कांग्रेस के कुशासन के खिलाफ कर्नाटक का जनादेश था।

श्री शाह ने कहा कि कई लोग ऐसा दुष्प्रचार कर रहे हैं कि पूर्ण बहुमत न होने के बावजूद भारतीय जनता पार्टी ने सरकार बनाने का दावा क्यों किया? उन्होंने कहा कि पूर्ण बहुमत किसी के पास नहीं था तो क्या फिर से चुनाव कराये जाते? उन्होंने कहा कि 104 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते सरकार बनाने का दावा करने का पहला अधिकार भारतीय जनता पार्टी का था। यदि हम सरकार बनाने का दावा नहीं करते तो यह कर्नाटक की जनता के मैंडेट के खिलाफ होता।

श्री शाह ने कहा कि जेडी(एस) का पूरा चुनाव प्रचार अभियान भी कांग्रेस और सिद्धारमैया सरकार की नाकामियों के खिलाफ था। उन्होंने कहा कि जेडी(एस) ने जहां-जहां भी चुनाव जीता है, एंटी-कांग्रेस मैंडेट के बल पर ही जीता है। उन्होंने कहा कि कर्नाटक के विधान सभा चुनाव परिणाम से स्पष्ट है कि जनता ने कांग्रेस को नकार दिया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को जो भी हरा सकता था, कर्नाटक की जनता ने उसे वहां से जिताया है। उन्होंने कहा कि हम मैजिक फिगर से सिर्फ 7 सीटें पीछे रह गए, हम 13 सीटें नोटा (NOTA) से भी कम मार्जिन से हारे, ऐसी 6 सीटें तो केवल बेंगलुरु में ही थी।

राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि आज जब कांग्रेस और जेडी (एस) सरकार बनाने की कवायद कर रही है तो आखिर वे किस बात का जश्न मना रहे हैं? उन्होंने कहा कि कांग्रेस-जेडी (एस) सरकार बनने से कर्नाटक की जनता जश्न नहीं मना रही है, जश्न केवल कांग्रेस और जेडी (एस) मना रही है। उन्होंने कांग्रेस से सवाल करते हुए कहा कि आखिर कांग्रेस किस बात का जश्न मना रही है – 122 से 78 सीटों पर सिमट कर रह जाने का जश्न मना रही है, मुख्यमंत्री की हार का जश्न मना रही है। आधे से ज्यादा मंत्रियों की हार का जश्न मना रही है या ‘पीपीपी’ अर्थात पंजाब, पुदुच्चेरी और परिवार तक सिमट रह जाने का जश्न मना रही है? उन्होंने कहा कि जेडी (एस) को भी स्पष्ट करना चाहिए कि वह महज 37 सीटें जीतने का जश्न मना रही है या 80% सीटों पर अपनी जमानत जब्त हो जाने का जश्न मना रही है?

श्री शाह ने कहा कि चुनाव से कुछ समय पहले ही कांग्रेस को पता चल गया था कि वह कर्नाटक में चुनाव हार रही है। उन्होंने कहा कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने लोकतंत्र की सभी मर्यादाओं को तार-तार करते हुए किसी भी तरह चुनाव जीतने का प्रपंच रचा था, लेकिन कांग्रेस इसके बावजूद इसमें सफल नहीं हो पाई। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने क्षेत्रवाद, भाषा, अलग झंडा, हिंदू धर्म में अलगाव, लिंगायत को अलग धर्म की मान्यता, SDPI जैसी घोर अराजक और देशद्रोही गतिविधियों में लिप्त पार्टी के साथ गठबंधन, भाजपा के खिलाफ दुष्प्रचार, धन-बल और फेक आईडी कार्ड की साजिश रचकर चुनाव जीतने का षड्यंत्र रचा था। उन्होंने कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान राहुल गांधी ने झूठा प्रचार किया कि केंद्र सरकार ने एससी/एसटी एक्ट को ख़त्म कर दिया है, जबकि यह कोई सोच भी नहीं सकता। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के चुनाव क्षेत्र में छापे में 10 विधानसभा में चुनाव करवाने लायक धन बरामद किया गया और इसके लिए उनके एक मंत्री पर केस भी दायर हुआ। उन्होंने कहा कि एक चुनाव क्षेत्र में एक घर से फर्जी आईडी कार्ड बनाने की फैक्ट्री बरामद हुई – हजारों फेक आईडी कार्ड, प्रिंटर, फर्जी मतदाता रजिस्टर भी बरामद हुए और उनके विधायक एवं काउंसिलर पर केस भी फ़ाइल हुई। उन्होंने कहा कि आज ही मीडिया में खबर आई है कि कचरे के ढेर से VVPAT मशीनें बरामद हुई है। उन्होंने कहा कि इतना अलोकतांत्रिक काम करने के बावजूद कांग्रेस 122 से घट कर 78 पर सिमट गई और तिस पर कांग्रेस कहती है कि हम चुनाव जीते।

श्री शाह ने कहा कि कर्नाटक के जनादेश के खिलाफ जाकर कांग्रेस ने जेडी (एस) का समर्थन किया है और जनादेश के खिलाफ जाकर ही जेडी (एस) ने कांग्रेस से समर्थन लिया है, वास्तव में कर्नाटक के जनादेश को अपमानित करने वाली कांग्रेस-जेडी (एस) गठबंधन एक अपवित्र गठबंधन है। उन्होंने कहा कि जनता भलीभांति जानती है कि चुनाव प्रचार के दौरान कुमारस्वामी ने कांग्रेस के लिए कैसे-कैसे बयान दिए थे और देवगौड़ा जी के लिए राहुल गांधी ने तथा राहुल गांधी ने देवगौड़ा जी के लिए क्या-क्या कहा था।

श्री शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी का विजय रथ घूमता-घूमता दक्षिण में प्रवेश कर गया है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से समग्र देश की जनता ने मोदी सरकार की विकास यात्रा और सुशासन के प्रति जनादेश देते हुए भारतीय जनता पार्टी को अपना प्यार और समर्थन दिया है, उसी तरह से कर्नाटक की जनता ने भी भाजपा को अपना आशीर्वाद दिया है। उन्होंने कहा कि कर्नाटक विधान सभा चुनाव कई मायनों में एक अच्छा चुनाव रहा, क्योंकि कांग्रेस की लोकतांत्रिक संस्थाओं में श्रद्धा बढ़ गई है, उन्हें अचानक से सुप्रीम कोर्ट, चुनाव आयोग और ईवीएम अच्छा लगने लगा है, उन्हें आधी-अधूरी जीत भी अच्छी लगने लगी। हम इस अच्छाई का स्वागत करते हैं। इसके साथ-साथ हम यह भी चाहते हैं कि जब कांग्रेस चुनाव हारे, तब भी वह इन सारी चीजों को याद रखे, वह ईवीएम को भी याद रखे, चुनाव आयोग को भी याद रखे और सुप्रीम कोर्ट को भी याद रखें। साथ ही आशा है कि अब वे सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद जज के खिलाफ इम्पीचमेंट मोशन लेकर नहीं आयेंगे।

भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि निस्संदेह भारतीय जनता पार्टी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में 2019 के लोक सभा चुनाव में 2014 से भी अधिक बहुमत के साथ जीतकर आयेगी और देश में विकास के एक नए युग की शुरुआत को आगे बढ़ायेगी।

विकास यात्रा रौंदने नहीं देंगे: नरेंद्र मोदी

कर्नाटक चुनाव में भाजपा के प्रदर्शन को असामान्य और अभूतपूर्व करार देते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भाजपा कर्नाटक की विकास यात्रा को किसी को रौंदने नहीं देगी। प्रधानमंत्री ने भाजपा मुख्यालय में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि कर्नाटक की विजय असामान्य है, अभूतपूर्व है। इसके लिए वे पार्टी कार्यकर्ताओं और जनता का आभार व्यक्त करते हैं। उन्होंने कहा कि यह जीत इस मायने में महत्त्वपूर्ण है कि ऐसी छवि बना दी गई थी कि भाजपा उत्तर भारत की पार्टी है, हिंदी भाषी क्षेत्र की पार्टी है। अब न गुजरात हिंदी भाषी है, न असम, न गोवा, न पूर्वोत्तर का ही कोई क्षेत्र हिंदी भाषी है। लेकिन लोगों में यह धारणा बनाने का प्रयास किया गया, एक झूठ फैलाया गया।

श्री मोदी ने कहा, इस प्रकार की विकृत सोच वाले लोगों को कर्नाटक की जनता ने झटका दिया है। उन्होंने कहा कि भाजपा हिंदुस्तान के हर क्षेत्र के लोगों और उनकी समस्याओं को सुलझाने के प्रति समर्पित पार्टी है, एक भारत, श्रेष्ठ भारत को समर्पित पार्टी है। प्रधानमंत्री ने कहा, भाजपा किसी को कर्नाटक की विकास यात्रा को रौंदने नहीं देगी। उन्होंने कहा कि कर्नाटक के उज्वल भविष्य के लिए भाजपा कहीं भी पीछे नहीं रहेगी।

कांग्रेस पर निशाना साधते हुए श्री मोदी ने कहा कि आजादी के बाद इतने साल तक जो दल केंद्र में सत्ता में रहा हो, इतने वर्षों तक देश को चलाया हो, जिसमें इतने दिग्गज नेता रहे हो, क्या कोई सोच सकता था कि चुनाव जीतने, तुच्छ स्वार्थ के लिए भारत के संविधान, संघीय ढांचे पर वह चोट पहुंचाएगा ? उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य के बीच तनाव पैदा करने का काम किया गया। उन्होंने कहा कि चुनाव में जीत-हार होती रहेगी, लेकिन देश के मूलभूत अधिष्ठानों पर चोट चिंता का विषय है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें इस बात का कई बार मलाल रहा कि उन्हें कुछ राज्यों की भाषा नहीं आती, लेकिन कर्नाटक की जनता ने भाषा के भेद को समाप्त किया और प्रचार के दौरान 45-47 डिग्री धूप में उनकी बातें ध्यान से सुनीं। कर्नाटक चुनाव में अच्छे प्रदर्शन के लिए प्रधानमंत्री ने भाजपा अध्यक्ष श्री अमित शाह की रणनीति को सराहा। उन्होंने कहा कि कर्नाटक में पार्टी कार्यकर्ताओं के परिश्रम को सौ-सौ सलाम।