आर्थिक समीक्षा 2018-19 की मुख्य बातें

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केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट मामलों की मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमन ने 4 जुलाई को संसद में आर्थिक समीक्षा 2018-19 पेश की। आर्थिक समीक्षा की 2018-19 की मुख्य बातें निम्न हैं:

निजी निवेश प्रगति, रोजगार, निर्यात और मांग का मुख्य वाहक है।

पिछले पांच वर्षों के दौरान अमीरों को मिलने वाले लाभ के मार्ग गरीबों के लिये भी खोले गये हैं। प्रगति और वृहद अर्थव्यवस्था की स्थिरता का लाभ आखिरी पंक्ति के व्यक्ति तक पहुंचा।

2024-25 तक पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के लिए आठ प्रतिशत की सतत वास्तविक जीडीपी विकास दर की जरूरत है।

डाटा को सार्वजनिक वस्तु के रूप प्रस्तुत करना।

कानूनी सुधारों पर जोर देना।

अधिक रोजगार सृजन और अधिक लाभकारी बनाने के लिए एमएसएमई को वित्तपोषित करना।

‘ऑफ द पीपुल, बाई द पीपुल, फॉर द पीपुल’ डाटा।

पिछले एक दशक में भारत में आर्थिक नीति अनिश्चितता में महत्वपूर्ण कमी आई है। यह कमी तब भी आई है जब विशेष रूप से अमेरिका जैसे प्रमुख देशों में आर्थिक नीति अनिश्चितता बढ़ी थी।

2021-31 के दौरान कामकाजी आयु वाली आबादी में मोटे तौर पर 9.7 मिलियन प्रति वर्ष और 2031-41 के दौरान 4.2 मिलियन प्रति वर्ष वृद्धि होगी।

अगले दो दशकों में प्रारंभिक स्कूल में जाने वाले बच्चों (5 से 14 साल आयु वर्ग) में काफी कमी आएगी।

93.1 प्रतिशत परिवारों की शौचालयों तक पहुंचा।

जिन लोगों की शौचालयों तक पहुंच है, उनमें से 96.6 प्रतिशत ग्रामीण भारत में उनका उपयोग कर रहे है।

30 राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में 100 प्रतिशत व्यक्तिगत घरेलू शौचालय (आईएचएचएल) की कवरेज।

परिवारों के लिए घरेलू शौचालय से वित्तीय बचत, वित्तीय लागत से औसतन 1.7 गुना और गरीब परिवारों के लिए 2.4 गुना बढ़ गई है।

भारत को 2010 के मूल्यों पर अपने वास्तविक प्रति व्यक्ति जीडीपी में 5,000 डॉलर तक की वृद्धि करने और उच्च मध्य आय वर्ग में दाखिल होने के लिए अपनी प्रति व्यक्ति ऊर्जा खपत में 2.5 गुना वृद्धि किये जाने की जरूरत है।

भारत में ऊर्जा दक्षता कार्यक्रमों की बदौलत 50,000 करोड़ रुपये की बचत हुई और कार्बन डाई ऑक्साइड के उत्सर्जन में 108.28 मिलियन टन की कमी हुई।

मनरेगा योजना में एनईएफएमएस और डीबीटी को लागू किये जाने से भुगतान में होने वाले विलंब में काफी कमी आई है।

2018-19 में भारत अब भी तेजी से बढ़ती हुई प्रमुख अर्थव्यवस्था है।

जीडीपी की वृद्धि दर वर्ष 2017-18 में 7.2 प्रतिशत की जगह वर्ष 2018-19 में 6.8 प्रतिशत हुई।

2018-19 में मुद्रास्फीति की दर 3.4 प्रतिशत तक सीमित रही।

जीडीपी के 3.4 प्रतिशत के राजकोषीय घाटे और 44.5 प्रतिशत (अनंतिम) के ऋण-जीडीपी अनुपात के साथ वित्त वर्ष 2018-19 का समापन।

आरबीआई की रिपोर्ट की अनुसार फंसे कर्ज वाले खातों से बैंकों ने 50,000 करोड़ रुपये प्राप्त किए।

नामामि गंगे मिशन को एसडीजी-6 को हासिल करने के लिए नीतिगत प्राथमिकता के आधार पर लॉन्च किया गया था। इस कार्यक्रम के लिए 2015-20 की अवधि के लिए 20,000 करोड़ रुपये का बजटीय आवंटन किया गया था।

दुनिया में दुग्ध के सबसे बड़े उत्पादक देश भारत में डेयरी क्षेत्र को बढ़ावा।

पशु धन का विकास।

2018-19 में आठ बुनियादी उद्योगों के कुल सूचकांक में 4.3 प्रतिशत की वृद्धि।

विश्व बैंक के कारोबारी सुगमता रिपोर्ट 2019 में भारत दुनिया के 190 देशों में 77वें स्थान पर पहुंचा। पहले की तुलना में 23 स्थान ऊपर उठा।

2018-19 में देश में सड़क निर्माण कार्यों में 30 किलोमीटर प्रति दिन के हिसाब से निर्माण हुआ। 2014-15 में सड़क निर्माण 12 किलोमीटर प्रति दिन था।

2017-18 की तुलना में 2018-19 में रेल ढुलाई और यात्री वाहन क्षमता में क्रमशः 5.33 और 0.64 की वृद्धि हुई।

देश में 2018-19 के दौरान कुल टेलीफोन कनेक्शन 118.34 करोड़ पर पहुंच गया।

बिजली की स्थापित क्षमता 2019 में 3,56,100 मेगावाट रही, जबकि 2018 में यह 3,44,002 मेगावाट थी।

वर्ष 2018-19 में 10.6 मिलियन विदेशी पर्यटक आए, जबकि 2017-18 में इनकी संख्या 10.4 मिलियन थी।

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) के अंतर्गत 2014 से करीब 1,90,000 किलोमीटर ग्रामीण सड़कों का निर्माण किया गया।

प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) के अंतर्गत करीब 1.54 करोड़ घरों का निर्माण कार्य पूरा किया गया, जबकि 31 मार्च, 2019 तक मूलभूत सुविधओं के साथ एक करोड़ पक्के मकान बनाने का लक्ष्य था।

स्वस्थ भारत के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन और आयुष्मान भारत योजना के जरिए पहुंच योग्य, सस्ती और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जा रही हैं।

देश भर में वैकल्पिक स्वास्थ्य सेवाएं, राष्ट्रीय आयुष मिशन की शुरूआत की गई, ताकि सस्ती और आयुष स्वास्थ्य सेवा दी जा सके।

बजटीय आवंटन पर वास्तविक व्यय को बढ़ाकर और पिछले चार वर्ष में बजट आवंटन बढ़ाकर रोजगार सृजन योजना मनरेगा को प्राथमिकता दी गई।