भाजपा में नेता मेधा और परिश्रम के बल पर आगे बढ़ते हैं : जगत प्रकाश नड्डा

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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जगत प्रकाश नड्डा ने 08 अक्टूबर 2020 को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से महाराष्ट्र प्रदेश भाजपा कार्यसमिति की बैठक को संबोधित किया और पार्टी पदाधिकारियों को आगे बढ़ने का मंत्र देते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कांग्रेस-शिव सेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पर जोरदार हमला बोला और कृषि सुधार कानूनों को लेकर भी कांग्रेस और विपक्ष को आड़े हाथों लिया।

श्री नड्डा ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी और बाकी अन्य राजनीतिक पार्टियों में बहुत बड़ा अंतर है। बाकी पार्टियों के लिए परिवार ही पार्टी है जबकि हमारे लिए पार्टी ही परिवार है। उन्होंने कहा कि यह पार्टी कार्यकर्ताओं के अथक परिश्रम का परिणाम है कि भारतीय जनता पार्टी आज विश्व की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी है। महाराष्ट्र भाजपा के भी सदस्यों की संख्या एक करोड़ से अधिक पहुंची है, इसके लिए प्रदेश भाजपा इकाई को मैं बहुत-बहुत बधाई देता हूं। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की यात्रा संस्कृति, परंपरा, राष्ट्रवाद, अंत्योदय, एकात्म मानववाद और सबका साथ, सबका विकास एवं सबका विश्वास के समेकित दर्शन की रही है।

देश की एकता, अखंडता और संस्कृति की रक्षा हमारी पहचान रही है। उन्होंने कहा कि हम डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी और पंडित दीनदयाल उपाध्याय द्वारा प्रतिपादित सिद्धांतों को लेकर आगे बढ़े हैं जिन्होंने हमें संपूर्णता में विचारधारा को लेकर आगे बढ़ना सिखाया है। यदि अर्थनीति की बात करें तो हम समाज के अंतिम व्यक्ति के कल्याण ‘अंत्योदय’ से ‘सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास’ और उससे ‘आत्मनिर्भर भारत’ के अभियान के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में तेज गति से काम कर रहे हैं।
श्री नड्डा ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी में नेता मेधा और परिश्रम के बल पर आगे बढ़ते हैं, परिवार, जाति, धर्म या धन-बल के आधार पर नहीं। यह हमारी नैतिक व्यवस्था का परिणाम है। पार्टी के सोचने, समझने और मूल्यांकन का तरीका ऐसा है कि यहां आगे बढ़ने के लिए किसी सिफारिश की जरूरत नहीं होती।

श्री नड्डा ने कहा कि वैश्विक महामारी कोविड-19 ने पूरी दुनिया को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया, लेकिन प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने इसके खिलाफ निर्णायक लड़ाई के लिए जिस तरह से समय पर साहसिक कदम उठाते हुए देश की 135 करोड़ जनता को एकजुट किया, वह अद्भुत है। इसने पूरे विश्व में जन-कल्याण की अवधारणा को व्यापक स्वीकृति दिलाते हुए मानवता की सेवा का अनुपम उदाहरण प्रस्तुत किया। देश के 80 करोड़ गरीब लोगों के दो वक्त के भोजन हेतु मार्च से नवंबर तक के लिए मुफ्त राशन की व्यवस्था की गई, यह अपने-आप में बड़ा कीर्तिमान है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने गरीब कल्याण योजना, आत्मनिर्भर भारत अभियान, वोकल फॉर लोकल और गरीब कल्याण रोजगार योजना के माध्यम से जन-कल्याण के साथ-साथ देश के अर्थतंत्र की गति को भी तेज करने का व्यापक प्रयास किया।

श्री नड्डा ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत कृषि में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए एक लाख करोड़ रुपये का अलग से आवंटन किया गया। उन्होंने कहा कि कृषि के आधारभूत ढांचे के पारिस्थितिकी-तंत्र के विकास की दिशा में एक क्रांतिकारी बदलाव की जरूरत महसूस की जा रही थी। किसान को लाभकारी मूल्य पर अपनी उपज को बेचने के लिये पर्याप्त विकल्प उपलब्ध कराने, निर्बाध अंतर्राज्यीय व्यापार, कृषि उत्पादों की ई-ट्रेडिंग के लिये एक रूपरेखा बनाने की दिशा में कृषि सुधारों की तत्काल जरूरत थी। इसलिए, वर्षों की प्रतीक्षा के बाद प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कृषि सुधारों को एक-एक करके आगे बढ़ाना शुरू किया। एक वृहत् परिचर्चा के पश्चात् लोकतांत्रिक तरीके से हाल ही में कृषि सुधार से संबंधित तीन विधेयक संसद से पारित हुए और राष्ट्रपति जी के हस्ताक्षर से अब ये क़ानून बन चुके हैं। इन विधेयकों ने किसानों को सशक्त करते हुए देश में ‘वन नेशन, वन मार्केट’ (One Nation, One Market) की अवधारणा को चरितार्थ किया है। पहले मंडियों में किसानों को मल्टिपल टैक्स देना पड़ता था, अब किसानों को अपनी फसल बेचने की आजादी मिली है।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने किसानों को कर-मुक्त और स्वावलंबन-युक्त बनाया है। किसानों को फसल बेचने की आजादी देने की अनुशंसा पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जी, शरद पवार जी और शरद जोशी कमिटी ने भी की थी। तमाम अर्थशास्त्रियों ने भी इसकी वकालत की थी, लेकिन यदि इन कृषि सिफारिशों को अमलीजामा पहनाने का प्रयास सार्थक तरीके से यदि किसी ने किया है तो वे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ही हैं। शरद पवार जी कृषि सुधारों की बात करें तो बहुत अच्छा लेकिन प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी इसे इम्प्लीमेंट कर दें तो यह खराब कैसे हो गया? शरद पवार ने कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग की वकालत की थी, लेकिन मोदी सरकार ने इसे किसान हितैषी बनाते हुए लागू कर दिया तो हम एंटी-फार्मर कैसे हो गए? चुनाव के समय कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में कहा था कि वह APMC एक्ट को बदल देगी, किसान के ट्रेड पर कोई टैक्स नहीं होगा और अंतरराज्यीय व्यापार को बढ़ावा दिया जाएगा।

लेकिन, जब आज प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने किसानों के हित में कृषि सुधारों को लागू कर दिया तो कांग्रेस पार्टी के नेता ट्रैक्टर पर सोफा लगा कर घूमने लग गए। ये लोग तो किसानों की जीविका ट्रैक्टर का भी निरादर कर रहे हैं? कोई जिससे अपनी जीविका चलाता है, क्या वह उसे जला सकता है, उसका निरादर कर सकता है? कोई हल को जलाता है क्या? ऐसा करने वाले न किसान हैं और न ही इनमें किसानों की आत्मा बसती है। भारतीय जनता पार्टी ने तय किया है कि हम हल का भी सम्मान करेंगे, ट्रैक्टर का भी सम्मान करेंगे और किसानों का भी सम्मान करेंगे। फसलों की एमएसपी, स्वायल हेल्थ कार्ड और किसान सम्मान निधि को देने का काम किसने किया? कांग्रेस की सरकारों को किसानों के हित में निर्णय लेने से किसने मना किया था? ये प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी थे जिन्होंने किसानों को उनका अधिकार दिया जिसकी स्वामीनाथन जी ने भी मुक्त कंठ से सराहना की थी।

श्री नड्डा ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कृषि बजट को 12,000 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 1.36 लाख करोड़ रुपये करने का कार्य किया है। आर्थिक गति भी काफी तेज हुई है। पिछले एक वर्ष में धारा 370 के उन्मूलन, ट्रिपल तलाक के खात्मे, सीएए के इम्प्लीमेंटेशन से लेकर भव्य राम मंदिर के निर्माण का भी मार्ग प्रशस्त हुआ है। यह दिखाता है कि दृढ़ इच्छाशक्ति के साथ यदि काम किया जाय तो कुछ भी असंभव नहीं है।

श्री नड्डा ने कहा कि लॉकडाउन के समय महाराष्ट्र की भाजपा इकाई ने भी ‘सेवा ही संगठन’ अभियान में बढ़-चढ़कर भाग लिया। महाराष्ट्र में भाजपा कार्यकर्ताओं ने 2.30 करोड़ से अधिक फ़ूड पैकेट्स, 42.5 लाख से अधिक राशन किट्स और लगभग 68 लाख फेस कवर का वितरण किया तो हजारों गांवों को सैनिटाइज भी किया। इसके अतिरिक्त राज्य से लगभग चार लाख लोगों ने पीएम केयर्स फंड में भी योगदान दिया।
श्री नड्डा ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश की एक-एक इंच भूमि सुरक्षित है। दौलतबेग ओल्डी रोड वर्षों बाद जाकर पूरा हुआ। आज भारत का डिफेन्स सिस्टम मजबूत है और दुश्मन हमारी ओर आंख उठाकर भी नहीं देख सकता। यह आत्मनिर्भर भारत, स्वाभिमानी भारत और ताकतवर भारत के स्थापित होने की तस्वीर है।

चीन के साथ लगी सीमा पर तेज गति से इन्फ्रास्ट्रक्चर सुधार पर काम हो रहा है। विगत छः वर्षों में चीन से लगी सीमा पर सड़क बनाने के काम में 32 फीसदी का इजाफा हुआ है। साथ ही, इन रास्तों पर 14,450 मीटर के ब्रिजेज बनाए गए हैं और इसके निर्माण में विगत छः वर्षों में इसमें 98% वृद्धि हुई है। चीन से लगी सीमा पर 380 किमी प्रति वर्ष की दर से पिछले तीन वर्ष में वर्ल्ड स्टैण्डर्ड सड़कें बनाई गई हैं। श्री नड्डा ने कहा कि देवेंद्र फड़णवीस जी के नेतृत्व में पांच वर्षों में महाराष्ट्र ने विकास की बड़ी यात्रा तय की। उनके पांच वर्षों के शासन में महाराष्ट्र शिक्षा के क्षेत्र में 17वें से तीसरे स्थान पर पहुंचा, स्वास्थ्य में छठे से तीसरे स्थान पर पहुंचा और कृषि में तीन गुना अधिक निवेश हुआ।

आज हम सब महाराष्ट्र की बदहाल स्थिति से वाकिफ हैं। आज महाराष्ट्र में राज्य सरकार की ऐसी स्थिति है कि दायें को बाएं का पता नहीं चलता, बाएं तो दायें का पता नहीं चलता और हाथ को हाथ नहीं दिखता। महाराष्ट्र की राज्य सरकार को कौन चला रहा है, यह कहां से चल रही है, किसी को मालूम नहीं। हमने लॉकडाउन में देखा कि भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता तो अनवरत मानवता की सेवा में लगे रहे, लेकिन राज्य की कांग्रेस-शिव सेना-एनसीपी की सरकार उदासीन रही। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र की जनता ने श्री देवेंद्र फड़णवीस को मुख्यमंत्री बनाने के लिए जनादेश दिया था। जनादेश भी भाजपा के पक्ष में था लेकिन राजनीति में कभी-कभी धोखा हो जाता है। लेकिन मैं इतना जरूर आश्वस्त करता हूं कि आने वाले समय कांग्रेस, शिव सेना और एनसीपी, तीनों पार्टियां सदा-सदा के लिए विपक्ष में रहेगी और भारतीय जनता पार्टी को राज्य की जनता सेवा का अवसर देगी। महाराष्ट्र की जनता इस अवसर का इंतजार कर रही है। वास्तव में जनादेश के साथ धोखा देवेंद्र फड़णवीस जी या कमल के फूल से नहीं, बल्कि महाराष्ट्र की जनता से हुआ है। उन्होंने कहा कि विपक्ष की ऐसी स्थिति नहीं है कि उस पर कुछ बोला जाय। भारतीय जनता पार्टी स्पष्ट नीति के साथ प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में आगे बढ़ रही है और उनके नेतृत्व में हमारा हर कदम देश और महाराष्ट्र की जनता के लिए समर्पित है।