‘माणिक सरकार ने दस हजार शिक्षकों को बेराेजगार करने का पाप किया’

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विशाल जनसभा, त्रिपुरा। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह ने 7 मई को कुमारघाट (त्रिपुरा) के फटिकरॉय पीडब्ल्यूडी ग्राउंड में आयोजित विशाल जन-सभा को संबोधित किया और राज्य की जनता से भ्रष्टाचारी, दमनकारी और विकास को अनदेखा करने वाली कम्युनिस्ट सरकार को उखाड़ फेंक कर भारतीय जनता पार्टी की विकासोन्मुखी एवं लोक-कल्याणकारी सरकार बनाने की अपील की। उन्होंने कहा कि मैं मां त्रिपुर सुन्दरी की इस पवित्र धरती को नमन करता हूं। उन्होंने कहा कि स्वर्ग से भी सुंदर त्रिपुरा का देश में बहुत बड़ा योगदान रहा है। उन्होंने कहा कि श्री एस डी बर्मन, श्री आर डी बर्मन और श्री सोमदेव बर्मन जी ने यहां का नाम दुनिया में रोशन करने का काम किया है। ज्ञात हो कि माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष संगठन विस्तार के 95 दिनों के अपने विस्तृत प्रवास कार्यक्रम के तहत त्रिपुरा में थे।

भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि रोज वैली चिटफंड घोटाले में त्रिपुरा सरकार के दिग्गज मंत्रियों का नाम आया है, राज्य के लाखों-गरीबों का पैसा रोज वैली मामले में सीपीएम के नेता चट कर गए हैं, उन्हें सजा मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मैं त्रिपुरा के मुख्यमंत्री श्री माणिक सरकार को चुनौती देता हूं – यदि आप पाकसाफ हैं, यदि आप के लोग रोज वैली चिटफंड घोटाले में लिप्त नहीं हैं, यदि आप में हिम्मत है तो आप रोज वैली चिटफंड घोटाले की जांच सीबीआई को सौंप दीजिये। उन्होंने कहा कि अगर रोज वैली चिटफंड घोटाले की जांच सही तरीके से हुई तो रोज वैली का एक-एक पैसा सीपीएम के नेताओं और कैडरों के घर से निकलेगा। उन्होंने कहा कि त्रिपुरा की सीपीएम सरकार पूरी तरह से भ्रष्टाचार में संलिप्त है।

श्री शाह ने कहा कि जनसंख्या के अनुपात में महिलाओं पर अत्याचार की सबसे अधिक घटनाएं त्रिपुरा में होती हैं, मीडिया रिपोर्टों के अनुसार पिछले 10 महीनों में लगभग 900 से अधिक महिलाओं के साथ छेड़खानी और दुर्व्यवहार की घटना सामने आई है। उन्होंने कहा कि जिस राज्य में महिलायें सलामत नहीं होती, उस राज्य का कभी विकास नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि त्रिपुरा के लगभग 25% अर्थात् एक-चौथाई पढ़े-लिखे लोग बेरोजगार हैं और माणिक सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी है, जो सरकार त्रिपुरा के बेरोजगार युवाओं को रोजगार नहीं दे सकती, उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं है। उन्होंने कहा कि त्रिपुरा में सरकारी कर्मचारियों को अभी भी चौथे वेतन आयोग के अनुसार ही वेतन मिलता है, जबकि पूरा देश सातवें वेतन आयोग को स्वीकार कर चुका है। राज्य के सभी सरकारी कर्मचारियों को आश्वस्त करते हुए उन्होंने कहा कि त्रिपुरा में माणिक सरकार के बहुत कम दिन बचे हैं, माणिक सरकार जाने वाली है और यहां पर भारतीय जनता पार्टी की सरकार आने वाली है। उन्होंने कहा कि त्रिपुरा में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद सरकार की पहली ही कैबिनेट बैठक में राज्य में सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि त्रिपुरा की माणिक सरकार ने 10,000 शिक्षकों को बेरोजगार करने का पाप किया है, क्योंकि उन्होंने शिक्षकों की भर्ती करते वक्त सरकारी नियमों का कोई ध्यान नहीं रखा, इसलिए सुप्रीम कोर्ट ने इस भर्ती को निरस्त कर दिया।

कांग्रेस की यूपीए सरकार (कम्युनिस्ट पार्टी समर्थित सरकार) ने 13वें वित्त आयोग के पांच वर्ष में त्रिपुरा को जहां केवल लगभग 7000 करोड़ रुपये ही दिए, वहीं मोदी सरकार ने 14वें वित्त आयोग में पांच वर्षों में त्रिपुरा को 25923 करोड़ रुपये देने का निर्णय लिया है।

श्री शाह ने कहा कि केंद्र में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के मार्गदर्शन में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद पहली बार अगरतला से बांग्लादेश तक रेल लिंक का काम हुआ, राज्य में तीन विद्युत परियोजनाओं पर काम शुरू हुआ, राज्य में इन्फ्रास्ट्रक्चर के कामों में तेजी आई, यहां के आदिवासियों की खुशहाली के लिए लगभग 200 करोड़ रुपये दिए गए और डोनर मंत्रालय के तहत राज्य को दी जाने वाली सहायता में 60% की बढ़ोत्तरी की गयी। उन्होंने कहा कि राज्य में सायंस सिटी के लिए 28 करोड़ रुपये दिए गए हैं ताकि इसके माध्यम से त्रिपुरा के युवा विश्व के युवाओं से प्रतिस्पर्द्धा कर सकें। डिग्री कॉलेजों के अपग्रेडेशन के लिए 48 करोड़ रुपये दिए गए, जीबी पंत अस्पताल के विकास के लिए 12 करोड़ रुपये दिए गए, राज्य में पांच नेशनल हाइवे बनाए गए हैं, त्रिपुर सुन्दरी एक्सप्रेसवे बनाया गया है, कचरे का संयंत्र लगाने के लिए 6 करोड़ रुपये दिए गए, एयरपोर्ट के विकास के लिए 500 करोड़ रुपये की राशि दी गई, लेकिन विकास का कोई काम राज्य में दिखाई नहीं देता। उन्होंने कहा कि जब तक त्रिपुरा में सीपीएम की माणिक सरकार की सरकार है, तब तक राज्य में विकास संभव नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि त्रिपुरा की जनता विकास चाहती है और इसके लिए उनके पास एक ही विकल्प है – भारतीय जनता पार्टी।