प्रगति से प्रभावित हुए प्रवासी

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डॉ. दिलीप अग्निहोत्री

भारतीय प्रवासी   भौगोलिक रूप से दूर अवश्य हैं, लेकिन उनके भावनात्मक लगाव में कोई कमी नहीं है। यह बात काशी में हुए प्रवासी सम्मेलन से उजागर हुई। इस बार के संयोग भी दुर्लभ थे। पहली बार विश्व की सबसे प्राचीन नगरी काशी में यह सम्मेलन आयोजित हुआ। प्रवासी भारतीय विश्व के किसी भी हिस्से में हों, काशी के प्रति उनका भक्तिभाव रहता है। दूसरा संयोग प्रयागराज कुम्भ ने बनाया। वैसे प्रवासी सम्मेलन नौ जनवरी को होता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे कुम्भ आयोजन से जोड़ने का अभूतपूर्व कार्य किया। प्रवासी भारतीयों के लिए यह भाव विभोर करने वाला निर्णय था। काशी में सम्मेलन और प्रयागराज में कुम्भ ने भी एक प्रकार का संगम बनाया।

तीसरा संयोग यह है कि इसी समय दावोस में विश्व आर्थिक मंच का सम्मेलन हुआ। इसमें भारत की प्रगति को अभूतपूर्व बताया गया। कुछ समय बाद चीन को भी भारत पछाड़ देगा। वैश्विक आर्थिक वृद्धि में भारत का योगदान दोगुना हो गया है। दो हजार आठ में यह योगदान सात प्वाइंट छह प्रतिशत था, अब यह चौदह प्वाइंट पांच प्रतिशत हो गया है। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में भारत ने सत्तर अंकों की बढ़ोत्तरी हुई है। अगले कुछ समय में भारत शीर्ष पचास देशों की सूची में शामिल हो जाएगा। नौ जनवरी, 1915 को गांधीजी दक्षिण अफ्रीका से भारत लौटे थे। इसी तारीख को प्रवासी दिवस के रूप में मनाने का निर्णय तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने लिया था। इस बार प्रवासियों को कुंभ की भव्यता दिखाने के लिए तारीख बदली गई।

सम्मेलन स्थल का स्वरूप भी सांस्कृतिक गौरव को रेखांकित करने वाला था। अटल बिहारी वाजपेयी सभागार में प्रवेश के लिए सात द्वार बनाये गए थे। गंगा सागर, पाटलीपुत्र, काशी, प्रयागराज, हरिद्वार, गंगोत्री नामकरण किया गया था। युवा प्रवासी भारतीय और बीएचयू के पांच पांच स्टूडेंट्स के पैनल के बीच राष्ट्र निर्माण में युवाओं की भूमिका पर संवाद हुआ। भारतीय योग नेचुरोपैथी, आयुर्वेद, प्राणायाम का अनुसरण कर समूचा विश्व स्वस्थ्य होने का प्रयास कर रहा है। डिजिटल इण्डिया विषय पर पैनल डिस्कशन हुआ। नरेंद्र मोदी के भाषण का सूत्र भी यही था। उन्होंने बताया कि भारत में बड़े आर्थिक सुधार हुए है।
पिछले साढ़े चार वर्ष में पांच लाख, 80 हजार करोड़ रुपये सीधे लोगों के बैंक अकाउंट में ट्रांसफर किए। ये सुधार पहले भी हो सकता था लेकिन नीयत नहीं थी, इच्छाशक्ति नहीं थी। करीब सात करोड़ ऐसे लोगों को हटाया है, जो केवल कागज पर थे और सरकारी सुविधाओं का फायदा उठा रहे थे। अनेक देशों की जनसंख्या से ज्यादा लोग यहां कागजों में जी रहे थे और कागजों में ही सरकारी सुविधा ले रहे थे। यदि देश पुराने तौर तरीकों से ही चल रहा होता, तो आज भी इस पांच लाख, 78 हजार करोड़ रुपये में से चार लाख, 01 हजार करोड़ रुपये लीक हो रहे होते। अगर व्यवस्था में बदलाव नहीं लाए होते यह राशि उसी तरह लूट ली जाती, जैसे पहले लूटी जाती थी।

जब प्रवासी भारतीय सम्मेलन की शुरुआत 2003 में अटल बिहारी वाजपेयी ने नए सिरे से की थी। तब यह एक दिवसीय कार्यक्रम था। इस बार इस आयोजन को तीन दिवसीय किया गया। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारत के सबसे ज्यादा युवा उत्तर प्रदेश में हैं। प्रवासियों को मानवता के सबसे बड़े समागम प्रयागराज कुम्भ और नई दिल्ली में गणतन्त्र दिवस समारोह में ले जाने की प्रदेश सरकार ने व्यवस्था की है।

योगी आदित्यनाथ व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने पहले दिन कार्यक्रम का शुभारंभ किया था। योगी आदित्यनाथ ने प्रवासी भारतियों को कुंभ दर्शन का औपचारिक आमंत्रण दिया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन से कुंभ में विकास की नई गाथा देखने को मिलेगी। सैकड़ों वर्षों बाद अक्षयवट और सरस्वती कूप के दर्शन का मौका मिलेगा। प्रवासी भारतीयों को काशी की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को दर्शाती एक काफी टेबल बुक भेंट की गई। योगी आदित्यनाथ ने प्रवासियों से भारत को दुनिया की आर्थिक महाशक्ति बनाने में सहयोग का आह्वान किया। पिछले करीब पौने दो साल में उत्तर प्रदेश अराजकता और अव्यवस्था से निकल चुका है। भारत की बेहतरी का रास्ता उत्तर प्रदेश से होकर जाता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस आयोजन से भारत की साख बढ़ेगी। योगी ने दो वर्षों में यहां हुए सुधारों  से प्रवासियों को अवगत कराया। दो वर्ष में सरकार ने 15 नए मेडिकल कॉलेज स्वीकृत किए हैं। एयर कनेक्टिविटी को बढ़ाया जा रहा है। छह शहरों में नए एयरपोर्ट बन चुके हैं। जल परिवहन को गति देते हुए वाराणसी से प्रयागराज तक रोरो सेवा जल्दी शुरू हो जाएगी। निवेश के लिए सबसे अच्छा माहौल है। प्रवासियों ने एक जिला एक उत्पाद के तहत हस्तशिल्पियों के हुनर की प्रदर्शनी में दिलचस्पी दिखाई।
योगी ने कहा कि भारत की प्रतिभा विश्व भर में अपना लोहा मनवा रही है। सबसे युवा राज्य उत्तर प्रदेश है। इसके मद्देनजर प्रदेश में सवा नौ लाख युवाओं को नौकरियां दी गई हैं। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि भारत में प्रवासियों के लिए असीम अवसर हैं। मातृभूमि की प्रगति में प्रवासी भारतीय भागीदार बनें।

सम्मेलन का समापन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने किया। मॉरिशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जगन्नाथ के साथ उनकी सांस्कृतिक सहयोग पर वार्ता हुई। वे पंडित दीन दयाल हस्तकला संकुल में आयोजित पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी की जीवन यात्रा पर आधारित डिजिटल प्रदर्शनी देखने भी गए। राष्ट्रपति ने तीस अतिथियों को प्रवासी भारतीय सम्मान प्रदान किया। विदेश राज्यमंत्री वीके सिंह ने धन्यवाद ज्ञापन में कहा कि भारत व मॉरीशस के प्रधानमंत्री ने प्रवासियों को प्रेरणा दी है। सरकार ने अटल जी के जीवन पर प्रदर्शनी लगाई है, जो सिर्फ दिखाने के लिए नहीं बल्कि सुझावों को इकट्ठा करने के लिए है। जो भारत को अपना योगदान देना चाहते हैं, उसके लिए क्या कर सकते हैं, इस पर चर्चा हुई है। यह सफल आयोजन रहा है। लगभग तीन हजार मेहमान प्रयागराज कुंभ में संगम में डुबकी लगाने के बाद दिल्ली में गणतंत्र दिवस समारोह में भी शामिल होंगे। प्रवासी सम्मेलन में लगभग नब्बे देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। कहा जा सकता है कि यह सम्मेलन अभूतपूर्व था। (हिंस)

(लेखक वरिष्ठ स्तंभकार हैं)