‘एक्ट ईस्ट पॉलिसी का अधिकतम फायदा पूर्वोत्तर राज्यों को पहुंचाने का प्रयास किया है मोदी सरकार ने’

| Published on:

नॉर्थ ईस्ट डेमोक्रेटिक अलायंस (नेडा) : द्वितीय परिषद् बैठक

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह ने 5 सितम्बर को नई दिल्ली के महाराष्ट्र सदन में आयोजित नॉर्थ ईस्ट डेमोक्रेटिक अलायंस (नेडा) के द्वितीय परिषद् की बैठक को संबोधित किया और नॉर्थ ईस्ट के विकास की प्रतिबद्धता दुहराई।

भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह ने कहा कि नेडा केवल एक राजनीतिक प्लेटफ़ॉर्म भर नहीं है, बल्कि यह पूरे नॉर्थ ईस्ट को सांस्कृतिक रूप से एकजुट करने का एक मंच भी है। उन्होंने कहा कि श्री नरेन्द्र मोदी ने प्रधानमंत्री पद के प्रत्याशी घोषित किये जाने के बाद अपने पहले ही भाषण में यह स्पष्ट कर दिया था कि देश का विकास समान रूप से नहीं हुआ है। उन्होंने कहा था कि भारत माता की दो भुजाएं हैं – पश्चिम और पूरब। उन्होंने कहा कि मोदी जी ने कहा था कि पश्चिम के हिस्से का तो विकास हुआ है, लेकिन पूर्व के हिस्से का विकास नहीं हुआ है और जब तक ईस्ट का विकास जब तक नहीं होगा, तब तक देश का विकास सम्पूर्ण नहीं माना जाएगा। श्री शाह ने कहा कि श्री नरेन्द्र मोदी ने 2014 के लोक सभा चुनाव के दौरान वादा किया था कि यदि देश की जनता भारतीय जनता पार्टी और एनडीए को सरकार बनाने का मौक़ा देती है तो वे नॉर्थ ईस्ट के विकास को प्राथमिकता देंगे। राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि मुझे यह कहते हुए अपार आनंद की अनुभूति हो रही है कि पिछले तीन साल में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में नॉर्थ ईस्ट के लिए जिस तरह से काम हुआ है, आजादी के 65 सालों में उस तरह से पूर्वोत्तर के विकास के लिए काम कभी नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि इसी का परिणाम है कि आज अलग-अलग सांस्कृतिक और जातिगत पहचान रखने वाले नॉर्थ ईस्ट के आठों राज्य नेडा के प्लेटफ़ॉर्म के जरिये भारत का ग्रोथ इंजन बनने के लिए उद्यत हैं। उन्होंने कहा कि सांस्कृतिक और भोगौलिक विविधता से भरे नॉर्थ-ईस्ट को एकजुट रखते हुए पूर्वोत्तर का विकास करना भारतीय जनता पार्टी और एनडीए सरकार की प्रमुख प्राथमिकता है।

श्री शाह ने कहा कि नॉर्थ ईस्ट सामरिक दृष्टिकोण से भी बहुत महत्त्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि नॉर्थ ईस्ट की लगभग 4300 किलोमीटर की लैंड बाउंड्री अलग-अलग देशों के साथ मिलती है। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद 65 सालों में नॉर्थ ईस्ट के विकास के साथ-साथ उग्रवाद, घुसपैठ एवं स्मगलिंग की समस्याओं के समाधान के लिए जिस तरह से ध्यान दिया जाना चाहिए था, वह नहीं दिया गया जिसके कारण अपार संभावनाओं के बावजूद नॉर्थ ईस्ट आज भी विकास के मामले में काफी पीछे है। उन्होंने कहा कि नॉर्थ ईस्ट में पर्यटन की इतनी संभावना भरी पड़ी है कि यह दुनिया भर के पर्यटकों को आकर्षित कर सकता है और क्षेत्र के हर युवा को रोजगार मिल सकता है, लेकिन हम इन संभावनाओं को एक्सप्लोर करने में असफल रहे हैं। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के दंश ने नॉर्थ ईस्ट पर इस तरह से अपनी पकड़ जमा ली है कि जितना भी पैसा विकास के लिए भेजा जाता है, विकास होता ही नहीं है। उन्होंने कहा कि नॉर्थ ईस्ट की इन सभी समस्याओं के समाधान के लिए पिछले तीन साल में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र की एनडीए सरकार ने कई योजनायें बनाई हैं।

भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि घुसपैठ, वोट बैंक की राजनीति और उग्रवादी समूहों का राजनीतिक उपयोग – इन तीनों ने नॉर्थ ईस्ट के विकास को डिरेल कर कर दिया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा-नीत एनडीए सरकार के लिए नॉर्थ ईस्ट का विकास सर्वाधिक प्राॅयोरिटी वाला कार्य है। उन्होंने कहा कि सबसे पहले तो नॉर्थ ईस्ट के लिए पॉलिसी में परिवर्तन हुआ है। नॉर्थ ईस्ट को देखने के दृष्टिकोण में बदलाव आया है और क्षेत्रवाद एवं अलगाववाद से ऊपर उठकर समग्र नॉर्थ ईस्ट की विशिष्टताओं को संभाल कर एकात्मकता के भाव के साथ पूर्वोत्तर के विकास पर ध्यान दिया गया है, इसलिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने नॉर्थ ईस्ट को अष्टलक्ष्मी का उपनाम दिया है। उन्होंने कहा कि डोनर मंत्रालय को प्रो-एक्टिव मंत्रालय बनाकर पूर्वोत्तर के विकास पर जोर दिया गया है। उन्होंने कहा कि काउंटर इंसरजेंसी के लिए केंद्र सरकार ने बहुत अच्छे कदम उठाये हैं। जहां ऑपरेशन की जरूरत पड़ी, वहां ऑपरेशन किया गया और जहां संवाद की आवश्यकता आन पड़ी, वहां संवाद भी किया गया। उन्होंने कहा कि 50 साल बाद जब भी नॉर्थ ईस्ट का इतिहास लिखा जाएगा, तब उस का सबसे पहला चैप्टर बांग्लादेश के साथ हुई लैंड बाउंड्री एग्रीमेंट से शुरू करना पड़ेगा क्योंकि बांग्लादेश के साथ लैंड बाउंड्री एग्रीमेंट होने से नॉर्थ ईस्ट के विकास को एक नई दिशा मिली है। उन्होंने कहा कि म्यांमार में सर्जिकल स्ट्रीक करके उग्रवाद पर काबू करने का कठोर संदेश देने का काम किया गया है। इसके साथ-साथ पूर्वोत्तर की सीमा से सटे बांग्लादेश, भूटान और म्यांमार के साथ अच्छे संबंध स्थापित करके भी भारतीय जनता पार्टी की मोदी सरकार ने एक्ट ईस्ट पॉलिसी का मैक्सिमम फायदा नॉर्थ ईस्ट के राज्यों को पहुंचाने का प्रयास किया है।

श्री शाह ने कहा कि नॉर्थ ईस्ट के सर्वांगीण विकास के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र की भाजपा-नीत एनडीए सरकार ने काफी अच्छा काम किया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की यूपीए सरकार के 13वें वित्त आयोग की तुलना में 14वें वित्त आयोग में मोदी सरकार ने नॉर्थ ईस्ट के विकास के लिए 258% अधिक धनराशि का आवंटन किया है। उन्होंने कहा कि 13वें वित्त आयोग में नॉर्थ ईस्ट को 87,628 करोड़ करोड़ रुपये मिले थे, जबकि 14वें वित्त आयोग में मोदी सरकार ने नॉर्थ ईस्ट के लिए 3,13,375 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है।

भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी मोरार जी देसाई के बाद एनईसी की बैठक में भाग लेने वाले शायद पहले प्रधानमंत्री हैं, इसी से उनकी पूर्वोत्तर के विकास की प्राथमिकता स्पष्ट हो जाती है। उन्होंने कहा कि हर 15 दिन में केंद्र सरकार के कोई-न-कोई मंत्री नॉर्थ ईस्ट में जरूर होते हैं। पूर्वोत्तर के विकास की मॉनिटरिंग प्रधानमंत्री जी स्वयं करते हैं। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर के युवाओं में उद्यमशीलता बढ़ाने के लिए पूर्वोत्तर उद्यम कोष्ठ की रचना की गई है। आईआईएम शिलांग में एपीजे अब्दुल कलाम सेंटर की स्थापना की गई है। ब्रह्मपुत्र रीजनल स्टडी सेंटर की स्थापना कर इसे गुवाहाटी सेन्ट्रल यूनिवर्सिटी के साथ जोड़ कर विकास को एक नया आयाम दिया गया है। ऑर्फ़न रोड को प्रायोरिटी के साथ कनेक्टिविटी लिंक बनाने का काम जोरों पर है। सिक्किम को छोड़कर आज पूरा नॉर्थ ईस्ट रेलवे से जुड़ गया है, जेएनयू में पूर्वोत्तर के छात्रों के लिए अलग से छात्रावास का निर्माण किया गया है। मणिपुर में स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी की स्थापना की गई है, साथ ही पूर्वोत्तर के राज्यों के बीच एयर कनेक्टिविटी पर भी काफी काम किया गया है। उन्होंने कहा कि सिक्किम भारत का सबसे पहला जैविक खेती करने वाला राज्य बना है, जिससे पूर्वोत्तर के किसानों की आय को बढ़ाने के लिए बहुत बड़ा कार्य हुआ है। उन्होंने कहा कि सिक्किम भारत का पहला ओपन डिफेक्शन फ्री स्टेट बना है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी के कर कमलों द्वारा आईआईटी गुवाहाटी का उद्घाटन किया गया है, इससे युवाओं के लिए बहुत बड़ी संभावना बनने वाली है। उन्होंने कहा कि त्रिपुरा से बांग्लादेश को जोड़ने वाली रेल लाइन की स्वीकृति देकर केंद्र की भाजपा सरकार ने नॉर्थ ईस्ट के विकास के लिए महत्त्वपूर्ण कदम उठाया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने नॉर्थ ईस्ट की दूरसंचार कनेक्टिविटी के लिए लगभग 5,336 करोड़ रुपये की योजना बनाई है। उन्होंने कहा कि 5576 मेगावाट की कुल 16 हाइड्रो पावर योजनाओं को गति देने का काम भी भारतीय जनता पार्टी की नरेन्द्र मोदी सरकार ने किया है।

उन्होंने कहा कि माजुली द्वीप के लिए 207 करोड़ रुपया अलग से आवंटित िकए गए हैं। उन्होंने कहा कि कपड़ा मंत्रालय द्वारा आयोजित नॉर्थ ईस्ट इन्वेस्टमेंट समिट 2017 में लोगों ने भारी संख्या में पूर्वोत्तर में इन्वेस्टमेंट के लिए रुचि दिखाई है। उन्होंने कहा कि मिजोरम, नागालैंड, सिक्किम और त्रिपुरा वर्ल्ड बैंक की योजनाओं में कैसे शामिल हो सके, इसके लिए भी बहुत अच्छी योजना तैयार की गई है। उन्होंने कहा कि भारत, म्यांमार और थाईलैंड के बीच प्रस्तावित 3200 किलोमीटर की हाईवे योजना पूर्वोत्तर भारत के लिए इन्वेस्टमेंट लाने का एक बहुत बड़ा रास्ता खोलने वाला है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र की एनडीए सरकार ने नॉर्थ ईस्ट के विकास के लिए कई महत्त्वपूर्ण कार्य किये हैं, लेकिन यह केवल एक शुरुआत भर है। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद 65 सालों तक पंडित जवाहरलाल नेहरू से लेकर मनमोहन सिंह की कांग्रेस सरकार (अधिकतर समय तक देश में कांग्रेस की सरकार रही) ने नॉर्थ ईस्ट के लिए जो किया है, उससे अनेक गुना काम सिर्फ तीन साल के अंदर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए सरकार ने कर के दिखाया है। उन्होंने कहा कि नॉर्थ ईस्ट के विकास के हमारे रोडमैप में नेडा अपनी महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा करेगी। उन्होंने कहा कि नेडा केवल एक राजनीति गठबंधन नहीं, बल्कि यह उत्तर पूर्व की सभी सभ्यताओं, संस्कृतियों और विविधताओं को समाहित करते हुए एक सांस्कृतिक मंच भी बने। नॉर्थ ईस्ट की सभी समस्याओं का निराकरण करते हुए एक विकास मंच भी बने, ऐसी हमारी कामना है। उन्होंने कहा कि नेडा के तत्त्वावधान में गुवाहाटी के अंदर नॉर्थ ईस्ट के डेवलपमेंट के लिए एक रिसर्च सेंटर बनाने की परिकल्पना पर तेजी से काम किया जाएगा, जो पूर्वोत्तर के विकास के लिए भारत सरकार में अपनी आवाज बुलंद करेगा। उन्होंने कहा कि नॉर्थ ईस्ट के सभी जनजातियों का, सभी भाषाओं का सांस्कृतिक संगम हो सके, इसके लिए नेडा के तत्त्वावधान एक सांस्कृतिक मंच भी गुवाहाटी में ही बनाया जाएगा। इसके माध्यम से पूर्वोत्तर के आठों राज्यों में एक सांस्कृतिक एकता का भाव कायम हो सकेगा, साथ ही यह शेष भारत के साथ भी एकात्म भाव से जुड़कर नॉर्थ ईस्ट के विकास के लिए काम हो सकेगा।

श्री शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी नॉर्थ ईस्ट को विकसित देखना चाहते हैं, भ्रष्टाचार से मुक्त देखना चाहते हैं, समृद्ध देखना चाहते हैं और अपनी सांस्कृतिक धरोहर को बनाए रखते हुए दुनिया भर के पर्यटकों को नॉर्थ ईस्ट में लाने के लिए प्रयास करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी को नेडा से भी काफी अपेक्षाएं हैं। उन्होंने कहा कि अभी पूर्वोत्तर के आठ राज्यों में से पांच राज्यों में नेडा के सदस्य मुख्यमंत्री हैं, मुझे भरोसा है कि आने वाले समय में पूर्वोत्तर के सभी आठ राज्यों में नेडा सरकार बनाने में सफल होगी।