दृढ़ इच्छाशक्ति की धनी मोदी सरकार

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देश के अनेक चिरलंबित समस्याओं का अत्यधिक कुशलता से समाधान करने के लिए मोदी सरकार को आने वाले समय में जाना जाएगा। ये इस प्रकार की समस्यायें थीं जिनका समाधान असंभव माना जाता था तथा राष्ट्र की प्रगति में बाधा बने हुए थे। इन समस्याओं के समाधान के लिए दृढ़ राजनैतिक इच्छाशक्ति, अटूट प्रतिबद्धता, पूर्ण समर्पण, दूरदर्शिता तथा हृदय में राष्ट्र सर्वोपरि की भावना की आवश्यकता थी। ये समस्यायें वोट–बैंक और तुष्टीकरण की राजनीति के कारण खड़ी की गई कई प्रकार की बाधाओं से और भी अधिक जटिल प्रतीत होती थीं। इन समस्याओं से समाज में अविश्वास एवं संदेह का वातावरण बना हुआ था, जिस कारण लोग निराशा और आशंकाओं से भरा जीवन जीने के लिए बाध्य थे। ऐसा लगता था कि भारत एक राष्ट्र के रूप में अपनी समस्याओं का निराकरण कर पाने में असमर्थ है तथा इतने प्रकार के अंर्तद्वंद्व एवं जटिलताओं को अपने में समेटे हुए हैं कि किसी भी क्षण कुव्यवस्था एवं अराजकता देश में घर कर सकती थी। परंतु प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के करिश्माई एवं दूरदर्शी नेतृत्व में जिस प्रकार से इन समस्याओं का समाधान निकाला गया है, उससे यह कहने में अब कोई संशय नहीं है कि देश प्रगति एवं विकास के पथ पर अब बढ़ चला है।

अंत्योदय के सिद्धांतों पर चलते हुए समाज के गरीब से गरीब व्यक्ति के कल्याणार्थ मोदी सरकार ने अनेक अभिनव कार्यक्रमों का शुभारंभ तो किया ही, साथ ही अनेक ऐसे राजनैतिक निर्णय लिये जिससे संपूर्ण देश में आशा एवं विश्वास के वातावरण का निर्माण हुआ है। राजनैतिक प्रतिबद्धता एवं दृढ़ इच्छाशक्ति का एक अद्भुत उदाहरण जिस प्रकार धारा 370 का संशोधन कर क्रियान्वित किया, उसमें देखा जा सकता है। यह माना जाता था कि कश्मीर समस्या का समाधान असंभव है तथा कश्मीर की जनता को शेष भारत की मुख्यधारा में लाना दुष्कर है। परंतु इस निर्णय से यह प्रमाणित हो गया कि असंभव को भी संभव किया जा सकता है। इसी प्रकार से ‘तीन तलाक’ के विषय पर तुष्टिकरण की राजनीति के अनैतिक दबाव से कांग्रेस की सरकारें निर्णय को टालती रही, परंतु मोदी सरकार के द्वारा न्यायालय में सुविचारित एवं स्पष्ट मत रखने के बाद मुस्लिम महिलाओं को न्याय मिला एवं करोड़ों मुस्लिम महिलाएं इस अमानवीय कुप्रथा से आजाद हो गईं। यहां तक कि श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए चल रहे न्यायिक प्रक्रिया पर भी निरंतर अवरोध उत्पन्न करने के प्रयास हुए, परंतु सर्वोच्च न्यायालय ने अपना स्पष्ट एवं सर्वसम्मत निर्णय देकर समाज में शांति एवं सद्भाव का वातावरण निर्माण किया है। एनआरसी का विषय जो लंबे समय से लंबित था उस पर भाजपा सरकार ने पूरी गंभीरता दिखाई है जो कि घुसपैठ समस्या का विशेषकर असम तथा पूरे देश में समाधान प्राप्त करने के लिए कृतसंकल्पित है। कई महत्वपूर्ण निर्णयों के माध्यम से मोदी सरकार ने देश में ‘वीआईपी संस्कृति’ पर भी कुठाराघात किये हैं। इन ऐतिहासिक निर्णयों से देश का राजनैतिक चित्र तीव्रता से परिवर्तित हो रहा है।

इस संसद सत्र में भी मोदी सरकार ने कई ऐतिहासिक निर्णय लिये हैं। संसद में एसपीजी कानून में संशोधन कर यह प्रमाणित किया गया है कि देश के कानून किसी एक परिवार विशेष के लिए न होकर लोकतांत्रिक मूल्यों एवं सिद्धांतों पर आधारित है। इसका उपयोग किसी के लिए ‘स्टेटस सिंबल’ के रूप में नहीं हो सकता, बल्कि आवश्यकताओं के अनुसार ही तय हो सकता है। इसी प्रकार से नागरिकता संशोधन कानून 2019 ऐतिहासिक गलतियों को सुधारने वाला है तथा पाकिस्तान, बांग्लादेश एवं अफगानिस्तान के पीड़ित अल्पसंख्यकों को बड़ी राहत देने वाला है। कांग्रेस एवं इसके सहयोगी दलों ने जिस प्रकार से इस विधेयक का विरोध करने का प्रयास किया है, उससे इन दलों की ‘वोट बैंक’ एवं तुष्टीकरण की राजनीति पुन: बेनकाब हुई है। कांग्रेस भारत विभाजन की अपनी ऐतिहासिक गलतियों के लिए प्रायश्चित करने से एक बार पुन: चूक गई है। आने वाले समय में भी देश की जनता कांग्रेस को और भी अधिक कड़े पाठ पढ़ायेगी। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का इन चिरलंबित समस्याओं का दृढ़ राजनैतिक इच्छाशक्ति के लिए सारा देश अभिनंदन कर रहा है। साथ ही, जिस प्रकार से देश के गृहमंत्री एवं भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह ने ‘नए भारत’ को जमीन पर उतारने के लिए अपने राजनैतिक कौशल का प्रदर्शन किया है, उसकी देश के कोने–कोने में भूरि–भूरि प्रशंसा हो रही है। अब समय आ गया है कि प्रतिबद्धता, समर्पण एवं कड़ी मेहनत से देश को नित नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए कोटि–कोटि जन कृतसंकल्पित हों।

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