मूडीज ने भारत की स्वायत्त क्रेडिट रेटिंग को ‘बा3’ से बढ़ाकर ‘बा2’ किया

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मूडी की निवेशक सेवा (मूडीज) ने 17 नवंबर को भारत सरकार की स्थानीय और विदेशी मुद्रा जारीकर्ता रेटिंग को उन्नत करते हुए बा3 (Baa3) से बा2 (Baa2) किया और रेटिंग के आउटलुक को बदलते हुए सकारात्मक से स्थिर की श्रेणी में कर दिया। भारत की क्रेडिट रेटिंग में 13 साल बाद यह सुधार हुआ है। भारत की स्वायत्त क्रेडिट रेटिंग में अंतिम सुधार जनवरी 2004 में बा3 (बा1 से) किया गया था।

भारत सरकार ने इस सुधार का स्वागत किया है और साथ ही विश्वास जताया है कि मूडीज के इस कदम से भारत सरकार द्वारा किए गए प्रमुख आर्थिक और संस्थागत सुधारों को मान्यता मिली है। इन सुधारों के अंतर्गत वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू करना; एक सही मौद्रिक नीति का ढांचा तैयार करना; सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के पुनर्पूंजीकरण के लिए उपाय और अर्थव्यवस्था में औपचारिकता और डिजिटलीकरण (जेएएम एजेंडा) लाने के लिए किए गए कई उपाय; विमुद्रीकरण, “आधार” प्रणाली पर आधारित बायोमेट्रिक खाता तथा लाभ का सीधा प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) के जरिए संबंधित व्यक्ति के खाते में हस्तांतरण।

मूडीज ने स्थिरता के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को भी मान्यता दी है जिसमें मुद्रास्फीति में कमी, घाटे में गिरावट और विवेकपूर्ण बाह्य संतुलन तथा सरकार के राजकोषीय समेकन कार्यक्रम शामिल हैं, जिसके परिणामस्वरूप राजकोषीय घाटा वर्ष 2013-14 में सकल घरेलू उत्पाद का 4.5 प्रतिशत से कम होकर वर्ष 2016-17 में 3.5 प्रतिशत और सामान्य सरकार ऋण पर भी गंभीर प्रभाव हुए हैं। सरकार मध्यावधि में राजकोषीय समेकन जारी रखने का इरादा रखती है।

मूडीज ने अपने बयान में कहा कि रेटिंग में सुधार देश की सरकार द्वारा लिए जा रहे निर्णयों, उनका अर्थव्यवस्था पर किस तरह का असर पड़ रहा है उन आधारों पर लिया जाता है। मूडीज ने कहा कि भारत ने पिछले कुछ समय में इन कदमों को उठाया है, मोदी सरकार सरकारी कर्ज को भी कम करने की ओर कदम उठा रही है।

मूडीज ने कहा कि सरकार ने जिस तरह के कदमों को उठाया है, उससे सरकारी कर्ज के वृद्धि का जोखिम कम हो गया है। रिपोर्ट का कहना है कि सरकार अभी कार्यकाल के बीच में है, यानी और भी बढ़े फैसलों की संभावना है। सरकार के द्वारा जो फैसले लिए जा रहे हैं उनसे व्यापार, विदेशी निवेश आदि की स्थिति भी बदलेगी।

मूडीज ने रिपोर्ट में कहा है कि भारत के द्वारा जिस तरह के आर्थिक सुधार के लिए फैसले लिए गए हैं, उससे दुनिया चौंक गई है। जीएसटी के कारण देश में अंतर्राज्यीय व्यापार में काफी फायदा मिलेगा। इसके अलावा आधार, डॉयरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर स्कीम जैसे सुधार, नॉन परफॉर्मिंग लोन और बैंकिंग सिस्टम में सुधार हुआ है।

मूडीज ने यह भी कहा कि मोदी सरकार के द्वारा जो सुधार किए गए हैं, उनका असर लंबे समय के बाद दिखेगा। मूडीज का अनुमान है कि भारत की जीडीपी ग्रोथ मार्च 2018 तक 6.7 फीसदी होगी। वहीं अनुमान है कि 2019 तक जीडीपी एक बार फिर 7.5 फीसदी तक पहुंचेगी।

आर्थिक सुधारों ने अर्थव्यवस्था को मजबूत किया: अरुण जेटली

मूडीज की इस नई रेटिंग पर वित्त मंत्री श्री अरुण जेटली ने कहा कि आर्थिक सुधार लागू करने के बाद मूडीज ने रेटिंग में सुधार किया है। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि पिछले कुछ सालों में सरकार ने जो कदम उठाए हैं उन सभी कदमों का नतीजा है, जिससे कि हमारे देश की अर्थव्यवस्था मजबूत हुई है। वित्त मंत्री ने कहा कि नोटबंदी और जीएसटी जैसे फैसले की मदद से भारतीय अर्थव्यवस्था को अधिक डिजिटल बनाने में मदद की, जिसे हमें आज दुनिया भर में मान्यता मिल रही है। उन्होंने कहा कि मूडीज रैंकिंग से एक अंतरराष्ट्रीय मान्यता स्वीकार हुई है। श्री जेटली ने कहा कि देश में जितने परिवर्तन आए हैं वह सभी एक दिशा में थे।