प्रधानमंत्री द्वारा राष्ट्रीय पुलिस स्मारक राष्ट्र को समर्पित

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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 21 अक्टूबर को पुलिस स्मारक दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय पुलिस स्मारक राष्ट्र को समर्पित किया। श्री मोदी ने राष्ट्रीय पुलिस स्मारक पर शहीदों को पुष्पांजलि अर्पित की। उन्होंने हॉट स्प्रिंग्स घटना के तीन जीवित सदस्यों को सम्मानित किया। श्री मोदी ने राष्ट्रीय पुलिस स्मारक के संग्रहालय का भी उद्घाटन किया और आगंतुक पुस्तिका में हस्ताक्षर किए।

इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने राष्ट्र की सेवा करने के लिए अपना जीवन न्यौछावर करने वाले पुलिस कर्मियों के साहस और बलिदान को सलाम किया। उन्होंने हॉट स्प्रिंग्स लद्दाख में बहादुरी से लड़ने वाले बहादुर पुलिस कर्मियों के बलिदानों को याद किया और उनके परिवार और प्रियजनों के प्रति सम्मान व्यक्त किया।

राष्ट्रीय पुलिस स्मारक राष्ट्र को समर्पित करने में खुशी जाहिर करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इस स्मारक की केंद्रीय मूर्तिकला पुलिस बलों की क्षमता, साहस और सेवा भावना का प्रतिनिधित्व करती है। उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्रीय पुलिस स्मारक से जुड़ी हर वस्तु देश के नागरिकों को पुलिस और अर्धसैनिक कर्मियों की बहादुरी के बारे में शिक्षित करेगी। उन्होंने कहा कि वर्तमान में देश जिस शांति, सुरक्षा और समृद्धि का आनंद उठा रहा है वह पुलिस, अर्धसैनिक और सशस्त्र बलों के लगातार प्रयासों के कारण ही संभव हुई है।

प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय आपदा मोचन बलों और राज्य आपदा मोचन बलों के योगदान का भी जिक्र किया और कहा कि पुलिस और अर्धसैनिक बल राष्ट्रीय आपदा मोचन बलों का महत्वपूर्ण अंग है और आपदाओं से निपटने में उनके योगदान बहुत महत्वपूर्ण हैं। राष्ट्रीय पुलिस स्मारक के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा इस स्मारक को एनडीए सरकार ने प्राथमिकता दी और इसे समय पर पूरा किया है। उन्होंने कहा कि यह स्मारक राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले व्यक्तियों को अधिक से अधिक सम्मान देने के सरकार के दृष्टिकोण को रेखांकित करता है।

प्रौद्योगिकी के महत्व पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री ने पुलिस बलों से अपने दैनिक कर्तव्य के निर्वहन में प्रौद्योगिकी और नवाचार को अपनाने का अनुरोध किया। इस संदर्भ में प्रधानमंत्री ने पुलिस बल आधुनिकीकरण योजना (एमपीएफ) का उल्लेख किया जो प्रौद्योगिकी, आधुनिक संचार प्रणालियों और आधुनिक हथियारों के माध्यम से पुलिस बलों का आधुनिकीकरण कर रही है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि पुलिस बलों को पुलिस और समाज के बीच के बंधन को मजबूत करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है। इस संबंध में प्रधानमंत्री ने पुलिस बलों से पुलिस स्टेशनों को नागरिकों के अधिक अनुकूल बनाने का आग्रह किया। राष्ट्रीय पुलिस स्मारक में केंद्रीय मूर्तिकला, कर्तव्य निभाते हुए अपने जीवन का बलिदान करने वाले पुलिसकर्मियों के नाम उत्कीर्ण हुई साहस और वीरता दर्शाने वाली दीवार तथा शहीद पुलिसकर्मियों की यादगार को समर्पित एक आधुनिक संग्रहालय शामिल है।

राष्ट्रीय पुलिस स्मारक

राष्ट्रीय पुलिस स्मारक का निर्माण दिल्ली स्थित शांतिपथ के उत्तरी छोर पर चाण्क्यपुरी में 6.12 एकड़ भूमि पर किया गया है। यह पुलिस स्मारक सभी राज्य/ केन्द्र शासित प्रदेश पुलिस बलों एवं केन्द्रीय पुलिस संगठनों का प्रतिनिधित्व करता है। 1947 से अभी तक 34,844 पुलिस जवान शहीद हो चुके हैं, जिनमें 424 पुलिस जवानों ने इसी वर्ष अपनी शहादत दी है। इनमें से कई बहादुर जवानों ने कश्मीर, पंजाब, असम, नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम जैसे विभिन्न क्षेत्रों एवं देश के वाम चरमपंथ क्षेत्रों में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अपनी जानें गवाई हैं।

इसके अतिरिक्त, बड़ी संख्या में पुलिस के जवान अपराध रोकने एवं कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने में शहीद हुए। एनपीएम ग्रेनाइट के एक टुकड़े से बनी केंद्रीय प्रस्तर प्रतिमा है जो 30 फीट ऊंचा पत्थर का खंभा है, जिसका वजन 238 टन है। इसका वजन और रंग सर्वोच्च बलिदान की गंभीरता का प्रतीक है। सभी 34,844 पुलिस जवानों के नाम शूरता की दीवार पर ग्रेनाइट पर उत्कीर्ण हैं। गौरतलब है कि 1959 में चीनी सैनिकों द्वारा लद्दाख में हॉट स्प्रिंग्स में मारे गये पुलिस जवानों की याद में प्रत्येक वर्ष 21 अक्टूबर को पुलिस स्मारक दिवस मनाया जाता है।