‘हमें विश्व में सबसे तेज गति से बढ़नेवाली अर्थव्यवस्था बनने से कोई रोक नहीं सकता’

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केंद्र में भारतीय जनता पार्टी की सरकार के गठन के बाद प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने शॉर्ट टर्म गेन की जगह लॉन्ग टर्म गेन के लिए नीतियां बनाने और उसके इम्प्लीमेंटेशन को प्राथमिकता दी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की नीतियां देश को 30 साल तक एक स्टेबल पॉलिसी देने की दिशा में आगे बढ़ रही है और सभी फैसले इसी लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में लिए जा रहे हैं।

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह ने 9 सितंबर को नई दिल्ली में आयोजित फिक्की की राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक को संबोधित किया और प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश की हो रही आर्थिक प्रगति पर विशेष रूप से चर्चा की। उन्होंने फिक्की से बदलते हुए सामयिक एवं आर्थिक परिप्रेक्ष्य में अपनी भूमिका में बदलाव लाने की भी वकालत की। उन्होंने कहा कि फिक्की ने अपनी स्थापना से लेकर आज तक भारत की अर्थव्यवस्था एवं औद्योगिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है। उन्होंने कहा कि फिक्की ने नीति-निर्धारकों और जिनके लिए नीतियां बनती हैं, उनके बीच एक सफल माध्यम बनने का सार्थक प्रयास किया है।

श्री शाह ने कहा कि 2014 से पहले 10 सालों तक देश में कांग्रेस-नीत यूपीए सरकार थी और इस सरकार के दौरान देश में सर्वत्र निराशा का माहौल था। उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार के दौरान अर्थव्यवस्था लगातार नीचे जा रही थी, विकास दर 4% के आस-पास आ गया था, वित्तीय घाटा 5% से ज्यादा हो गया था, करेंट एकाउंट डेफिसिट भी 5% के लगभग हो गई थी, महंगाई दर अपने चरम पर थी। साथ थी, घोटालों और भ्रष्टाचार ने देश को झकझोर कर रख दिया था। उन्होंने कहा कि उस वक्त सरकार की कोई विश्वसनीयता नहीं रह गई थी। हर मंत्री अपने आप को प्रधानमंत्री समझता था और प्रधानमंत्री को कोई प्रधानमंत्री मानने को तैयार ही नहीं था। उन्होंने कहा कि मीडिया वर्गों ने भी मान लिया था कि सरकार पॉलिसी पैरालिसिस से ग्रस्त है। उन्होंने कहा कि जहां एनडीए की श्री अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के समय पूरी दुनिया यह मानने लगी थी कि 21वीं सदी भारत की सदी है, वहीं यूपीए सरकार के समय देश का भविष्य अंधकारमय दिखाई देने लगा था। उन्होंने कहा कि ऐसी परिस्थिति में देश की जनता ने 30 साल बाद देश में एक पूर्ण बहुमत की सरकार का गठन किया और देश के विकास की बागडोर श्री नरेन्द्र मोदी के हाथों में सौंपने का फैसला किया। उन्होंने कहा कि आज फिर से दुनिया यह मानने लगी है कि 21वीं सदी भारत की सदी है।

भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि केंद्र में भारतीय जनता पार्टी की सरकार के गठन के बाद प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने शॉर्ट टर्म गेन की जगह लॉन्ग टर्म गेन के लिए नीतियां बनाने और उसके इम्प्लीमेंटेशन को प्राथमिकता दी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की नीतियां देश को 30 साल तक एक स्टेबल पॉलिसी देने की दिशा में आगे बढ़ रही है और सभी फैसले इसी लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में लिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने जीडीपी के प्रति सरकार के दृष्टिकोण को भी बदलने का काम किया है। उन्होंने कहा कि जीडीपी को पहले कृषि विकास सेवा और औद्योगिक विकास के साथ जोड़ा जाता था। इन्फ्रास्ट्रक्चर के महत्व को भी सीमित कर दिया गया था, हमने इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट को देश की जीडीपी के साथ जोड़ने का काम किया। उन्होंने कहा कि यदि सड़कों का निर्माण होता है, टॉयलेट बनते हैं, घरों में बिजली और गैस सिलिंडर पहुंचाए जाते हैं, तो लोगों के जीवन स्तर में सुधार होने के साथ-साथ देश की जीडीपी में भी बढ़ोतरी होती है।

श्री शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी मोदी के नेतृत्व में केंद्र की भारतीय जनता पार्टी ने देश के 30 करोड़ जन-धन अकाउंट ओपन कर समाज के गरीब-से-गरीब लोगों को देश के अर्थतंत्र की मुख्यधारा के साथ जोड़ने का सफल प्रयास किया है। मुद्रा बैंक के माध्यम से स्वरोजगार को रोजगार का नया आयाम दिया गया है। उन्होंने कहा कि युवा आज जॉब सीकर नहीं, जॉब क्रियेटर बनकर देश की अर्थव्यवस्था में योगदान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर में प्रत्यक्ष लाभार्थियों की संख्या 2014 में आठ करोड़ थी जो 2017 में 36 करोड़ को पार कर गई है। इतना ही नहीं डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर से सरकार को लगभग 59,000 करोड़ रुपये की बचत हुई है, जो पहले भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाता था। अकेले प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना में इस योजना के माध्यम से लगभग 14 हजार करोड़ रुपये की बचत हुई है।

भाजपा अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र की भाजपा सरकार ने एडमिनिस्ट्रेशन को कई प्रकार के द्वंद्वों से बाहर निकालने का काम किया है। उन्होंने कहा कि हमने यह सिद्ध करके दिखाया है कि शहरों के विकास के साथ-साथ गांवों का भी विकास किया किया जा सकता है और उद्योगों के साथ-साथ कृषि क्षेत्र का भी विकास किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि हमने जनप्रतिनिधि और अफसरशाही के बीच के द्वंद्व को भी ख़त्म किया है। हमने यह साफ कर दिया है कि पॉलिसी निर्माण का कार्य जन-प्रतिनिधि करेंगे तो उसकी इम्प्लीमेंटेशन की जिम्मेदारी नौकरशाहों की होगी। उन्होंने कहा कि हमने जहां वोट बैंक की परवाह किये बगैर रिफॉर्म्स को भी दृढ़ता के साथ लागू किया है। वहीं कल्याण राज्य के निर्माण के लिए कई जनोपयोगी योजनाओं की भी नींव रखी है। उन्होंने कहा कि जब सरकार नीतियां नहीं बनाती और नीतियों की जरूरत के हिसाब से समयानुकूल परिवर्तन नहीं करती तो अर्थव्यवस्था की गति मंद पड़ना स्वाभाविक है। उन्होंने कहा कि केंद्र में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद से नीतिगत फैसले लेने शुरू किये गए। उन्होंने कहा कि अकेले नीति आयोग की रचना ने ही देश के फेडरल स्ट्रक्चर के बारे में काफी गुणात्मक परिवर्तन किया है – पहले राज्य मदद के लिए वित्त आयोग के पास आया करते थे, अब नीति आयोग राज्यों के पास जाता है। उन्होंने कहा कि हर क्षेत्र में एजुकेशन हो, इंडस्ट्री हो, इश्यू हो – नीति आयोग ने हर क्षेत्र में एक सकारात्मक भूमिका अदा किया है।

‘प्रगति’ कार्यक्रम का ख़ास तौर पर जिक्र करते हुए श्री शाह ने कहा कि मैं इस कार्यक्रम के बारे में जरूर बात करना चाहूंगा। उन्होंने कहा कि ‘प्रगति’ कार्यक्रम को जितनी प्रसिद्धि मिलनी चाहिए थी, उतनी नहीं मिल पाई है। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम के तहत प्रधानमंत्री जी स्वयं हर 15 दिन में एक बार सभी राज्यों के मुख्य सचिवों के साथ देश भर में रुके हुए प्रोजेक्ट्स के बारे में बात करते हैं और इसमें आ रही दिक्कतों को दूर कर के इन योजनाओं को गति देते हैं। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम की बदौलत देश की अर्थव्यवस्था को काफी गति मिली है। सड़क बनाने की गति लगभग दुगुनी हो गई है। एनवायरनमेंट एंड फ़ॉरेस्ट क्लीयरेंस में पहले 600 दिन लगते थे, अब महज 180 दिन लगते थे, हम इसे और कम करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। पहले कोयले एवं खनिज खदानों की नीलामी के लिए कोई पॉलिसी नहीं थी, लेकिन आज MMDR में संशोधन और पारदर्शी नीलामी की प्रक्रिया के कारण हमारे कार्यकाल में एक भी केस नहीं हुआ है, सारी कोयले खदानें उत्पादन कर रही हैं, यही कारण है कि आज भारत बिजली के क्षेत्र में सरप्लस है।

भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि एफडीआई को सरल बनाने की दिशा में भी मोदी सरकार ने कई कदम उठाये हैं। उन्होंने कहा कि आपसी सहयोग से नीतिगत फैसलों को क्रियान्वयित करने का सबसे बड़ा उदाहरण जीएसटी का लागू होना है। उन्होंने कहा कि कोई यह मानने को तैयार नहीं था कि इतने बड़े देश में, विविधताओं, कई सारी राजनीतिक पार्टियों एवं विभिन्न विचारों के चलते जीएसटी भारत में लागू भी हो सकता है। उन्होंने कहा कि सबको साथ लेकर, सभी राज्यों से बात करके हम देश में ‘एक राष्ट्र, एक कर’ के स्वप्न को साकार करने में सफल हुए। उन्होंने कहा कि देश की आजादी के पास देश के पश्चिमी हिस्से की तरह देश के पूर्वी हिस्से का विकास नहीं हो पाया और एक ही देश में एक हिस्सा मैनुफैक्चरिंग और दूसरा हिस्सा कंज्यूमर हब बन कर रह गया, लेकिन आज ‘जीएसटी’ के बाद से आने वाले समय में देश में समान विकास की परिकल्पना साकार हो सकेगी। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश के साथ सीमा विवाद हल हो जाने से पूर्वोत्तर के विकास में आ रही बाधाओं को पार करने में अच्छी सफलता प्राप्त होगी।

श्री शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र की भारतीय जनता पार्टी सरकार लोगों को अच्छे लगने वाले फैसले लेने की जगह लोगों के लिए अच्छे फैसले लेने में यकीन रखती है। उन्होंने कहा कि हमने नीतिगत निर्णय को वोट बैंक के साथ कभी नहीं जोड़ा। हमने देश के अर्थतंत्र को आगे बढ़ाने के लिए कुछ कठोर एवं जरूरी फैसले लेने का काम किया है, विमुद्रीकरण इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। उन्होंने कहा कि डिमोनेटाइजेशन के कारण फॉर्मल इकोनॉमी बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि मॉरीशस-सिंगापुर-साइप्रस रूट को बंद कर और दोहरे कराधान के करारों का पुनर्मूल्यांकन कर के कालेधन पर नकेल कसने का काम केंद्र की भारतीय जनता पार्टी ने किया है। उन्होंने कहा कि हमने अपनी दिक्कतों के बावजूद कैसे में राजनीतिक चंदे की सीमा को 2,000 रुपये तक सीमित कर दिया है। उन्होंने कहा कि हम देश की राजनीतिक एवं चुनावी व्यवस्था में से काले धन को बाहर निकालना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि आजादी के 70 साल बाद भी किसी पॉलिटिकल पार्टी ने इस दिशा में इतना बड़ा प्रयास नहीं किया, जितना गंभीर प्रयास भारतीय जनता पार्टी की मोदी सरकार ने किया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हम एक ऐसा देश बनाने का प्रयास किया है, जिसमें अगली पीढ़ी को प्रगतिशील एवं भ्रष्टाचार-मुक्त भारत के अंदर विकास करने का मौक़ा मिले और शेष विश्व के साथ प्रतिस्पर्द्धा कर सके।

भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि हमने फिस्कल डेफिसिट को 3% के पास लाकर वित्तीय घाटे को करने में सफलता प्राप्त की है। हमने राज्यों को एम्पावर करके उन्हें देश के विकास में जोड़ा है। उन्होंने कहा कि हमने हर क्षेत्र में दो से तीन गुना वृद्धि करने के बावजूद फिस्कल डेफिसिट को काबू में रखने का सफल प्रयास किया है। शेयर बाजार सूचकांक अब तक के सर्वोच्च स्तर पर है। साथ ही, सरकार ने बैंकों के बैलेंस को भी क्लियर करने का प्रयास किया है। एनपीए के मुद्दे पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि किसी भी रोग को छुपाने से रोग का समाधान नहीं हो सकता, यदि एनपीए की समस्या है तो इसका समाधान किया जाना चाहिए। इसे छुपाने से कोई फायदा नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि बैलेंस शीट की जगलरी करने से एनपीए की समस्या का समाधान नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि हम एनपीए को रिकॉर्ड पर लेकर आये हैं। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद अब तक देश के किसी भी नेता में एनपीए को स्पष्ट तरीके से बैलेंस शीट में लाने का साहस नहीं था, जो प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने किया है। उन्होंने कहा कि एनपीए को बैलेंस शीट में लाकर बैंकिंग व्यवस्था को सुधारने का बहुत बड़ा कदम मोदी सरकार ने उठाया है। उन्होंने कहा कि एनपीए का एक भी एकाउंट हमारे समय का नहीं है, ये सभी हमें विरासत में मिले हैं। उन्होंने कहा कि स्टार्ट-अप एवं स्टैंड-अप इंडिया से भी देश की अर्थव्यवस्था को काफी गति मिलेगी।

श्री शाह ने कहा कि रोड, रेलवे, पोर्ट, हाउसिंग – इन सभी को लक्ष्य बना कर डेवलपमेंट को मोदी सरकार ने आगे बढ़ाने का काम किया है। उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार के समय प्रतिदिन लगभग 69 किलोमीटर के हिसाब से ग्रामीण सड़कों का निर्माण होता था, जबकि आज प्रतिदिन 133 किलोमीटर के हिसाब से हो रहा है। यूपीए के समय 4.3 किलोमीटर प्रतिदिन के हिसाब से रेल लाइंस बिछाई जाती थी, आज 7.9 किलोमीटर प्रतिदिन के हिसाब से निर्माण हो रहा है। उन्होंने कहा कि यूपीए II के पांच वर्षों में रेलवे में जितना निवेश हुआ, उसका दोगुना केवल मोदी सरकार के दो साल के अंदर हुआ। उन्होंने कहा कि ऊर्जा के क्षेत्र में भी भारत ने मोदी सरकार के तीन सालों में काफी प्रगति की है। कोयले और बिजली के क्षेत्र में हम आज सरप्लस हैं, सारे डिस्कॉम को लॉस से बाहर निकाला गया है, बिजली से वंचित 18 हजार गांवों में से 14 हजार गांवों में बिजली पहुंचाने का काम पूरा कर लिया गया है। 2018 तक हर गांव और 2022 तक देश के हर घर में बिजली पहुंचाने का काम पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सागरमाला प्रोजेक्ट्स पूरा होने के बाद बंदरगाहों के विकास से देश की अर्थव्यवस्था में बहुत बड़ा बदलाव आयेगा। उन्होंने कहा कि उड़ान योजना के माध्यम से आने वाले समय में एवियेशन सेक्टर में लगभग दो से तीन गुनी वृद्धि देखने को मिलेगी। उन्होंने कहा कि देश में एयरक्राफ्ट की संख्या में भी वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार बनने के पहले देश में ऑप्टिक फाइबर की कुल लेंथ 358 किलोमीटर थी, जबकि आज 2,00000 किलोमीटर ऑप्टिक फाइबर डालने का काम समाप्त हो चुका है, हमने तय किया है कि 2022 तक देश के हर गांव को ऑप्टिक फाइबर से जोड़ने का काम पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि हाउसिंग क्षेत्र में भी काफी डेवलपमेंट हुए हैं।

पिछले तीन साल में 22 लाख घर बनाने का काम शुरू कर दिया गया है और अगले एक साल के अंदर और 22 लाख घर बनाने की शुरुआत कर देंगे। उन्होंने कहा कि हमने लक्ष्य रखा है कि 2022 तक देश के हर व्यक्ति के पास अपना घर हो। उन्होंने कहा कि केंद्र एवं राज्य सरकारों ने पिछले तीन साल में लगभग 7,000 फैसले किये हैं, जिससे ईज ऑफ़ डूइंग बिजनेस की रैंकिंग में काफी सुधार आया है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के इन आर्थिक फैसलों के कारण देश की अर्थव्यवस्था की विकास दर में काफी वृद्धि हुई है। इंटरेस्ट रेट को 6% तक लाने में हम सफल हुए हैं, सीपीआई (महंगाई) को 5% तक सीमित किया है। उन्होंने कहा कि करेंट एकाउंट डेफिसिट को -4.80 से -0.6 तक लाने में हम सफल हुए हैं। विदेशी मुद्रा भंडार 3.91 बिलियन डॉलर के साथ अब तक के सर्वोच्च शिखर पर है और एफडीआई इनफ्लो 3.7 बिलियन डॉलर से बढ़ कर 6.3 बिलियन डॉलर पहुंचा है। उन्होंने कहा कि आजादी से लेकर केंद्र में मोदी सरकार के गठन होने तक देश में कुल टैक्स पेयर्स की संख्या महज 3.7 करोड़ थी, जबकि मोदी सरकार के तीन साल में ही यह आंकड़ा बढ़ कर 6.3 करोड़ हो गया है, यही बताता है कि देश की आर्थिक विकास के प्रति हमारी प्रतिबद्धता क्या है।

भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सबसे बड़ी उपलब्धि देश के सोचने के स्केल में बदलाव लाना है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी की सरकार के कारण आज दुनिया भर में एक ब्रांड इंडिया की सोच डेवलप हुई है। उन्होंने कहा कि ब्रांड इंडिया के निर्माण का काम सरकार का है, लेकिन इसे एनकैश करने का कम फिक्की और उद्योग जगत से जुड़े संगठनों का है। उन्होंने कहा कि जिन देशों के अंदर किसी एक दशक के अंदर सबसे अधिक औद्योगिक विकास में औद्योगिक संगठनों ने क्या भूमिका निभाई है, इसकी एक स्टडी होनी चाहिए और उसमें हम कहां खड़े हैं, यह देखना चाहिए। उन्होंने कहा कि फिक्की जैसे उद्योग संगठनों को रिसर्च एंड डेवलपमेंट के लिए कंसोर्टियम बनाना चाहिए, ताकि पेटेंट रजिस्ट्रेशन और इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स से होने वाले मुनाफे का लाभ देश को मिल सके। उन्होंने कहा कि आज भी दुनिया में कैसे ऐसे छोटे-छोटे देश हैं जहां भारतीय औद्योगिक कम्पनियां इन्वेस्ट करके व्यवसाय कर सकती है। हमें मैनुफैक्चरिंग सेक्टर में काम करने की जरूरत है, हम आज उस जगह पर खड़े हैं जहां भारतीय कम्पनियां नई संभावनाओं को एक्सप्लोर कर सकती हैं। उन्होंने कहा कि उद्योग जगत से जुड़े संगठनों को एक अलग डायमेंशन से भी सोचने की जरूरत है। अगर हम यह नहीं करेंगे तो आने वाले दिनों में ब्रांड इंडिया का जितना फायदा होना चाहिए, उतना हमें नहीं मिल पायेगा। उन्होंने कहा कि भारत सरकार देश को 125 करोड़ का मार्केट बनाने का प्रयास कर रही है, यह अपने आप में बहुत बड़ी ताकत है। इस लक्ष्य को हम ‘मेक इन इंडिया’ के माध्यम से प्राप्त कर सकते हैं, लेकिन इस पर हमें काफी सारा आर एंड डी करने की जरूरत है।

श्री शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत की अर्थव्यवस्था का भविष्य बहुत सुंदर है। हमें विश्व में सबसे तेज गति से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बनने से कोई नहीं रोक सकता। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र की भारतीय जनता पार्टी सरकार रिफॉर्म्स से भी कई कदम आगे बढ़ कर ट्रांसफॉर्मेशन में यकीन रखती है। हम सोच के साथ – साथ कार्यप्रणाली में भी आमूल-चूल परिवर्तन करना चाहते हैं और सभी फैसले सोच समझकर देश हित में लिए गए हैं।