स्वभाव से ही लोकतांत्रिक है ‘हमारा देश’

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राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर प्रधानमंत्री का उत्तर: राज्यसभा

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 8 फरवरी को राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव का उत्तर दिया। श्री मोदी ने कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण से कठिन चुनौतियों का सामना कर रहे विश्व में आशा और आत्मविश्वास का संचार हुआ है। उन्होंने कहा कि भारत आज अवसरों की भूमि बन गया है और पूरे विश्व की नजरे उसी पर टिकी हैं।

राष्ट्रपति के अभिभाषण पर राज्यसभा में धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का उत्तर देते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि आज जब भारत अपनी आजादी के 75वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है, तो हमें इसे प्ररेणा के महोत्सव के रूप में मनाना चाहिए और 2047 के भारत, जबकि वह अपनी आजादी के 100 साल पूरे कर लेगा, के संबंध में अपने दृष्टिकोण के प्रति खुद को समर्पित करना चाहिए।

श्री मोदी ने कहा कि कोविड महामारी पर प्रभावी नियंत्रण पा लेना किसी एक पार्टी या किसी एक व्यक्ति की सफलता नहीं है, बल्कि यह एक देश की सफलता है और इसे ऐसे ही मनाना चाहिए। भारत ने वह दिन भी देखे हैं, जब पोलियो और चेचक के खतरे हमारे सामने थे। कोई नहीं जानता था कि भारत को इसका टीका मिलेगा या नहीं और कितने लोगों को यह उपलब्ध होगा।

उन्होंने कहा कि उन दिनों से हम आज तक का सफर तय कर चुके हैं, जब हमारा देश पूरे विश्व के लिए टीका बना रहा है और विश्व का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान चला रहा है। यह हमारे आत्मविश्वास को बढ़ाने वाली बात है। कोविड-19 काल ने हमारे संघीय ढांचे को और अधिक मजबूती दी है और इसमें सहकारी संघवाद का मिश्रण किया है।

नेताजी सुभाष चंद्र बोस का उदाहरण देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय राष्ट्रवाद न तो संकीर्ण है, न स्वार्थी है और न ही अक्रामक है, बल्कि यह ‘सत्यम् शिवम् सुन्दरम्’ की अवधारणा पर अवस्थित है। उन्होंने कहा कि भारत सिर्फ विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र ही नहीं, बल्कि ‘लोकतंत्र की जननी’ है और यही हमारा लोकाचार है। हमारा देश स्वभाव से ही लोकतांत्रिक है।

उन्होंने कहा कि कोरोना काल में जहां अन्य देश विदेशी निवेश से वंचित रहे, वहीं भारत ने इस दौरान रिकॉर्ड निवेश प्राप्त किया। श्री मोदी ने हमारे देश की विदेशी मुद्रा, विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई), इंटरनेट सघनता और डिजिटल तथा वित्तीय समायोजन, शौचालयों का विस्तार, वहनीय आवास, एलपीजी कवरेज और नि:शुल्क चिकित्सकीय उपचार के मामले में उपलब्धियां गिनाईं।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत अब तक किसानों को 90,000 करोड़ रुपये के दावों का भुगतान किया गया है। किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड, मृदा स्वास्थ्य कार्ड और किसान सम्मान निधि से भी बहुत लाभ हुआ है। प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत जब सड़क सम्पर्क में सुधार होता है, तो किसानों को अपने उत्पादों को दूर तक ले जाने में मदद मिलती है।

श्री मोदी ने युवा शक्ति के महत्व को रेखांकित किया और कहा कि युवा शक्ति को मजबूत बनाकर देश के भविष्य को उज्ज्वल बनाया जा सकता है। उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति को शीघ्र अंगीकार किए जाने की भी प्रशंसा की।

उन्होंने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था को वापस पटरी पर लाने और उसकी तरक्की के लिए सूक्ष्म, लघु और मझौले उद्यमों को आगे बढ़ाने की बहुत जरूरत है, क्योंकि उनमें रोजगार प्रदान करने की बहुत संभावनाएं हैं। यही वजह है कि कोरोना काल में उन पर विशेष ध्यान देते हुए उन्हें प्रोत्साहन पैकेज दिया गया।

‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ की अवधारणा का उल्लेख करते हुए श्री मोदी ने उन कदमों के बारे में बताया जो पूर्वोत्तर और नक्सल प्रभावित इलाकों को विकास की मुख्यधारा में लाने के लिए उठाए गए। उन्होंने कहा कि इन इलाकों में हालात में सुधार हुआ है और वहां नए-नए अवसर भी पैदा हो रहे हैं।