नहीं रहे पी. परमेश्वरन

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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के वरिष्ठ प्रचारक और प्रख्यात िवचारक श्री पी. परमेश्वरन का 9 फरवरी, 2020 को 91 वर्ष की आयु में निधन हो गया।

श्री परमेश्वरन, जिन्होंने जनसंघ के दिनों में पं. दीनदयाल उपाध्याय जी, श्री अटल बिहारी वाजपेयी और श्री लालकृष्ण आडवाणी जैसे नेताओं के साथ काम किया था, उन्हें 2018 में देश के दूसरे सबसे बड़े नागरिक पुरस्कार पद्म विभूषण और 2004 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया था।

श्री परमेश्वरन एक बेहतरीन लेखक होने के साथ ही एक कवि और शोधकर्ता भी थे। वह भारतीय जनसंघ के सचिव (1967-1971) और उपाध्यक्ष (1971-1977) रहे। साथ ही दीनदयाल शोध संस्थान (1977-1982) नई दिल्ली के निदेशक भी थे। 1927 में अलप्पुझा जिले के मुहम्मा में जन्मे श्री परमेश्वरन अपने छात्र जीवन के दौरान ही आरएसएस से जुड़े गए थे। आपातकाल की खिलाफत करने लिए उन्होंने अखिल भारतीय सत्याग्रह में भाग लिया, जिसके परिणामस्वरुप उनकी गिरफ्तारी हुई और उनको 16 महीने जेल में बिताने पड़े। परमेश्वरन ने 1982 में केरलवासियों के बीच राष्ट्रवादी विचारों को बढ़ावा देने के लिए भारतीय विचार केंद्र की स्थापना की।

श्री परमेश्वरन ने अपने जन्मस्थान पर स्कूली शिक्षा प्राप्त करने के बाद सेंट बर्चमंस कॉलेज, चंगनाचेरी में अपनी पढ़ाई जारी रखी और यूनिवर्सिटी कॉलेज, तिरुवनंतपुरम से प्रथम श्रेणी में बीए (ऑनर्स) इतिहास की परीक्षा में उत्तीर्ण हुए। बचपन से ही उनका हिंदू धर्म के अध्ययन की ओर बड़ा झुकाव था। वह अधिकांश हिंदू सामाजिक और सांस्कृतिक संगठनों के साथ आत्मीयता से जुड़े हुए थे।

प्रधानमंत्री ने शोक व्यक्त किया

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने दीर्घानुभवी सामाजिक कार्यकर्ता पी. परमेश्वरन के निधन पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि “श्री पी. परमेश्वरन भारत माता के एक प्रतापी और समर्पित पुत्र थे। उनका जीवन भारत के सांस्कृतिक जागरण, आध्यात्मिक उत्थान और गरीब से गरीब लोगों की सेवा करने के लिए समर्पित था। परमेस्वरन जी के विचार विपुल थे और उनकी लेखनी उत्कृष्ट थी। वह अदम्य थे।

श्री परमेश्वरन के निधन के समाचार से अत्यंत दु:खी प्रधानमंत्री ने कहा कि परमेश्वरन जी एक निर्माता थे, जिन्होंने भारतीय विचार केंद्र, विवेकानंद केंद्र और ऐसे ही अन्य प्रख्यात संस्थानों का कुशलतापूर्वक संचालन किया। उन्होंने कहा कि मुझे उनके साथ कई बार चर्चा करने का अवसर मिला और इसके लिए मैं स्वयं को भाग्यशाली मानता हूं। वह एक श्रेष्ठ बुद्धिजीवी थे।

एक अपूरणीय क्षति: जगत प्रकाश नड्डा

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जगत प्रकाश नड्डा ने अपने इस नेता के निधन पर कहा, “हमारे वरिष्ठ आरएसएस प्रचारक और पद्म विभूषण श्री पी. परमेश्वरन जी का निधन समाज के लिए एक अपूरणीय क्षति है। वह भारतीय विचार केंद्र और कई अन्य संस्थानों के संस्थापक थे। उन्होंने कई लोगों के जीवन को प्रेरित किया।”

परमेश्वरन एक महान समाज सुधारक और एक सच्चे राष्ट्रवादी थे: अमित शाह

केंद्रीय गृहमंत्री श्री अमित शाह ने श्री परमेश्वरन के निधन पर एक ट्वीट कर कहा, “वरिष्ठ प्रचारक और पद्म विभूषण पी. परमेश्वरन जी के निधन के बारे में जानकर बेहद दु:खी हूं। वह एक महान समाज सुधारक और सच्चे राष्ट्रवादी थे जिन्होंने अपना पूरा जीवन राष्ट्र और मानवता की सेवा में समर्पित कर दिया। उनका निधन समाज के लिए एक अपूरणीय क्षति है। ओम शांति।” उन्होंने कहा कि “परमेश्वरन जी भारतीय विचार केंद्र के निदेशक और विवेकानंद केंद्र के अध्यक्ष थे। सामाजिक, सांस्कृतिक, धार्मिक और राष्ट्रीय मुद्दों पर उनके लेखन और विचार अद्वितीय थे। आपातकाल के दौरान लोकतंत्र को बहाल करने में उनके योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा। ”