कुम्हार सशक्तिकरण योजना देश की पारंपरिक कला को पुनर्जीवित करने की दिशा में एक अभूतपूर्व पहल : अमित शाह

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केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने 30 सितंबर, 2020 को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से गांधीनगर लोकसभा क्षेत्र के 20 गांवों के 200 प्रशिक्षित परिवारों के कुम्हार को विद्युत चालित चाक वितरित किए। इस अवसर पर श्री अमित शाह ने कहा कि समाज के गरीब व वंचित वर्ग को सशक्त कर उन्हें विकास की मुख्यधारा से जोड़ना मोदी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। पंडित दीनदयाल उपध्याय जी ने कहा था गरीबों के घर में दिए जलाने से और उन्हें रोजगारी देने से बड़ा काम कोई नहीं है। विद्युत चालित चाक के वितरण से अहमदाबाद जिले के प्रजापति समाज के 200 परिवारों को नई दिशा मिलने जा रही है।

श्री शाह ने कहा कि कुम्हार सशक्तिकरण योजना देश की पारंपरिक कला को पुनर्जीवित करने की दिशा में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की एक अभूतपूर्व पहल है। खादी और ग्रामोद्योग आयोग ने कुम्हार भाइयों-बहनों को प्रशिक्षित कर अन्य उपकरण भी वितरित किये हैं जिससे उनका काम सरल होगा और समय की बचत के साथ साथ उनके उत्पादन व आय में वृद्धि होगी।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी ने स्वदेशी वस्तुओं के उपयोग पर ज़ोर दिया है। आज पर्यावरण के प्रति लोगों में जागृति आ रही है, घरों में मिट्टी के बर्तनों का उपयोग बढ़ रहा है। लोग रोटी बनाने के लिए लोहे की जगह मिट्टी के तवे का उपयोग करने लगे हैं। लोगों ने फ्रीज के पानी की जगह मटके का पानी पीना शुरू किया है। श्री शाह ने यह भी कहा कि रेलवे स्टेशन और दूसरी जगह प्लास्टिक की चीजों का उपयोग बंद कर के कुल्हड़ और मिट्टी के दीए जैसी वस्तुएं पहुंचाने का प्रयास किया गया है, जिससे रोजगार को खूब बढ़ावा मिलेगा। कुछ दिनों में नवरात्रि भी आ रही है। उसके बाद शरद पूनम और दिवाली के त्योहार आएंगे, इसलिए दीयों और मिट्टी की अन्य वस्तुओं की खपत बढ़ेगी।

श्री शाह ने खादी और ग्रामोद्योग आयोग से रेलवे के साथ प्रजापति समाज का टाई अप कराने की अपील की, ताकि वे एक संस्था बनाकर रेलवे को अपनी वस्तुएं बेच सकें। उन्होंने कहा कि गुजरात में सहकारी मॉडल मजबूत है। तालुका स्तर की सहकारी संस्था प्रजापति समाज से कुल्हड़ खरीदे इससे सामान बेचने के लिए बाहर जाने की जरुरत नहीं पड़ेगी।

इससे पहले श्री अमित शाह ने 24 जुलाई को गांधीनगर ज़िले के बालवा गांव के 40 कुम्हार परिवारों को विद्युत चालित चाक वितरित किए थे। इस योजना के अंतर्गत अब तक गुजरात के 840 कुम्हार परिवारों को विद्युत चालित चाक दिये गए हैं, जिससे उन्हें उनके गृह स्थान पर ही रोजगार उपलब्ध हुआ है।

गांधीनगर और अहमदाबाद में बड़ी संख्या में कुम्हार परिवार रहते हैं जो अपनी परंपरागत चाक पर मिट्टी के बर्तन, दीये और गमले आदि बनाकर उन्हें राजस्थान, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में बेचते हैं। ऐसे प्रशिक्षित कुम्हार परिवारों को विद्युत चालित चाक दिये जाने से उनकी उत्पादन क्षमता बढ़ने के साथ ही उनकी आय में वृद्धि भी हुई है। कुम्हार सशक्तिकरण योजना के फलस्वरूप उनकी आय 2,500-3,000 रुपये प्रतिमाह से बढ़कर 10,000 रुपये प्रतिमाह तक हो गई है।

भारत सरकार के खादी और ग्रामोद्योग आयोग की कुम्हार सशक्तिकरण योजना के तहत सभी लाभार्थियों को 10 दिन का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। साथ ही कुम्हार परिवारों को ब्लंजर मशीन तथा पग मिल भी वितरित किए जा रहे हैं, जिससे मिट्टी को मिलाने का काम आसान होगा और कम समय में ज्यादा मिट्टी तैयार की जा सकेगी। विद्युत चालित चाक पर कुम्हार चाक की गति को भी नियंत्रित कर सकेंगे जिससे काम करना सरल होगा तथा उत्पादन में वृद्धि होगी।