85,429 करोड़ का बजट पेश, 100 प्रखंडों में कोल्ड रूम खोला जाएगा

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झारखंड विधानसभा में 22 जनवरी को वित्तीय वर्ष 2019-20 का मूल बजट मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने करीब 85,429 करोड़ रु. का पेश किया। इस बार के बजट में 6182.44 करोड़ रुपये के चाइल्ड बजट का प्रावधान किया गया। बजट के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा-अटल बिहारी बाजपेयी के सपनों का झारखंड बनाना है। किसानों की आय दुगुनी करने का लक्ष्य है। किसानों की आर्थिक सहायता के लिए मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना की शुरुआत की गई है। 100 प्रखंडों में कोल्ड रूम खुलेगा। श्री रघुवर दास लगातार पांचवीं बार बजट पेश करने वाले राज्य के पहले मुख्यमंत्री हैं।

बजट की मुख्य बातें

– वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए 85 हजार 429 करोड़ रुपए का बजट पेश किया गया, जिसमें राजस्व व्यय के लिए 65 हजार 803 करोड़ रुपए एवं पूंजीगत व्यय के लिए 19 हजार 626 करोड़ रुपए का प्रस्ताव है। सामान्य प्रक्षेत्र के लिए 23 हजार 377, सामाजिक प्रक्षेत्र के लिए 28 हजार 882 करोड़ रुपए तथा आर्थिक प्रक्षेत्र के लिए 33 हजार 170 करोड़ रुपए उपबंधित किए गए हैं।

-वित्तीय वर्ष 2018-19 में 8.73 प्रतिशत वृद्धि के साथ प्रति व्यक्ति आय 83 हजार 513 रुपए का आकलन है, जो वित्तीय वर्ष 2018-19 में 76 हजार 806 रुपए और 2019-18 में 70 हजार 728 रुपए था। वित्तीय वर्ष 2019-20 में राजकोषीय घाटा 7 हजार 155.63 करोड़ रुपए होने का अनुमान है, जो कि आगामी वित्तीय वर्ष के अनुमानित जीएसडीपी का 2.26 प्रतिशत है।

– राज्य के किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य रखा गया है। कृषि, पशुपालन, सहकारिता, गव्य, मत्स्य, लाह, तसर, मुर्गी पालन, अंडा उत्पादन, हस्तशिल्प, ऊर्जा एंव सिचाई प्रक्षेत्रों को कवरेज करते हुए पहली बार वर्ष 2016-17 में कृषि बजट की परिकल्पना की गई थी। वित्तीय वर्ष 2019-20 में प्रस्तावित कृषि बजट 7 हजार 231.40 करोड़ रुपए है जो पिछले वर्ष की तुलना में 24.51 प्रतिशत अधिक है।

-वित्तीय वर्ष 2018-19 में अनुसूचित जनजाति एवं अनुसूचित जाति विकास बजट 24,410.06 करोड़ रुपए था। 2019-20 में ये बजट बढ़कर 27,142.60 करोड़ रुपए कर दिया गया है जो कि पिछले वर्ष की तुलना में 11.19 प्रतिशत अधिक है। 2019-20 के बजट में बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए 6182.44 करोड़ रुपये के चाइल्ड बजट का प्रावधान किया गया है। आगामी वित्तीय वर्ष के लिए जेंडर बजट के रूप में 8,898.47 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जो गत वर्ष की तुलना में 8.59 प्रतिशत अधिक है।

– राज्य में 1,200 किसानों को मधुमक्खी पालन के साथ जोड़ने के लिए 10 करोड़ रुपए की राशि से मीठी क्रांति नाम की योजना शुरू की गई है। वित्तीय वर्ष 2019-20 में 100 करोड़ रुपए की राशि से मीठी क्रांति का लाभ 12 हजार किसानों को पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है।

-साथ ही झारखंड में सूखे की स्थिति से निपटने के लिए महाराष्ट्र की तर्ज पर सुजलाम सुफलाम योजना लागू करने का निर्णय लिया गया है। इस योजना के अंतर्गत सूखाग्रस्त जिलों में नाला, झील, डैम एवं तालाबों का निर्माण किया जाएगा, ताकि इन ढांचों की मदद से पानी की क्षमता को बढ़ाकर कृषि कार्य में मदद लिया जा सके।

– कृषि उत्पादों के बेहतर विपणन के लिए राज्य के सभी जिलों में 5 हजार मीट्रिक टन क्षमता के एक-एक शीतगृह का निर्माण कराने का निर्णय लिया गया है। अब तक 14 जिलों में शीतगृह का निर्माण चल रहा है।

-वित्तीय वर्ष 2019-20 में खूंटी, सरायकेला-खरसांवा, लातेहार, रामगढ़, हजारीबाग, कोडरमा, धनबाद, दुमका, पाकुड़ एवं जामताड़ा जिलों में 5 हजार मीट्रिक टन क्षमता के शीतगृह का निर्माण कराया जाएगा। वित्तीय वर्ष 2018-19 में 46 प्रखण्ड में कोल्ड रूम का निर्माण किया जा रहा है। वित्तीय वर्ष 2019-20 में 100 प्रखण्डों में कोल्ड रूम का निर्माण करने का लक्ष्य है।

-झारखंड के हर जिलों में शीत गृह का निर्माण, टाना भगतों को शत-प्रतिशत अनुदान पर चार गाय दी जाएगी।

-मछली पालन तकनीक का प्रचार-प्रसार किया जाएगा। इन तकनीक को गांव-गांव तक पहुंचाया जाएगा।

-2100 मछुवारों को आवास की सुविधा दी जाएगी। कामधेनु डेयरी फार्मिंग योजना शुरू की जाएगी।

-मछली पालकों और सखी मंडलों को ट्रेनिंग दी जाएगी। एक लाख से ज्यादा मछली पालों का बीमा किया जाएगा।

– निर्भया फंड के तहत 21 जिलों में में वन स्टॉप सेंटर। 100 प्रखंडों में कोल्ड रूम खुलेगा।

– उड़ान योजना के तहत जमशेदपुर, बोकारो और दुमका से विमान सेवा।

– वित्तीय वर्ष 2019-20 में डेढ़ लाख पीएम आवास बनाने का लक्ष्य।

– वित्तीय वर्ष 2019-20 में 3 हजार बिरसा आवास बनाने का लक्ष्य।

– 81.25 प्रतिशत हुई राज्य की साक्षरता दर।

– 263 प्रखंडों में आवासीय विद्यालयों का निर्माण।